क्या तेजस्वी रचेंगें इतिहास….?

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  बिहार, बिहार विधानसभा चुनाव के सबसे बड़े हीरो के रूप मे युवा नेता तेजस्वी यादव उभर के आ रहें हैं। बिहार में महागठबंधन को 200 सीटें  मिलने की संभावना के साथ तेजस्वी यादव इस बार इतिहास रचने जा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग का कार्य संपन्न हो गया है। अब 10 नवंबर को मतगणना के बाद फाइनल नतीजे सामने आएंगे। नतीजों से पहले बिहार चुनाव में इस बार किसकी सरकार बन सकती है इसको लेकर विभिन्न टीवी चैनलं द्वारा एग्जिट पोल दिखाये जा रहें हैं। बिहार चुनाव के लिए किसे कितनी सीटें मिलने की संभावना है, इसकी जानकारी  एग्जिट पोल  आपको दे रहा है। आप एग्जिट पोल के जरिए अनुमान लगा सकेंगे कि बिहार में किसका पलड़ा भारी है और जनता किसपर भरोसा जता रही है।

टुडेज चाणक्य के बिहार विश्लेषण के मुताबिक, जेडीयू वाले एनडीए गठबंधन के खाते में 55 सीटें और आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन को 180 सीटें मिल सकती हैं। महागठबंधन क्लीन स्वीप करते हुए दिखाई दे रहा है। जबकि अन्य के खाते में 8 सीटें जा सकती हैं। जबकि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी के साथ चुनाव लड़ा था। आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी, जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी। वहीं बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थी।

टुडेज चाणक्य के बिहार विश्लेषण के मुताबिक,  इस बार अगड़ी जातियां में से 60 प्रतिशत लोग जेडीयू (एनडीए) के साथ और 29 प्रतिशत आरजेडी (महागठबंधन) के साथ जा सकते हैं। यादव 22 प्रतिशत जेडीयू+ और 69 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जाने की संभावना है। जबकि मुस्लिम में 12 प्रतिशत जेडीयू+ के साथ और 80 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जाने की उम्मीद है। कुल मिलाकर देखा जाए तो आरजेडी के लिए MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) ने फायदा पहुंचाते दिख रहे हैं। जेडीयू वाले एनडीए को 34 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। जबकि आरजेडी वाले महागठबंधन को 44 प्रतिशत वोट और अन्य के खाते में 22 प्रतिशत वोट जाने की संभावना है।

अनुसूचित जाति में से 39 प्रतिशत जेडीयू+ के साथ जबकि 34 फीसदी आरजेडी वाले महागठबंधन के साथ जाने की संभावना है। वहीं आर्थिक रूप से पिछड़ी जाति में 40 फीसदी जेडीयू नेतृत्व वाले एनडीए और 33 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जा सकती हैं। बात अगर अन्य पिछड़ा जाति की करें तो 51 प्रतिशत एनडीए के साथ और 30 प्रतिशत महागठबंधन के साथ जाती हुई दिख रही हैं।

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए 78 सीटों पर तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के बाद विभिन्न निजी चैनलों की ओर से प्रसारित एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनता दल  के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार बनने के संकेत मिले हैं। वहीं सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  के हाथों राज्य की सत्ता फिसलती नजर आ रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कोविड-19 महामारी के बीच 10 नवंबर को घोषित किये जाएंगे। किसी भी गठबंधन को बहुमत हासिल करने के लिए 122 सीटोंं की जरुरत है। ‘टाइम्स नाउ-सी वोटर’ एग्जिट पोल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राजग सरकार को 116 सीटें दी हैं। राजद के नेतृत्व वाली महागबंधन को 120 सीटें मिलने का अनुमान है।

‘जन की बात’ एग्जिट पोल में राजग को 91 से 117 के बीच सीटें मिलने का दावा किया गया है तो राजद को 118 से 138 के बीच सीट प्राप्त होने की संभावना बताई गई है जबकि कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी को पांच से आठ और अन्य को तीन से छह सीटें मिल सकती हैं।

इंडिया टीवी के मुताबिक सत्तारूढ राजग को 112 सीटें मिल सकती हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 70 सीटें और जनता दल (यूनाइटेड) को 42 मिलने का अनुमान है जबकि 110 सीटें महागठबंधन के खाते में जाती दिख रही है। जिसमें कांग्रेस को 25 और राजद के खाते में 85 सीटें मिलने का अनुमान है।

टीवी9 भारतवर्ष के एग्जिट पोल की माने तो राजग को 115 सीटें और महागबंधन के खाते में 120 सीटें आ सकती हैं। इसके अलावा लोक जनशिक्त चार सीटें जीत सकती है जबकि अन्य के खाते में चार सीटें आ सकती हैं।

राज्य में शुक्रवार को तीसरे चरण में 78 सीटों पर मतदान समाप्त हुआ। इस बार तीन चरण में मतदान कराया गया। 28 अक्टूबर को 16 जिले के 71 विधानसभा क्षेत्र में हुए प्रथम चरण के मतदान में 55.59 प्रतिशत वोट पड़े वहीं दूसरे चरण में तीन नवंबर को 17 जिले के 94 विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान में 55.70 प्रतिशत वोट डाले गए। तीसरे और आखिरी चरण के चुनाव में अंतिम समाचार मिलने तक करीब 57 प्रतिशत वोटरों ने मतदान में हिस्सा लिया है।

बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.3 करोड़ थी, जिसमें से 54 प्रतिशत ने औसतन 243 सीटों पर मतदान कर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन बार चुनाव जीत चुके है और चौथी बार फिर से चुनाव जीतने की आश लगाए हुए हैं।

इंडिया टुडे टेलिविजन नेटवर्क के मुताबिक 44 प्रतिशत लोग राजद के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखाना चाहते हैं जबकि 35 प्रतिशत ने नीतीश कुमार काे फिर से मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया है।