राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार प्राप्त डॉ0 नीना श्रीवास्तव नहीं रहीं

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लखनऊ। राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार प्राप्त डॉ नीना श्रीवास्तव का शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के चलते कमांड अस्पताल में निधन हो गया। डॉ नीना श्रीवास्तव कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित थी। कोरोना संक्रमण के बाद 20 दिन पहले उन्हें राजधानी के कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पति पत्नी दोनों थे संक्रमित
डा नीना श्रीवास्तव और उनके पति ने कमांड अस्पताल में ही वैक्सीन की दूसरी खुराक ली थी। उसके बाद उनके पति कोविड पाज़िटिव हो गए। इलाज के बाद उनके पति तो ठीक हो गए लेकिन वह खुद संक्रमित हो गईं। लगभग 20 दिन पहले कमांड अस्पताल लखनऊ में भर्ती हुई। आज सुबह उसने हमें छोड़ दिया। 4 साल पहले उनका किडनी प्रत्यारोपण भी किया गया था।
मोटापे पर किया था शोध
नीना श्रीवास्तव ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1988 में (एमबीबीएस) स्नातक और 1992 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से स्नातकोत्तर (एमडी, फिजियोलॉजी) किया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से 2009 में “मोटापे से ग्रस्त भारतीयों में मेटाबोलिक, हार्मोनल और आनुवंशिक संबंध” विषय पर उन्होंने पीएचडी पूरी की। प्रो नीना ने संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ से जेनेटिक्स (एक वर्ष) में पोस्ट-डॉक्टोरल कोर्स भी किया।
भारत गौरव पुरस्कार से थीं सम्मानित
प्रो नीना ने 2001 में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, भारत से राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और 2011 में लुधियाना से सीएमसी भी किया। उनका काम मोटापा आनुवंशिकी के संदर्भ में आनुवांशिक संघ अध्ययन पर आधारित है। उनके योगदान अनुसंधान के कारण उन्हें उत्कृष्ट पुरस्कार 2015 की श्रेणी में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार मिले।