खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण

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खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण
खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण

किसानों की खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण का जरिया भी बना गन्ना। 3166 महिला स्वयं सहायता समूहों को गन्ने के पौध से 88.15 लाख रुपये की आय। छह वर्ष में किसानों को 2,03,668 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान। गन्ने के साथ सब्जी, दलहन, तिलहन, अनाज, मसाले व फूलों की सहफसली खेती से हो रही 50-60 हजार प्रति हेक्टेयर की आय।

लखनऊ। योगी सरकार के प्रयासों से गन्ना किसानों की खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण का जरिया भी बन रहा है। गन्ना उत्पादकता बढ़ाने, उत्पादन लागत में कमी लाने व उच्च चीनी परतायुक्त गन्ना उत्पादन के दृष्टिगत विभाग ने पांच घटक शरदकालीन गन्ना बुआई, सहफसली खेती, ट्रेंच विधि से बोआई, ड्रिप सिंचाई संयंत्रों की स्थापना, पेड़ी प्रबंधन व ट्रैश मल्चिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके फलस्वरूप गन्ने की उत्पादकता व चीनी परता के साथ किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई है।

किसानों को होती है 50 से 60 हजार प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त आय


शरदकालीन गन्ना बुआई करने पर बसंतकाल की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक उपज व जल्दी गन्ना पकने से चीनी मिलों का संचालन समय से शुरू किया जा सकता है। ट्रेंच विधि से गन्ना बुआई करने से गन्ने का जमाव व व्यांत अधिक होने से उपज बढ़ जाती है तथा गन्ने की 02 लाइनों के बीच के गैप में अन्तः फसली खेती आसान हो जाती। है। गन्ने के साथ सब्जी, दलहन, तिलहन व अनाज, मसाले या फूलों की मौसमी फसलें उगा कर किसानों को लगभग रु.50,000 से 60,000 प्रति हेक्टेअर की अतिरिक्त आय हो जाती है। ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से पौधों को सीधे जल उपलब्ध कराकर गुणवत्तायुक्त उत्पादन के साथ-साथ जल व ऊर्जा की बचत भी होती है।

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ट्रैच मल्चिंग के अंतर्गत किसान गन्ने की कटाई उपरांत अवशेष की मल्चिंग कर देते है। इससे मृदा में कार्बनिक पदार्थों की पूर्ति होती है तथा उर्वरा शक्ति बढ़ती है। साथ- साथ नमी संरक्षण से सिंचाई जल की बचत होती है। उपयुक्त कार्यक्रमों के सफल संचालन के फलस्वरूप कुल गन्ना क्षेत्रफल में लगभग 8 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ-साथ किसानों को प्रति हेक्टेअर 9.93 टन का अतिरिक्त उत्पादन तथा 34,656 रुपये प्रति की अतिरिक्त आमदनी हुई। यह कुल गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर पर कुल रु.9887 करोड़ बनता है।

महिला स्वयं सहायता समूहों को हुई 88.15 लाख की आय- विभाग द्वारा सृजित किये गये 3166 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा अब तक गन्ना पौध तैयार किया जा चुका है। इसके वितरण से उन्हें 88.15 लाख की आय हुई है। इस प्रकार यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय रोजगार उपलब्ध कराने एवं नवीन गन्ना किस्मों का अच्छादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण निभा रहा है।

6 वर्ष में किया गया दो लाख करोड़ से अधिक का गन्ना भुगतान– योगी सरकार की ओर से गन्ना किसानों को छह वर्षों में 2,03,668 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है। नवीन खांडसारी लाइसेंसिंग नीति के अंतर्गत 284 खांडसारी नई इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस निर्गत हुए, जिससे किसानों को गन्ना आपूर्ति का अतिरिक्त विकल्प मिल रहा है। खुशहाली के साथ नारी सशक्तिकरण