लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव

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लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव
लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव

    राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में आज प्रखर समाजवादी नेता एवं चिंतक डॉ0 राममनोहर लोहिया जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोमतीनगर लखनऊ स्थित डॉ0 राममनोहर लोहिया पार्क में डॉ0 लोहिया जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अखिलेश यादव ने प्रखर चिंतक, स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा के पुरोधा डॉ0 राममनोहर लोहिया की 56वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी। सामाजिक अन्याय और विषमता के विरूद्ध उनकी ‘सप्तक्रांति‘ की अवधारणा को अपनाते हुए समाजवादी पार्टी उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है। लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव

लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव

9 अगस्त १९४२ को जब गांधी जी व अन्य कांग्रेस के नेता गिरफ्तार कर लिए गए, तब लोहिया ने भूमिगत रहकर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को पूरे देश में फैलाया। लोहिया, अच्युत पटवर्धन, सादिक अली, पुरूषोत्तम टिकरम दास, मोहनलाल सक्सेना, रामनन्दन मिश्रा, सदाशिव महादेव जोशी, साने गुरूजी, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, अरूणा आसिफअली, सुचेता कृपलानी और पूर्णिमा बनर्जी आदि नेताओं का केन्द्रीय संचालन मंडल बनाया गया। लोहिया पर नीति निर्धारण कर विचार देने का कार्यभार सौंपा गया। भूमिगत रहते हुए ‘जंग जू आगे बढ़ो, क्रांति की तैयारी करो, आजाद राज्य कैसे बने’ जैसी पुस्तिकाएं लिखीं। 20 मई 1944 को लोहिया जी को बंबई में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद लाहौर किले की एक अंधेरी कोठरी में रखा गया जहां 14 वर्ष पहले भगत सिंह को फांसी दी गई थी। पुलिस द्वारा लगातार उन्हें यातनाएँ दी गई, 15-15 दिन तक उन्हें सोने नहीं दिया जाता था। किसी से मिलने नहीं दिया गया 4 महीने तक ब्रुश या पेस्ट तक भी नहीं दिया गया। हर समय हथकड़ी बांधे रखी जाती थी। लाहौर के प्रसिद्ध वकील जीवनलाल कपूर द्वारा हैबियस कारपस की दरखास्त लगाने पर उन्हें तथा जयप्रकाश नारायण को स्टेट प्रिजनर घोषित कर दिया गया। मुकदमे के चलते सरकार को लोहिया को पढ़ने-लिखने की सुविधा देनी पड़ी। पहला पत्र लोहिया ने ब्रिटिश लेबर पार्टी के अध्यक्ष प्रो॰ हेराल्ड जे. लास्की को लिखा जिसमें उन्होंने पूरी स्थिति का विस्तृत ब्यौरा दिया। 1945 में लोहिया को लाहौर से आगरा जेल भेज दिया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने पर गांधी जी तथा कांग्रेस के नेताओं को छोड़ दिया गया। केवल लोहिया व जयप्रकाश ही जेल में थे। इसी बीच अंग्रेजों की सरकार और कांग्रेस की बीच समझौते की बातचीत शुरू हो गई। इंग्लैंड में लेबर पार्टी की सरकार बन गई सरकार का प्रतिनिधि मंडल डॉ॰ लोहिया से आगरा जेल में मिलने आया। इस बीच लोहिया के पिता हीरालाल जी की मृत्यु हो गई। किन्तु लोहिया जी ने सरकार की कृपा पर पेरोल पर छूटने से इंकार कर दिया।

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, पूर्व नेता विरोधी दल राज्य विधानसभा रामगोविन्द चौधरी राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा पूर्व मंत्री एवं विधायक अवधेश प्रसाद ने भी डॉ0 राममनोहर लोहिया जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी एवं फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे। महिलाएं, छात्र-नौजवान, अल्पसंख्यक सभी समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में ‘डॉ0 राममनोहर लोहिया अमर रहे, अखिलेश यादव जिंदाबाद‘ के नारे लगाए। डॉ0 राममनोहर लोहिया जी ने जो रास्ता दिखाया वह आज भी प्रासंगिक है। अगर आज भी हम उस रास्ते पर चलें, उनके सिद्धांतों पर चलें तो समाज की तमाम समस्याओं का समाधान हो सकता है। राजनीतिक, सामाजिक आर्थिक गैरबराबरी खत्म करने के लिए लोहिया जी का रास्ता और नेताजी का संघर्श अनुकरणीय है।


    आज की परिस्थतियों में देश और समाज को कोई दिशा दे सकता है तो वह हैं डॉ0 राममनोहर लोहिया जी के सिद्धांत। जो शोषित, वंचित, पीड़ित हैं, उन्हें समाज में हक और सम्मान दिलाने के लिए डॉ0 राममनोहर लोहिया जी और नेताजी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया है। उन्हीं सिद्धांतो और मूल्यों पर चलकर हम लोग आगे बढ़ रहे हैं। जब साथ आने की बात हो गई, गठबंधन की बात हो गई तो सीटों का भी कोई बड़ा मसला हीं है। भाजपा को घबराहट है कि उसका सफाया होता जा रहा है। लोकनायक जयप्रकाश जी की प्रतिमा को ढक देना, टीन शेड लगा देना, गेट पर ताला लगाना क्या नियत थी इनकी। क्या छुपाना चाहते थे..? गोमती रिवरफ्रंट और समाजवादी म्यूजियम को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है। इनमें जनता का पैसा लगा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों को चोट पहुंचाई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए और इंडिया गठबंधन भाजपा का सफाया कर देगा। लोहिया जी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी-अखिलेश यादव