आख़िर क्यों महंगा तेल दे रही मोदी सरकार
आख़िर क्यों महंगा तेल दे रही मोदी सरकार

आख़िर क्यों महंगा तेल दे रही मोदी सरकार

विकास श्रीवास्तव

कच्चे तेल के वैश्विक मूल्यों में 32% की गिरावट के बावजूद मोदी सरकार देश की जनता को महंगा तेल उपलब्ध करा रही। अंतरराष्ट्रीय मूल्यों की समीक्षा के आधार पर पेट्रोल और डीजल का मूल्य क्रमशः 88.31 ₹ व 76.27 ₹ होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रेट गिरने के बावजूद भारतीयों को आज भी महंगा पेट्रोल डीजल खरीदना पड़ रहा है।


लखनऊ। नागरिकों को महंगे दामों पर डीजल और पेट्रोल उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की अनुचित नीति का लगातार मुखर विरोध कर रही है। कच्चे तेल के वैश्विक मूल्यों में 32% की गिरावट के बावजूद मोदी सरकार देश की जनता को महंगा तेल उपलब्ध करा रही है।कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भारत देश में डीजल और पेट्रोल के बेतहाशा मूल्य के संदर्भ में अभी हाल में सरकार को चेताते हुए अपने आंकड़े और तथ्य प्रस्तुत किया हैं। प्रदेश प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने आगे कहा कि अपने ही नागरिकों के साथ इस प्रकार मुनाफाखोरी कमाना अमानवीय और देश के नागरिकों को इस भयंकर महंगाई और बेरोजगारी के दौर में आर्थिक चोट पहुंचाने के समान है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस लगातार पत्राचार के माध्यम से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से लगातार खेद जता रहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस जनव्यथा निस्तारण समिति ने इस संदर्भ में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को कई पत्र भेजा है। कांग्रेस पार्टी ने पेट्रोलियम मंत्री से मांग किया गया है कि हमारी सरकार रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीद करके जिन रिफाइनरी कंपनियों को तेल शोधन और बिक्री के लिए दे रहीं है , उसी तेल को यूरोप और अमेरिका को बिक्री करके उनके द्वारा कमाए गए भारी मुनाफे पर विंडफाल टैक्स लगाया जाए और पेट्रोलियम और डीजल के मूल्य में कमी करके इस विंडफाल टैक्स का लाभ देशवासियों को दिया जाए।

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल का दाम 78.18 डॉलर के आसपास है।तब भी भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल और डीजल का मूल्य क्रमशः 106.31₹ और आखिर क्यों है? कांग्रेस पार्टी का मानना है कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय मूल्यों की समीक्षा के आधार पर आज देश में पेट्रोल  और डीजल का मूल्य क्रमशः 88.31 ₹ व 76.27 ₹ के आसपास होना चाहिए

विकास श्रीवास्तव ने बताया कि विगत 2 जनवरी को केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम, एविएशन टर्बाइन फ्यूल और कच्चे तेल पर विंडफाल टैक्स बढ़ा दिया है। क्रूड आयल पर विंडफाल टैक्स 1700 से बढ़ाकर के 2100₹ ( 25.38 डॉलर) प्रति टन कर दिया है। डीजलएक्सपोर्ट टैक्स 5 ₹ से बढ़ा कर 7.5₹प्रति लीटर कर दिया गया है। आज खेद का विषय यह है कि विंडफाल टैक्स लगने के बाद सरकार तो लगातार मुनाफा कमा रही है, परंतु अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रेट गिरने के बावजूद भारतीयों को आज भी महंगा पेट्रोल डीजल खरीदना पड़ रहा है।

भारत के रूस से विशेष संबंध के चलते रूसी तेल औसतन $53 से $56 प्रति बैरल की रियायती दरों पर उपलब्ध होने की सूचना है।ऐसे में भारतीय रिफाइनरी को इन दरों में तेल खरीदने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अनुभवी विशेषज्ञों के अनुसार भारत आगे भी $60 की सीमा (Cap) के अंदर ही कच्चा तेल खरीद सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अभी लगातार गिरावट हो रही है। आर्थिक समाचार पत्रों और सूत्रों के द्वारा मिलने सूचनाओं के अनुसार कच्चे तेल के उत्पादन और निर्यात उत्पादों पर क्रमशः अप्रत्याशित 65,600 करोड़ और 52,700 करोड़ का मुनाफा होने का अंदाजा लगाया गया है। विंडफाल टैक्स लगाने से भारत सरकार को हो रहें ।

विकास श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को पुनः एक पत्र लिखकर मांग किया है कि इस भारी मुनाफे के हिस्से में घरेलू गैस सिलेंडर,पेट्रोल डीजल, CNG और PNG मूल्यों में बड़ी राहत देकर आम जनता को देश में व्याप्त इस महंगाई और बेरोजगारी के माहौल में राहत देने का काम करें। परिवहन क्षेत्र की लागत में विपरीत प्रभाव रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्यों पर पड़ने के कारण देश में महंगाई ने निचली आए वाले लोगों की कमर तोड़ कर रख दिया है।यातायात और मालवाहक वाहनों में महंगे डीजल पेट्रोल मूल्य की वजह से इस समाज में महंगाई बेरोजगारी का राक्षस आज लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है।महंगाई और बेरोजगारी आम जनमानस में निराशा नकारात्मक मनोवृति बढ़ा रही है और आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित है।

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