अब सरकार उपलब्ध कराएगी ब्लैक फंगस की दवा

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लखनऊउत्तर प्रदेश में म्यूकोरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस के रोगियों के इलाज में प्रयोग की जाने वाली दवा एम्फोटेरीसीन-बी अब सरकार उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार के इस कदम से दवा को लेकर हो रही कालाबाजारी पर ब्रेक लगेगा। सरकारी अस्पतालों में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और मेडिकल कालेजों में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को दवा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अगर खुले बाजार में दवा नहीं मिल रही है तो उन्हें स्थानीय रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से दवा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी दवा की सीमित उपलब्धता को देखते हुए इसे लखनऊ, वाराणसी, मेरठ और आगरा मंडल में रखा गया है।


उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज के परिजन खुले बाजार में दवा न मिलने की स्थिति में मंडलायुक्त और अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय में आवेदन करेंगे। मरीज के लिए दवा की जरूरत का आकलन तीन सदस्यीय कमेटी करेगी। इसमें मंडलायुक्त, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और स्थानीय राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य नामित सदस्य होंगे।


निजी अस्पताल के पर्चे के साथ मरीज के परिजन को तीन दिन की दवा की डोज एक बार उपलब्ध कराई जाएगी। मरीज को यह दवा स्थानीय रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से छह हजार रुपये प्रति लाइपोसोमल इंजेक्शन वायल और 1500 रुपये प्रति इमल्शन वायल की दर से उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें 10 फीसद धनराशि रेडक्रास में रोकते हुए शेष रकम रेडक्रास सोसाइटी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड के खाते में जमा करवा दी जाएगी।

कोविड नियंत्रण कार्यों को जिलों में गति देंगे प्रभारी मंत्री –

कोरोना पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे अभियान की हकीकत जानने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों का दौरा कर लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड नियंत्रण कार्यों की निगरानी के लिए प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि वे जिलों में जाकर कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की निगरानी करें। आम जन से मिलें और उनकी समस्याओं का निराकरण कराएं। कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद करें। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले सचिव या उनसे उच्च स्तर के 59 अधिकारियों को जिलो में कोविड नियंत्रण कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी बनाया था।