जीवन रक्षक वैक्सीन को धार्मिक मान्यताओं से क्यों जोड़ा जा रहा है..?

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अब ईसाई के कैथोलिक धर्म गुरुओं ने कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठाए। वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस को देनी पड़ी सफाई।आखिर जीवन रक्षक वैक्सीन को धार्मिक मान्यताओं से क्यों जोड़ा जा रहा है….?

कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं के बाद अब ईसाईयों के कैथोलिक समुदाय के कुछ धर्म गुरुओं ने कोरोना वैक्सीन की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं। जहां मुस्लिम धर्म गुरुओं को वैक्सीन में नापाक जानवर के अंश होने पर ऐतराज है वहीं ईसाई धर्म गुरुओं को वैक्सीन में भ्रूण के अंश होने पर ऐतराज है। ईसाई धर्म गुरुओं का कहना है कि भ्रूण के अंश से बनी वस्तु अपवित्र मानी जाती है। यदि कोरोना वैक्सीन में भ्रूण के अंश का इस्तेमाल हो रहा है तो ईसाई समुदाय के लोगों को इससे बचना चाहिए। एक ओर कुछ ईसाई धर्मगुरु वैक्सीन को लेकर धार्मिक मान्यताओं को आगे रख रहे हैं, वहीं यूरोप के 8 देशों में कोरोना का वैरियंट सामने आया है। इस पर ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने चिंता जताई है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि नया वैरियंट बहुत खतरनाक है। मौजूदा कोरोना वायरस से तीन चार गुणा ज्यादा असरकारक नया वैरियंट माना जा रहा है। ऐसे में ईसाई बहुल्य यूरोप के देशों को ही सबसे ज्यादा वैक्सीन की जरुरत है। यदि कुछ धार्मिक मान्यताओं में बह कर वैक्सीन लगवाने से परहेज करेंगे तो फिर वायरस खत्म नहीं होगा। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ही वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस को सफाई देनी पड़ी है। ईसाईयों में पोप का सर्वोच्च धार्मिक पद हैं। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वैक्सीन को लेकर किसी को भी गुमराह होने की जरुरत नहीं है। जीवन बचने के लिए वैक्सीन की जरुरत है और लोगों को लगवानी चाहिए। सवाल उठता है कि जीवन बचाने के लिए जब दवाइयां की आवश्यकता है तब धार्मिक मान्यताओं को सामने क्यों रखा जा रहा है? इंसान बचेगा तो धर्म भी बचेगा?

यदि इंसान ही नहीं रहेगा तो फिर धर्म की दुहाई कौन देगा? कोरोना वायरस लगातार लोगों की जान ले रहा है और नया वैरियंट तो और भी खतरनाक है। अभी पुरानी वायरस को मात देने के लिए भी वैक्सीन नहीं आई है और नया वैरियंट आ गया है। ऐसे में वैक्सीन से परहेज करना मानव जाति के लिए हानिकारक होगा। यदि कुछ लोग धार्मिक भावनाओं में बह कर वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो पूरा अभियान बेकार हो जाएगा। ब्रिटेन से नया वैरियंट लेकर हजारों लोग हाल ही में भारत आए हैं। ऐसे लोग राजस्थान के अजमेर सहित विभिन्न शहरों में आ गए हैं। लोगों को कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझना चाहिए।