रामचंद्र चौधरी की मेहनत से माला माल अजमेर डेयरी

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वाडीलाल और अमूल से भी सस्ती है अजमेर डेयरी की आईसक्रीम। 8 मार्च से बाजार में उपलब्ध।बाबा रामदेव का पतंजलि संस्थान भी अजमेर डेयरी का व्हाइट बटर खरीद रहा है।अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी की मेहनत से माला माल हो गई है अजमेर डेयरी।

एस0 पी0 मित्तल

अजमेर – कोई 350 करोड़ रुपए की लागत से बने अजमेर डेयरी के नए प्लांट में अब स्वादिष्ट और शुद्ध दूध से तैयार आइसक्रीम 8 मार्च से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी और प्रबंध संचालक उमेश चंद व्यास ने बताया कि 90 एमएल का कप 10 रुपए तथा 40 एमएल आइसक्रीम का कप 5 रुपए में उपलब्ध होगा। अभी वलीना फ्लेवर्ड की आइसक्रीम मिलेगी, लेकिन जल्द ही अन्य फ्लेवर्ड भी उपभोक्ताओं को मिलने लगेंगे। अजमेर डेयरी की आइसक्रीम वाडीलाल, अमूल, हेमोर, क्रीमवेल, क्वालिटी आदि से भी सस्ती है।

बाजार में इन ख्याति प्राप्त कंपनियों के 50 से 60 एमएल वाले कप 10 रुपए में मिलते हैं, जबकि डेयरी की 90 एमएल आइसक्रीम 10 रुपए में मिलेगी। जहां तक डेयरी के उत्पादों की गुणवत्ता का सवाल है तो इसका अंदाजा बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान की खरीद से ही लगाया जा सकता है। अजमेर डेयरी के नए प्लांट में तैयार व्हाइट बटर हरिद्वार स्थित पतंजलि की फैक्ट्री में मंगाया जा रहा है।

बाबा रामदेव अब तक अजमेर डेयरी से 100 मेट्रिक टन व्हाइट बटर खरीद चुके हैं। अजमेर डेयरी, बिहार मिल्क फेडरेशन के साथ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों की सरकारी, अद्र्ध सरकारी और प्राइवेट डेयरियों को दूध और उससे बने उत्पाद की बिक्री कर रही है। व्हाइट बटर 310 प्रति किलो के भाव से बेचा जा रहा है। नए प्लांट के शुरू होने से दूध की प्रोसेसिंग भी बढ़ गई है। मौजूदा समय में चार लाख लीटर से भी ज्यादा दूध का संग्रहण हो रहा है। चूंकि अजमेर डेयरी सहकारिता के क्षेत्र में संचालित है, इसलिए डेयरी प्रबंधन का उद्देश्य अजमेर जिले के पशुपालकों की आय को बढाऩा है। इस समय जिले के दुग्ध उत्पादकों को 6 रुपए 20 पैसे प्रति फैट की दर से भुगतान किया जा रहा है।

इसमें 30 पैसे प्रति फैट राज्य सरकार अलग से देती है। चूंकि नए प्लांट की वजह से डेयरी के राजस्व में वृद्धि हुई है, इसलिए पशुपालकों की बकाया राशि का भी भुगतान किया जा रहा है तथा नए प्लांट की ऋण किश्तें भी चुकाई जा रही है। डेयरी प्रबंधन का प्रयास है कि ऋण का भुगतान समय से पहले ही कर दिया जाए, ताकि ब्याज की बचत हो सके।

डेयरी के राजस्व का सबसे ज्यादा फायदा पशुपालकों को ही होगा, नया प्लांट लगाकर अजमेर डेयरी को माला माल करने में अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी की मेहनत रही है। चौधरी ने ही केन्द्र सरकार से 250 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत करवा कर नया प्लांट का निर्माण तय समय में करवाया। अजमेर डेयरी देश की एक मात्र डेयरी है जो कोल्ड चैन सिस्टम से बंधी हुई है।

पशुपालकों का दूध भी ग्रामीण क्षेत्र के संग्रहण केन्द्रों पर कम्प्यूटर नाप से ही लिया जाता है। कम्प्यूटर से निकली पर्ची ही पशुपालक को दी जाती है। फिर इस पर्ची के आधार पर ही भुगतान होता है। यानि डेयरी के सम्पूर्ण कामकाज में पारदर्शिता है।

चौधरी ने कहा कि वे स्वयं किसान परिवार से हैं, इसलिए पशुपालकों की समस्याओं को समझते हैं, लेकिन जल्द ही अजमेर जिले का पशु पालक देश का सबसे समृद्ध पशुपालक होगा। इससे युवाओं में डेयरी उद्योग के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। डेयरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने और पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिए मोबाइल नम्बर 9414004111 पर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी को बधाई दी जा सकती है।