अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाए रखने के साथ साथ राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था को भी संभालना चाहिए।ढिलाई की वजह से राजस्थान में कई अपराधी गिरोह सक्रिय। यूपी में पुलिस से डरते हैं अपराधी।

एस0 पी0 मित्तल

अशोक गहलोत भारत के पहले ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो हर परिस्थिति में अपने मुख्यमंत्री पद को बचाए रखते हैं। सचिन पायलट दिल्ली जाकर सरकार गिराने की कोशिश करें या फिर कांग्रेस हाईकमान हटाने का प्रयास करें, सभी कोशिशें और प्रयोग को गहलोत विफल कर देते हैं। देश के संसदीय इतिहास में भी यह पहला अवसर होगा, जब अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए कांग्रेस के 106 में 92 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस हाईकमान यदि गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की हिमाकत करता तो अब तक इस्तीफे मंजूर हो जाते। यह सही है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए गहलोत राजनीति के सभी करतब कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। 18 अक्टूबर को ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देशव्यापी छापेमारी के तहत राजस्थान में भी गुंडा तत्वों पर कार्यवाही की है।

एनआईए के सूत्रों के अनुसार राजस्थान में कुख्यात आपराधिक गिरोह के करीब 500 बदमाश सक्रिय हैं जो वसूली का कार्य करते हैं। यदि कोई धनाढ्य व्यक्ति पैसा नहीं देता है तो उसकी हत्या कर दी जाती है। गुंडा तत्वों के लिए राजस्थान सुरक्षित माना जाता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन में 150 से भी ज्यादा बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार डाला है। आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में पिछले 15 वर्षों में सिर्फ पांच बदमाश मुठभेड़ में मारे गए हैं। यही वजह है कि बदमाश अब यूपी पुलिस से डरते हैं। राजस्थान में सीएम गहलोत के पास ही गृह विभाग भी है, इसलिए बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए गहलोत सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। यह माना कि गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होने के नाते कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी गहलोत की है। यदि किसी प्रदेश को गुंडा तत्व सुरक्षित मानने लगे तो उस प्रदेश की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।

यह बात भी अपने आप में गंभीर है कि एनआईए को राजस्थान में गुंडा तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ रही है। गहलोत के मुख्यमंत्री रहते पुलिस में जबरदस्त राजनीतिक दखल हुआ है। थानाधिकारी तक विधायकों की सिफारिश पर लगे हैं। विधायकों को हर दृष्टि से खुश रखा गया है, इसलिए अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार की कमजोर स्थिति का फायदा गुंडा तत्व भी उठा रहे हैं। गुंडा तत्व अब अवैध खनन, नशीले पदार्थों की बिक्री जैसे कार्यों में सक्रिय हो गए है। गुंडा तत्वों की सक्रियता का खामियाजा राजस्थान की जनता को उठाना पड़ सकता है।