पृथ्वीराज चौहान के नाम पर चलेगी ट्रेन

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प्रधानमंत्री मोदी रात 11 बजे भी रेल प्रोजेक्ट को लेकर सुझाव देते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के किराए में रियायत अभी नहीं। पहले प्रतिदिन चार किलोमीटर ट्रैक बनता था, अब रोजाना 12 किलोमीटर बन रहा है। रेलवे में निजीकरण को लेकर अब कोई हड़ताल नहीं होती। डूंगरपुर रेल परियोजना में काम नहीं होने के लिए राजस्थान की गहलोत सरकार जिम्मेदार। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव ने सटीक सवालों के स्पष्ट जवाब दिए। पृथ्वीराज चौहान के नाम पर चलेगी ट्रेन। हाड़ा के नेतृत्व में स्वगात।

एस0 पी0 मित्तल

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव 22 नवंबर को एक दिवसीय प्रवास पर अजमेर में रहे। अपने व्यस्त कार्यक्रमों में से वैष्णव ने कुछ समय मुझ से बातचीत के लिए भी निकाला। मैंने जे सटीक सवाल किए, उसके जवाब रेल मंत्री ने स्पष्टता के साथ दिए। मैंने रेलवे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के बारे में जानकारी मांगी तो वैष्णव ने बताया कि देश के 200 रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने का प्रोजेक्ट रेल मंत्रालय ने पीएम मोदी को भेजा। हम सबने मिल कर एक अच्छा प्रोजेक्ट बनाया था, लेकिन एक रात 11 बजे मोदी जी का फोन आया और कहा, वैष्णव तुमने प्रोजेक्ट अच्छा बनाया है, लेकिन इसे आगामी 50 वर्षों को देखकर बनाया जाना चाहिए। यानी 50 वर्ष बाद रेल यात्रियों की संख्या और सुविधा को ध्यान में रखकर रेलवे स्टेशन बनने चाहिए। रात 11 बजे यदि देश का प्रधानमंत्री रेल यात्रियों की चिंता करे तो उसके विजन का अंदाजा लगा लेना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि रेल विभाग से पीएम मोदी भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। यही वजह है कि वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन अब दौड़ने लगी है। यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेशी है। इसे पीएम मोदी का विजन ही कहा जाएगा कि अब देश में प्रतिदिन 12 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बन रहा है, इसे 20 किलोमीटर करने का लक्ष्य है, जबकि 8 साल पहले मात्र 4 किलो मीटर ट्रेक ही प्रतिदिन बनता था। इतना ही नहीं अब 9 हजार हॉर्स पावर के इंजन ट्रेन को चला रहे हैं। रेलवे में अब नए विजन के साथ जो काम हो रहा है उसी का परिणाम है रेल दुर्घटनाएं रुक गई है। रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कम्प्यूटर तकनीक और मेंटेनेंस पर जोर दिया गया है। अब ट्रेन भी निर्धारित समय पर चल रही हैं।

अभी रियायत नहीं-

वरिष्ठ नागरिकों को पहले की तरह रेल किराए में 30 प्रतिशत छूट देने के संबंध में रेल मंत्री ने स्पष्ट कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। लेकिन उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में भी सभी मंत्रियों को 55 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जा रहा है। यात्री ट्रेनों के संचालन में जो खर्च होता है उसे यदि पूरा वसूला जाए तो वर्तमान किराए में 55 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ेगी। गत वर्ष ही रेल यात्रियों को किराए में 65 हजार रुपए का डिस्काउंट दिया गया है। जो राजस्थान सरकार के वार्षिक बजट के बराबर है। रेल मंत्री ने बताया कि नया ट्रेक बिछाने में नई ट्रेन चलाने, रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने आदि के कार्यों पर बहुत राशि खर्च हो रही है। लेकिन फिर भी आम आदमी के स्तर का ख्याल रखा जा रहा है।

निजीकरण को लेकर हड़ताल नहीं-

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि निजीकरण को लेकर अब कोई यूनियन हड़ताल नहीं करती है। असल में रेलवे में निजीकरण हो ही नहीं रहा है। रेलवे स्टेशन, रेल पटरियां, ट्रेनों का संचालन आदि सब कुछ तो रेल कर्मचारी ही कर रहे हैं। फिर भी यदि किसी यूनियन को रेलवे में निजीकरण नजर आता है तो उसके प्रतिनिधि सीधे मुझसे आकर मिल सकते हैं। वैष्णव ने कहा कि निजीकरण के बजाए रेलवे का तेजी से विस्तार हो रहा है। अब ट्रेनों की संख्या पहले से कई गुना बढ़ गई है तथा लंबी दूरी की ट्रेनें भी चलने लगी हैं। हमारा प्रयास है कि कम खर्च में अधिक माल ढुलाई हो। इसके लिए फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं।

गहलोत सरकार जिम्मेदार-

राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर में रेल परियोजना का काम बंद होने के लिए अशोक गहलोत सरकार जिम्मेदार है। परियोजना शुरू करने के समय राज्य सरकार ने जो वादे किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया है। गत एक नवंबर को डूंगरपुर के मानगढ़ धाम में आयोजित एक समारोह में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के समक्ष डूंगरपुर रेल परियोजना का मामला उठाया, लेकिन यह नहीं बताया कि परियोजना का काम बंद क्यों हैं? राज्य सरकार अपने वादे पूरे करे तो परियोजना का काम फिर से शुरू हो सकता है।

चौहान के नाम पर ट्रेन-

राज्य सभा के पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत की मांग पर रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि अजमेर से चलने वाली एक ट्रेन का नाम सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर रखा जाए। वैष्णव को लखावत ने बताया था कि पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी घोषणा की थी, इस पर वैष्णव ने कहा कि मोदी की गई घोषणा जरूर पूरी होगी। रेल मंत्री ने पुष्कर से मेड़ता तक रेल लाइन बिछाने की बात भी कही। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि जो ट्रेन हरिद्वार से अजमेर तक आती है उसे पुष्कर से शुरू किया जाए।

हाड़ा के नेतृत्व में स्वागत-

रेल मंत्री का अजमेर के भाजपा कार्यालय में जिला अध्यक्ष प्रिय शील हाड़ा के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर सांसद भागीरथ चौधरी, महापौर ब्रज लता हाड़ा, पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना, भाजपा की प्रदेश मंत्री वंदना नोगिया, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. भगवती प्रसाद सारस्वत, पूर्व शहर अध्यक्ष अरविंद यादव, कमल प्रकाश किशनानी, रमेश सोनी, वेदप्रकाश दाधीच, सुरेश सिंह शेखावत, महेंद्र पाटनी, प्रवीण जैन, विकास सोनगरा, भारतीय श्रीवास्तव, रोहित यादव, रक्षित कच्छावा, अनीश मोयल, पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ. हाड़ा ने रेल मंत्री को भाजपा कार्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी।