सफलता की कहानी

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प्रदेश में सड़कों एवं पुलों का निर्माण कर आवागमन को बनाया गया सुगम-


लखनऊ। मानव विकास में आवागमन का बहुत बड़ा महत्व रहा है। विकास के साथ ही पैदल पग डंडिया पहियों, बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, इक्का, तांगा आदि परम्परागत साधनों के साथ ही आधुनिक साइकिल, रिक्सा, मोटर वाहन, रेल, वायुयान आदि यातायात के संसाधनों का तीव्र गति से विकास हुआ है। आज आर्थिक विकास के लिए आवागमन के लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों, पुलों का निर्माण जरूरी है। प्रदेश सरकार गॉवों से शहरों तक अच्छी गुणवत्ता की सड़क व पुल बनाकर लोगों का चतुर्दिक विकास कर रही है। उत्तर प्रदेश में यातायात को सुगम्य व सरल बनाने के लिये जहां सड़कों का जाल बिछाया जा रहा हैव हीं पुलों और शासकीय भवनों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जहां बड़ी संख्या में स्टेट हाईवे घोषित कर उनके चौड़ीकरण, सौन्दर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं, वहीं ग्रामीण सम्पर्क मार्गों पर विशेष ध्यान देते हुए निर्माण किया जा रहा है।


सच मायने में उ0प्र0 की सड़कें और पुल प्रदेश के विकास का माप दण्ड और आधार साबित हो रहे हैं। जनता की मूल भूत आवश्यकताओं में सड़कें और पुल भी हैं क्योंकि बिना सम्पर्क मार्गों व बिना  सेतुओं के न तो जनता अपने गन्तव्य तक आसानी से पहुंच सकती है, न ही विपणन व्यवस्था सुदृढ़ हो सकती है। इसी दृष्टि कोण से उ0प्र0 में लोक निर्माण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत सम्पर्क मार्गों का जाल बिछाया गया है, वहीं पुल-पुलियों का निर्माण कर लोगों के गन्तव्य स्थल की दूरी को कम किया गया है। मंडियों, बड़े धार्मिक स्थलों, मुख्य बाजारों, मेला स्थलों आदि को भी सम्पर्क मार्गों से जोड़ा गया है। नगरीय क्षेत्रों व अन्य भीड भाड़ वाले स्थलों जहां पर जाम की समस्या हमेशा बनी रहती थी, वहां पर फ्लाई ओवर व बाई पास बनाकर जाम की समस्या से निजात दिलाते हुये यातायात को सुगम बनाया गया है।


लखनऊ शहर में तुलसीदास मार्ग विक्टोरिया स्ट्रीट पर हैदरगंज तिराहा से मीना बेकरी से पूर्व तक 02 लेन फ्लाई ओवर निर्माण करके उ0प्र0 सेतु निगम ने बड़ी सफलता हासिल की है। जबतक यह फ्लाई ओवर नहीं था लगभग डेढ़ दर्जन मोहल्लों के लोगों सहित अन्य लोगों को आवागमन में बेहद असुविधा का सामना करना पड़ता था। यह शहर का अत्यन्त व्यस्ततम मार्ग होने के कारण जाम की समस्या बनी रहती थी।
लखनऊ पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में रू0 64 करोड़ 46 लाख 87 हजार की लागत से 908.05 मी0 बने इस 02 लेन फ्लाई ओवर से राजा जी पूरम हैदरगंज, चौक, नक्खास, ऐशबाग, नाका-हिन्डोला, मवईया, चारबाग, आलमबाग, आर0डी0एस0ओ0, आलमनगर, टूड़ियागंज, राजेन्द्र नगर सहित आस-पास के लगभग 15 से 20 लाख की आबादी के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिली है। पुराना लखनऊ से बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा एवं अन्य पर्यटन स्थल जाने के लिये, यह मुख्य मार्ग है। शहर की घनी आबादी वाले इस मार्ग पर यातायात घनत्व बहुत ज्यादा होने के कारण बुला की अड्डा चौराहे पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती थी और त्योहारों के दौरान इस मार्ग पर चलना बहुत कठिन हो जाता था। इस उपरिगामी 02 लेन सेतु के निर्माण से शहर की जनता को बुला की अड्डे पर लगने वाले जाम से निजात मिल गयी है और आवाग मन भी सुलभ व सरल हो गया है। इससे जहां आवागमन में पूर्व में आ रही कठिनाईयो से निजात मिली है, वही ंलोगों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में समय भी बर्बाद नहीं हो रहा है। सच मायने में प्रदेश सरकार की यह परियोजना क्षेत्रीय लोगों के लिये एक वरदान साबित हो रही है।