भाजपा कैसा भारत बनाना चाहती है ..?

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा कैसा भारत बनाना चाहती है? भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय सम्पत्ति को बेचा, अपनों की जासूसी कराने का गंदा खेल खेला, खेत पर कब्जा करने का कानून बनाया और समाजवादी पार्टी के कामों पर अपना ठप्पा लगाकर खुद ही अपनी पीठ थपथपाई। इस सबसे भाजपा की नीति और नियत दोनों उजागर हुई है। साफ है कि भाजपा बड़े लोगों को लाभ पहुंचाने और गरीब को मंहगाई की मार से बेहाल कर देने की साजिश को बड़ी चालाकी से अंजाम दे रही है।


भाजपा सरकार ने किसानों को बड़े पूंजीघरानों अथवा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का बंधुआ मजदूर बनाने के लिए तीन काले कृषि कानून बनाया है। पूरे देश का किसान इन कानूनों को रद्द कराने के लिए आंदोलित है। भाजपा सरकार गत वर्ष से प्रदर्शन-धरना दे रहे किसानों के आंदोलन को कुचलने का कुचक्र रच रही है। समाजवादी पार्टी किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। किसान भाजपा के षड्यंत्र के सामने झुकने वाले नहीं है।
भाजपा सरकार नौजवानों की जिंदगी में भी अंधेरा कर रही है। उसकी नौकरियां छीनी जा रही है। नौजवानों में असंतोष है। उद्योगधंधों के अभाव में नौकरियां बढ़ नहीं पा रही है। युवाओं को दिशाहीनता की ओर ढकेला जा रहा है।


किसानों के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार ने मंडियों की स्थापना शुरू की थी। लगभग दर्जन भर स्थानां पर मण्डी स्थापित हो चुकी थी। सुल्तानपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, कन्नौज और मैनपुरी में मण्डियों की योजना को भाजपा ने मटियामेट कर दिया। इन मण्डियों में कृषि उत्पाद के लिए एम.एस.पी. के आधार पर लाभप्रद मूल्य मिल सकता है। भाजपा किसानों की फसल की लूट करने पर आमादा है। खेतों पर भी भाजपा कब्जा करने की साज़िश में जुटी हुई है।


भाजपा सरकार की नाकामी दीवारों पर लिखी इबारतों में साफ झलकने लगी है। प्रदेश के मतदाता इसे पढ़ रहे हैं सिर्फ भाजपाई नेतृत्व इससे बेखबर है। लोकतंत्र में किसी सरकार ने अपने मतदाताओं को वादाखिलाफी का ऐसा धोखा नहीं दिया जैसा भाजपा की डबल इंजन सरकार ने दिया है। अब सभी इससे निजात पाने को आतुर है। जनता को अटूट विश्वास है कि समाजवादी पार्टी ही उनके हितों का संरक्षण कर सकेगी।