पंचायत आरक्षण का प्रस्ताव मंजूर

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पंचायतों के आरक्षण पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से जुड़े प्रस्ताव पर भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही नमामि गंगे विभाग के अंतर्गत यूपी अटल भू-जल योजना के संचालन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया समेत गाइडलाइन्स को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पंचायत में आरक्षण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों व पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटा दिया गया है। अब पुनर्गठित मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर सहित सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण फार्मूले पर अमल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बाई सर्कुलेशन बैठक में इसके साथ ही 11 अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण को बदल दिया है। आज ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण को भी तय कर दिया है। इसमें कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के माध्यम से संशोधन किया गया है। प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए हाई कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव की तैयारी है। इसके लिए 17 मार्च से पहले आरक्षण की सूची आनी थी। इस सूची के आने से पहले सरकार ने आज आरक्षण के प्रस्ताव में संशोधन किया। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने प्रस्ताव रखा था, अब कई जिलों में पंचायत सीटें प्रभावित होंगी।

योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इसके साथ ही कौशाम्बी में निर्माणाधीन 15 सुइट गेस्ट हाउस से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर किया है। गोरखपुर में एनेक्सी भवन के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण व रिमॉडलिंग से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इस बैठक में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में स्पोट्र्स काम्प्लेक्स से जुड़े प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने नमामि गंगे विभाग के अंतर्गत यूपी अटल भूजल योजना के संचालन व क्रियान्वयन की प्रक्रिया व गाइडलाइंस को भी मंजूरी दी है।

कैबिनेट ने इसके लिए उ0प्र0 अधिकारों का अभिलेख (कंप्यूटरीकरण) (चतुर्थ संशोधन), नियमावली, 2021 को मंजूरी दे दी। पांच पन्ने से अधिक की कंप्यूटरीकृत खतौनी पाने के लिए अब प्रति पृष्ठ एक रुपये अतिरिक्त यूजर चार्ज (प्रयोक्ता प्रभार) देना होगा। अब कंप्यूटरीकृत खतौनी हासिल करने के लिए लोगों की ओर से अदा किये जाने वाले यूजर चार्ज की धनराशि का इस्तेमाल राजस्व परिषद और उसके अधीन मंडल, जिला व तहसील के कंप्यूटर केंद्रों के रखरखाव, राजस्व न्यायालयों व अभिलेखागारों तथा भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण, अपडेशन और रखरखाव के लिए भी किया जा सकेगा।