उत्तर प्रदेश में महिलाओं व लड़कियों की दुर्दशा-अनुराग यादव

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उत्तर प्रदेश में आए दिन महिलाओं व लड़कियों के साथ रेप की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना मथुरा से है जहां एक लड़की आगरा से दरोगा भर्ती की परीक्षा देकर लौट रही थी। उसी दौरान चलती कार में कुछ युवकों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया। आरोपियों की दरिंदगी यहीं नहीं खत्म हुई। आरोपियों ने गैंगरेप के बाद लड़की को लहूलुहान हालत में कोसी बाईपास पर फेंका और वहां से फरार हो गए। चीखती बिलखती और लहूलुहान लड़की को जब राहगीरों ने देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया।  पूछताछ करने पर युवती ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 

पीलीभीत की घटना ने एक बार फिर योगी सरकार की नाकामी उजागर कर दी है। साथ ही बहन-बेटियों और उनके अभिभावकों को डरा दिया है,लगातार हो रही ऐसी घटनाएं बता रही हैं कि योगीराज में बहन-बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से बेटियां स्कूल जाने से भी डरने लगी हैं तो वहीं अभिभावक भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। योगी बाबा की सरकार खुद अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने बेटियों के लिए प्रदेश में बेखौफ माहौल बनाया है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।

अनुराग यादव ने उत्तर प्रदेश की बाबा सरकार पर हमला बोलते हुए  कहा कि योगी राज में बहन-बेटियां कहीं सुरक्षि‍त नहीं हैं।पीलीभीत के बरखेड़ा में कोचिंग गई 11वीं की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने का मामला एक उदाहरण है।यूपी में एक के बाद एक बलात्कार की दिल दहला देने वाली घटनाएं बता रही हैं कि यहां योगी सरकार बलात्कारियों के साथ है। इससे बलात्कारियों के हौसले बुलंद हैं और वो इस तरह की शर्मनाक घटनाएं लगातार अंजाम दे रहे हैं।

योगीराज में उत्तर प्रदेश का राजनीतिक स्तर गिर गया है वह व्यक्तिगत लांछन पर उतर आई है और जब उसके पास आज कोई मुद्दा नहीं बचा है तो वह हिंदू मुस्लिम मंदिर और मस्जिद पर आ गई है।विकास का गुजरात मॉडल वह कहीं बता पाने में सक्षम नहीं है आज उत्तर प्रदेश का विकास रुक सा गया है उत्तर प्रदेश का हर नागरिक और व्यापारी कहीं ना कहीं व्यथित है।सरकार अपनी राजनीति में उलझी है जनता बेहाल है।शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

अनुराग यादव ने कहा प्रदेश और केंद्र की सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण देश का अन्नदाता किसानों और नौजवानों का भविष्य पूरी तरह खतरे में है। दोनों सरकारे पुंजीपतियों की सरकार है। उन्हीं के लिए काम कर रही है।कोरोना में कितने लोग मरे और कितने किसान मरे, सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसका कारण ये हैं कि आप इन लोगों को मुआवजा नहीं देना चाहते। जब ये शहीद हुए आपने सदन में 2 मिनट का मौन व्रत तक नहीं रखा। अगर वे चाहते हैं तो लिस्ट लें और 700 परिवारों को मुआवजा दें।सरकार ने कोरोना का डर दिखाकर सभी वर्गों को बर्बाद कर दिया है। विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव और अन्य चुनाव समय पर हो रहे है। पर किसान और नौजवान के लिए इन सरकारों पर समय नहीं है।योगी सरकार में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षित नौजवानों को हुआ है। सरकार उनकी नहीं सुन रही है। प्रदेश में पूरी तरह से जंगलराज है।उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव आते अखिलेश यादव की भीड़ एवं जनता का आक्रोश देख मोदी सरकार ने किसान बिल वापस लिया है,जबकि किसान बिल लाने वाले मोदी बाबा बिना चर्चा की ही बिल वापस लिया है।किसान धरना के दौरान जो राजस्व की हानि हुई उसे किससे वसूलेगी सरकार अब जनता का 2022 में उत्तर प्रदेश चलेगा बुल्डोज़र।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति समझने के लिए हमें तीन बिंदुओं को समझना होगा। पहला सामाजिक ताना-बाना, दूसरा प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध की स्थिति और तीसरा महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र मेंं प्रगति और उनके स्वास्थ्य की स्थिति। प्रदेश के सामाजिक ढांचे में आज भी महिला का स्थान दोयम दर्जे के नागरिक का है। महिलाओं को दहेज प्रथा, गर्भ/भ्रूण हत्या, पारिवारिक हिंसा और पुरुष के वर्चस्व का शिकार होना पड़ता है। पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के पश्चात भी किसी भी पद के लिए चुनी गई महिला को अपने अधिकार और कर्तव्य के निर्वहन हेतु पुरुषों के निर्देश का पालन करना होता है। आज भी समाज में बड़े तबके में बेटी के जन्म का समारोह नहीं मनाया जाता। प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध जिस तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी है वह भी चिंता का विषय है।

महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले वाले 5 राज्य – उत्तर प्रदेश- 49,385,पश्चिम बंगाल- 36,439, राजस्थान- 34,535, महाराष्ट्र- 31,954, असम- 26,352।

सबसे ज्यादा रेप केस वाले 5 राज्य- राजस्थान- 5310, उत्तर प्रदेश- 2769, मध्य प्रदेश- 2339, महाराष्ट्र- 2061, असम- 1657 ।

राजस्थान में साल 2020 में सबसे अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए हैं,इसके बाद लिस्ट में इस मामले में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नाम शामिल है।इन दोनों राज्य में बलात्कार जैसे जघंन्य अपराध के मामलों की बात करें तो देशभर के कुल मामलों में करीब 30 प्रतिशत रेप केस सिर्फ इन्हीं दोनों राज्यों में दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी साल 2020 के आंकड़ों से ये जानकारी मिली है।साल 2020 में देश भर में बलात्कार के कुल 28046 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से अकेले राजस्थान में कुल 5,310 मामले दर्ज हुए, जबकि दूसरे स्थान पर मौजूद उत्तर प्रदेश में बलात्कार के 2,769 मामले दर्ज हुए। इन दोनों राज्यों के बाद मध्य प्रदेश 2,339 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर और महाराष्ट्र 2,061 मामलों के साथ चौथे स्थान पर रहा।

देश में सामूहिक बलात्कार के साथ हत्या के 296 मामले दर्ज हुए। उनमें से 41 मामले उत्तर प्रदेश के हैं। देश में पास्को एक्ट के तहत 21,848 मुकदमे दर्ज हुए, इनमें से उत्तर प्रदेश के 2,125 मामले हैं। एसिड अटैक के देश में दर्ज 136 मामलों में से 32 मामले अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। पूरे देश में महिलाओं से छेड़छाड़ एवं महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाने के 90,039 मामले दर्ज हुए। इनमें से उत्तर प्रदेश के 12,977 मामले हैं जोकि कुल दर्ज मामलों का 11.8% है।


उत्तर प्रदेश में यह बात किसी से छुपी नहीं है कि पुलिस बल के पास संसाधनों की कमी है। साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली भी महिला को लेकर बेहतर नहीं है। देश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में प्रदेश अव्वल नंबर पर है उसके बाद भी प्रदेश सरकार पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने और पुलिस बल को बेहतर साधन मुहैया कराने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।