दरवाजा कारोबारी अमित वर्मा की मौत से जुड़े लोगों की बढ़ सकती है मुश्किलें

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दरवाजा कारोबारी अमित बर्मा के मौत से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है पुलिस की पंचनामा व डाक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिली मृतक के शरीर की जाहिरा चोटे।

राम जनम यादव

अयोध्या।. सियासी खेल में 28 दिनों से गोते लगा रही दरवाजा कारोबारी अमित बर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में 11 हजार बिजली के हाई बोल्टेज करेंट से हुई मौत की कहानी मृतक की पोस्टमार्टम व पंचनामा रिपोर्ट की जाहिरा चोटे घटना से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। तारुन थाना क्षेत्र के देवा पट्टी टाहडीह निवासी अमित बर्मा की बीते 25 अगस्त की रात उसके महिला रिश्तेदार के मकान की छत पर हाई बोल्टेज बिजली के तारों के नीचे चनहा पिपरी मार्ग के किनारे नेतवारी चतुरपुर गांव के पास लाश मिली थी। जिसकी पहचान देवा पट्टी ताहडीह निवासी अमित बर्मा के रूप में हुई थी।

मृतक युवक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई एक दर्जन चोटो ने घटना को दुर्घटना का रूप देने की गढ़ी जा रही कहानी को उलट दिया है। जिससे अब प्रबल आशंका जतायी जा रही है कि अमित बर्मा की मौत दुर्घटना में न होकर उसकी हत्त्या की गयी थी और कहानी को नया मोड़ देने को हत्त्यारो ने पुलिस जांच को उलझाने का नाटक रचा था। क्योकि मृतक के शरीर के कुछ हिस्सो के साथ उसके नाजुक अंग भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जले पाये गये हैंं।ऐसा पीएम रिपोर्ट का अध्ययन करने वाले हाईकोर्ट के अधिवक्ता का कहना था कि अमित बर्मा के साथ क्रूरता व निर्दयता की हदें पार की गयी प्रतीत होती हैं।

अमित बर्मा की लाश का पंचनामा करने वाले अयोध्या नगर कोतवाली के दरोगा सत्य प्रकाश यादव ने अपनी पंचनामा रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर मौके पर पायी गयी जाहिरा चोटो का विवरण उल्लेखित करते हुऐ दर्शाया है कि मृतक के सिर में चोट,बाये हाथ की हथेली पर जलने के निशान, ढोड़ी के नीचे निलगू का निशान,दाये हाथ की कनिष्ठा की अंगुली में चोट का निशान, दाहिने पैर की जांघ पर चोट के निशान, व बाये पैर पर भी चोट के निशान, कमर पर नीलगू, दाहिने कंधे पर चोट,दाहिने पैर के घुटने के नीचे जलने के निशान पाये थे।

इसके बाद मृतक के शरीर का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने भी मृतक के शरीर पर एक दर्जन चोटो का होना पाया था।जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी पीएम रिपोर्ट में किया है। पीएम रिपोर्ट का अध्ययन करने वाले उच्च न्यायालय के एक अधिवक्ता ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुये बताया कि मृतक के दाये बाये हाथ मे चोट,दाहिनी कमर व छाती पर जले के निशान, जांघ पर दाये बाये साइड जले के निशान,नाजुक अंग के जलने के निशान, रीढ़ की हड्डी पर चोट के निशान, सहित दर्जन भर चोटे बताई थी।

इससे यह साबित होता है कि अमित बर्मा हाई बोल्टेज 11 हजार बिजली की लाइन से नही टकराया था। इस लिए उसकी मौत वर्न इंजरी से न होकर हेड इंजरी से हुई मानी जा रही है।आखिर इन सब रिपोर्ट को पाने के बाद भी इलाक़ाई पुलिस अमित की मौत हत्या की जगह क्यों बिजली करंट से होना क्यों मान रही है। माना जा रहा है की अगर अमित वर्मा की मौत हाई बोल्टेज बिजली से हुई होती तो उसका पूरा शरीर जलने की जगह क्यो अलग अलग स्थान पर जला था। इससे प्रतीत होता हैंं कि अमित के शरीर को जगह जगह जलाकर कहानी को मोड़ देने का नाटक रचा गया था। कानून विदों का मानना है की अमित की मौत 440 जैसे बिजली करेंंट के प्रयोग करने से भी हो सकती है।उधर थानाध्यक्ष तारुन जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रकरण में पूछने के बाबत बताया कि अमित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अमित की मौत बिजली करेंट से होना पायी गयी हैं।