साधारण बसों में आरक्षण व्यवस्था,क्या बंद हो जायेगें पानी की बोतल वाले जुगाड़

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साधारण बसों में भले यूपी रोडवेज कर रहीं आरक्षण व्यवस्था ,क्या बंद हो जायेगें पानी की बोतल वाले जुगाड़। वाइपर की जगह पानी की बोतल वाला जुगाड़ होगा कितना कारगर साबित ,साधारण बसों के आरक्षण में 18 % जीएसटी का भार।

विनोद यादव

उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों को हालात से आम जनता बाखूबी जानती समझती हैं और इसके हालात गांव में चलने वाली बैलगाड़ी से भी बत्तर हैं ये दो राय नहीं हैं लेकिन सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जो पहल शुरु की हैं साधारण बसों रिजर्वेशन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगें ,इससे लोगों को बेशक सुविधा मिले लेकिन हालात ज्यों के त्यों बने रहें तो क्या बसों के किराए में सरकार की तरफ से कोई छूट आम यात्रियों को मिलेगी यह सबके जेहन में सवाल पैदा करता हैं उत्तर प्रदेश रोडवेज में साधारण श्रेणी की बसों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अब धक्का-मुक्की नहीं खानी होगी। यात्री ट्रेन की तरह बसों में भी अपनी कंफर्म सीट पर बैठकर यात्रा कर सकते हैं यह एक दृश्य से बडे़ बदलाव की तरफ यूपी रोडवेज को जोड़ता हैं लेकिन जिस सीट पर बैठकर आम आदमी यात्रा करेगा क्या वही सीट हिलेगी नहीं ,क्या यात्रियों को झटके महसूस नहीं होगे, क्या उत्तर प्रदेश सरकार पूराने खटरा बसों को बदलकर नयी बसों को लाने की तैयारी में हैं भलें ही यात्रियों को बस में सीट बुक कराने के लिए रिजर्वेशन कराना हो या इसके लिए अभी बस स्टेशन पर बनाए गए आरक्षण काउंटर पर लम्बी लाईनों में खडा़ होकर इंतजार करना हो परेशान तो आम जनता ही होगी ,ध्यान देने वाली बात ये है कि इन साधारण श्रेणी बसों में यात्रा तिथि के 30 दिन पहले आरक्षण करवाने की सुविधा ही दी जाएगी। इसके बाद रिजर्वेशन नहीं हो सकेगा। हालांकि रोडवेज की वातानुकूलित (एसी) बसों में रिजर्वेशन की आनलाइन आरक्षण की सुविधा पहले से ही मौजूद है।


वहीं आरक्षण टिकट पर बस नंबर और सीट नंबर भी दिया होगा। साथ ही बस के रवाना होने और गंतव्य तक पहुंचने का समय भी टिकट पर अंकित होगा। यात्रियों को आरक्षण के लिए मूल किराए के साथ ही 20 रुपए प्रति यात्री शुल्क और 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा। सोचने वाली बात यह हैं कि आरक्षण के मूल किराये के साथ 20 रुपयें और 18 प्रतिशत जीएसटी यदि यात्रियों को देना पडेगा तो उनके उपर एक बडे़ बोझ डालने की तैयारी में यूपी रोडवेज हैं अभी हालही में तमाम टीबी चैनलों एव समाचार पत्रों में मेरठ डीपो के बस को चला रहें ड्राइवर के जुगाड़ टेक्नोलॉजी को सभी ने देखा था ,बरसात के मौसम में चार पहिया वाहनों में वाइपर की बड़ी जरूरत होती है। लेकिन जब बस वाले भैया का वाइपर खराब था तो उन्होंने देसी तरीके से ऐसा जुगाड़ बैठाया कि देखने वाले भी उनकी तकनीक देखकर दंग रह गए। जी हां, उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से खराब वाइपर को चलाने का टेम्परेरी जुगाड़ कर लिया।और पीने वाले पानी को बोतल को वाईपर वाली जगह पर फिट कर अपना काम चलाया था वहीं कुछ दिन बाद यूपी रोडवेज का एक और वीडियो सोशलमीडिया से खूब चला था बस वाले भैया ने गियर को गमछे से बाध कर बस चला रहें थें ऐसे में क्या यूपी रोडवेज कुछ सुधार करने के भी प्रयास में हैं या जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे यात्रियों पर एक और बोझ डालने की तैयारी में हैं जो वीडियो सोशलमीडिया में या न्यूज चैनलों के माध्यम से वायरल हुआ था वह मात्र 35 सेकंड था जिसमें हम खस्ता हाल उत्तर प्रदेश की रोडवेज देख सकते हैं।

तमाम लोगों ने उस समय बस के वाइपर की जगह टंगी पानी की बोतल को लेकर टिप्पणी किए लेकर सरकार और यूपी रोडवेज पर उसका असर कुछ नहीं पड़ा। दरअसल, बस का वाइपर खराब था, जिसे बरसात में उपयोग में लाने के लिए ड्राइवर ने रस्सी और प्लास्टिक की बोतल गजब जुगाड़ बैठाया है। बस के ऊपर यूपी रोडवेज और नीचे की तरफ मेरठ लिखा है। देखा जा सकता है कि विंडशील्ड पर लगे वाइपर के साथ रस्सी की मदद से प्लास्टिक की पानी की बोतल भी बंधी लटक रही है। जैसे-जैसे बस में बैठा ड्राइवर रस्सी से वाइपर को खींचता है, तो बोतल के वजन से वह वापस अपनी जगह पर आ जाती है। इसी जुगाड़ से ड्राइवर वाइपर के खराब होने के बावजूद बरसात में भी बस के शीशे को सही तरीके से साफ कर पा रहा था ,इसी लिए कहा जाता हैं गवई कहावत में कि हमारें यहा भैया बडे़ जुगाडू लोग हैं रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र के प्रबंधक एमके त्रिवेदी की पहल काफी कारगर साबित होगी इसमें कोई सक नहीं लेकिन खटरा हालतों में चल रहीं बसों पर यदि यूपी सरकार व यूपी रोडवेज ध्यान दे ,सरकार के खजाने में रोडवेज से अच्छा खासा राजस्व होता हैं ऐसे में सरकार को भी यूपी रोडवेज की हालातों पर ध्यान देना चाहिए ।।