जोधपुर में पटवारी 25 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार Patwari arrested for taking bribe of 25 lakhs in Jodhpur

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जोधपुर में पटवारी बीरबल राम को 25 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। इससे राजस्थान के राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या एक पटवारी अकेले दम पर इतनी मोटी रकम हजम कर सकता है। एसीबी ने नकली नोटों का सहारा लिया।

एस0 पी0 मित्तल

19 अक्टूबर को जोधपुर में पटवारी बीरबल राम को 25 लाख रुपए 21 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। राजस्व विभाग में पटवारी सबसे छोटा कार्मिक होता है। अब यदि पटवारी ही 25 लाख रुपए की रिश्वत ले रहा है तो राजस्थान के राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह भी है कि क्या एक पटवारी अपने दम पर 25 लाख रुपए की रिश्वत हजम कर सकता है….? पटवारी के ऊपर नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर तक के अधिकारी होते हैं। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है।

जब मुख्यमंत्री के गृह जिले में रिश्वतखोरी का यह हाल है तो अन्य जिलों में फैले भ्रष्टाचार का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जोधपुर की खराब सड़कों के संदर्भ में सीएम गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि जब मुख्यमंत्री के घर की सड़कों की हालत इतनी खराब है तो फिर प्रदेश की सड़कें भी खराब होंगी। जोधपुर स्थित एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिवादी मनोज ने लिखित में शिकायत दी कि उसकी जमीन की तरमीन (नाप चौप) करवाने के लिए पटवारी बीरबल राम ने 26 लाख रुपए की रिश्वत मांगी है। एसीबी की योजना के अनुसार मनोज ने कुछ राशि पटवारी को पहले दी। योजना के मुताबिक 19 अक्टूबर को पटवारी बीरबल को जब 25 लाख 21 हजार रुपए की राशि दी जा रही थी, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पटवारी के घर से शिकायतकर्ता मनोज की जमीन के कागजात भी बरामद हुए हैं। मनोज ने बताया कि उसकी जमीन करीब 8 करोड़ रुपए की है। इसलिए पटवारी का लालच बढ़ गया।

पहले रिश्वत के बतौर 30 x 60 वर्ग गज वाला भूखंड मांगा गया, लेकिन बाद में इस भूखंड की एवज में 26 लाख रुपए की राशि मांगी। पुरोहित ने बताया कि फोन रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि पटवारी बीरबल राम अधिकांश मामलों में रिश्वत की मांग कर रहा है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बीरबल राम को नेवी के हवलदार के पद से सेवानिवृत्ति के बाद सैनिक कोटे में पटवारी की नौकरी मिली। लेकिन इसके बावजूद भी बीरबल राम मोटी मोटी राशि रिश्वत के तौर पर ले रहा है। पुरोहित ने बताया कि गिरफ्तार पटवारी रसूक वाला है, इसलिए पिछले कई वर्षों से जोधपुर के महत्वपूर्ण क्षेत्र में नियुक्त है। पटवारी के अब तक के कार्यकाल की जांच पड़ताल की जाएगी। यदि इस प्रकरण में कोई अन्य अधिकारी लिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध भी कार्यवाही होगी।