जिम्मेदार को नहीं दिख रही विधवा महिला की गरीबी

203
जिम्मेदार को नहीं दिख रही विधवा महिला की गरीबी
जिम्मेदार को नहीं दिख रही विधवा महिला की गरीबी

गरीब महिला का परिवार घास-फूस के मकान में रहने को मजबूर। जिम्मेदार को नहीं दिख रही गरीब विधवा महिला की गरीबी।जीवनसाथी को खोने का दर्द किसी को भी तोड़कर रख सकता है। खासतौर पर महिलाएं अपने पति को खोने के बाद बहुत ही बेसहारा महसूस करती हैं। जिम्मेदार को नहीं दिख रही विधवा महिला की गरीबी

अब्दुल जब्बार

भेलसर(अयोध्या)। विकास खंड मवई के ग्राम पंचायत कसारी में बालाघाट की रजकला पत्नी रज्जन लाल का परिवार घास फूस की झोपड़ी में रहने को मजबूर है।महिला के पति रज्जन लाल की पहले ही मौत हो चुकी है जिसके कारण महिला के ऊपर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया।महिला के छोटे छोटे बच्चे है। जिनका पालन पोषण महिला स्वयं ही मजदूरी करके किसी तरह कर रही है।अभी तक किसी जिम्मेदार ने इस गरीब परिवार को एक आवास देने की जहमत नहीं उठाई जबकि पीड़िता ने अनेकों बार इस सम्बंध में शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


सरकार भले ही तमाम योजनाएं गरीबों के लिए लागू करती हो लेकिन जिम्मेदार खुद सरकारी योजनाओं को साकार नहीं होने देना चाहते हैं और सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और गरीबों का हक भी मारा करते हैं।जो जिम्मेदार लोग सरकारी योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं वह लोग जनता और सरकार के दुश्मन होते हैं जो सरकारी योजनाओं को छलावा साबित करने पर जुटे हुए हैं।एक गरीब विधवा परिवार फूस के छप्पर के नीचे अपने बच्चों के साथ किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रही है ऐसे गरीबों पर गांव के जिम्मेदार को तरस न आए तो कितनी शर्म की बात है।

इस गरीब परिवार से जब पूछा गया कि क्या आपको प्रधानमंत्री आवास योजना का आवास नहीं दिया गया है तो उसने जवाब दिया भैया आश्वासन तो मिला लेकिन आवास नहीं मिला।गांव के ऐसे जिम्मेदार गांव के गरीबों की खबर किस लिए नहीं लेते हैं क्या इस गरीब विधवा की स्थिति किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नहीं दिखी।महिला ने बात चीत में बताया कि जब जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुए हैं तब भी माननीय प्रत्याशियों के चहेते वोट मांगने जरूर आएं थे लेकिन गांव के गरीब पर किसी को कोई तरस नहीं आया और न ही कोई इस गरीब की मदद करना चाहता तो अब तक गरीब महिला की ग़रीबी चली गई होती।भला हो पूर्ति निरीक्षक संजय चौधरी का जिनहो इस ग़रीब महिला की हालत पर तरस खाकर उसका अन्त्योदय राशनकार्ड बना दिया जिससे उसको अनाज प्राप्त हो जाता है।

दुनिया भर में कई महिलाओं के लिए, एक साथी का विनाशकारी नुकसान उनके बुनियादी अधिकारों और सम्मान के लिए दीर्घकालिक लड़ाई से बढ़ जाता है। इस तथ्य के बावजूद कि दुनिया भर में 258 मिलियन से अधिक विधवाएँ हैं, विधवाओं को ऐतिहासिक रूप से हमारे समाज में अनदेखा, असमर्थित और बिना मापे छोड़ दिया गया है। बच्चों की देखभाल या शिक्षा के लिए भी ऋण या अन्य आर्थिक संसाधनों तक पहुंच नहीं है । प्रथागत और धार्मिक कानून के तहत विरासत या भूमि स्वामित्व का कोई अधिकार या सीमित अधिकार नहीं। अपने पति के रिश्तेदारों के दान पर निर्भर रहती हैं।

जीवनसाथी को खोने का दर्द किसी को भी तोड़कर रख सकता है। खासतौर पर महिलाएं अपने पति को खोने के बाद बहुत ही बेसहारा महसूस करती हैं। ऐसे में जो महिलाएं घर बैठे आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहती हैं, उनके लिए ये योजना काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं विधवा महिलाएं किन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।

इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना– विधवा महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इंदिरा गांधी पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को पेंशन के माध्यम से सहायता प्रदान करना। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा विधवा महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। जिन विधवा महिलाओं की उम्र 40 साल से अधिक और 59 साल से कम है, उन्हें इस योजना के तहत हर माह 300 रुपए की धनराशि दी जाएगी।

विधवा पेंशन योजना- जिन महिलाओं के पति की मृत्यु असमय हो जाती है, वे इस योजना के तहत पेंशन का लाभ उठा सकती हैं। यह पेंशन स्किम देश के सभी राज्यों में लागू है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अलग-अलग है। यह योजना विधवा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करता है।

महिला ई हाट योजना- इस योजना के तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, आर्थिक रूप से कमजोर महिला या विधवा महिलाओं को लाभ देना।महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिला ई हाट योजना के तहत एक प्लेटफार्म तैयार किया है, जिसके जरिए महिलाएं अपने कला के माध्यम से भी कमाई कर सकती हैं।

महिला शक्ति केंद्र योजना- यह योजना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। विधवा महिलाएं भी इस योजना के माध्यम से अपने लिए लाभ उठा सकती हैं। यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य, रोजगार, डिजिटल साक्षरता आदि की सुविधा प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री सिलाई मशीन योजना- इस योजना की शुरुआत 2020 में हुई। प्रधानमंत्री सिलाई मशीन योजना के तहत गरीब महिला या विधवा महिला को रोजगार मिल सकता है। इस योजना के जरिए जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन उपलब्ध कराया जाता है। जिससे विधवा या आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं घर बैठे ही अपनी हुनर से अच्छी कमाई कर सकती हैं।

स्वाधार गृह योजना– जरूरतमंद और विधवा महिलाओं के लिए यह योजना आश्रय, भोजन, कपड़े और देखभाल प्रदान करती है। इस योजना के तहत किसी भी बेसहारा महिला को सुविधा प्राप्त हो सकती है। मानसिक रूप से पीड़ित महिलाओं को स्वाधार गृह में रहने की अनुमति नहीं है। जिम्मेदार को नहीं दिख रही विधवा महिला की गरीबी