मनुष्य को मानव तन पर तनिक सा भी घमण्ड नहीं करना चाहिए-सुधा दीदी

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लखनऊ। अंतिम दिन भागवत कथा सुनने का महत्व इतना है कि भागवत प्रेमी भक्त अगर श्रद्वा से उसे आखिरी दिन ही सुन लें,तो पूरे सप्ताह कथा सुनने के बराबर पुण्य अर्जित हो जाता है।यह संदेश कन्नौज की पूज्य सुधा दीदी ने कथा के अंतिम दिन काकोरी के गुरुदीनखेड़ा गांव में उन्नाव सांसद महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी डॉ साक्षीजी महराज के जिला प्रतिनिधि प्रेमचन्द लोधी द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन करते हुए यहां बड़ी संख्या में उपस्थित श्राद्वालुओं को दिया।वही समापन पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भण्डारे का प्रसाद चखा।


सुधा दीदी ने हरि अंनन्त हरि कथा अनन्ता की उक्ति सामने रखते हुए कहा कि गोविंद की यह भागवत कथा बगैर गोविंद के,बगैर राधारानी की अनुकम्पा के न तो कही जा सकती है और न ही सुनी जा सकती है।रुक्मिणी विवाह से आगे गोविंद के प्रथम पुत्र प्रद्युम्न की कथा कहते हुए कहा कि प्रद्युम्न को साक्षात कामदेव का रूप बताते हुए कहा कि हमें इस मानव तन पर तनिक भी घमण्ड नही करना चाहिए।यह तन भी उन्ही गोविंद का है और उन्ही की कृपा से संचालित होता है।उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत भी कामदेव अर्थात महादेव की समाधि की भाषा मे लिखा गया है।शिशुपाल वध की चर्चा करते हुए कहा कि गोविंद पर भरोसा करो तो पूरा करो वही तुम्हारी नइया पार लगा सकते हैं,और सिर्फ प्रभु पर ही नही,अपने आराध्य पर ही नही,जिस किसी पर भरोसा करो तो पूरा करो,तभी काज सफल होंगें।इसी तरह गोविंद से प्रेम करो या किसी और से करो,पूरे सच्चे मन से करो,तभी प्रेम को पाओगे।कथा समापन से पहले केशरी राव धारा सिंह यादव,प्रेमचन्द लोधी,कमलेश लोधी,राम सिंह लोधी,लवकुश यादव,ज्ञान सिंह,सत्यपाल सिंह सहित आदि ने आरती उतारी।इससे पहले यहां पूर्णहुति देकर हवन किया गया।बाद में विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ,जिसमे हजारों भक्तगणों ने प्रसाद चख कर भगवान का आशीर्वाद लिया।