नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के सपनों को साकार करने का संकल्प लें देशवासी – डा0अतुल कृष्ण बौद्ध

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मेरठ, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में भारत को अखण्ड बनाने के संकल्प के साथ
मांगल्या प्रेक्षागृह परिसर में मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस एवं सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति स्तुति नारायण कक्कड ने आज़ाद हिन्द फौज का ध्वजारोहण किया एवं एन.सी.सी बटालियन ने ध्वज को सलामी दी।

कार्यक्रम में कोविड 19 के प्रोटोकॉल का विशेष रूप से पालन किया गया जिसमें शारीरिक दूरी, मास्क व सेनिटाइजर का प्रयोग किया गया।मुख्य अतिथि, कुलाधिपति स्तुति नारायण कक्कड ने कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी सिंह, सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध के साथ दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया एवं बौद्ध विद्वान भंते डा. चन्द्रर्कीति ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत की।

कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी.सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को अखण्ड भारत के स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय पूरे विश्व में भारत की प्राचीन संस्कृति एवं राष्ट्रीयता का प्रतीक बन चुका है और भविष्य में विश्वविद्यालय का यही प्रयास रहेगा कि सभी विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ सेवा एवं संस्कारों व नैतिक मूल्यों को रोपित करके व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा अखण्ड भारत को बनाने हेतु किये गये संघर्षों से प्रेरणा दिलाई जाए।

सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने जय हिन्द का उद्घोष लगा कर अपना उद्बोधन आरम्भ किया। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर के दिन को सुभारती विश्वविद्यालय अखंड भारत के स्वतन्त्रता दिवस के रूप में हमेशा से मनाता आ रहा है। इस दिन को सुभारती के वार्षिकोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1943 में सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अखण्ड संपूर्ण भारतवर्ष को आजाद घोषित किया था। उन्होंने कहा कि युवाओं को इतिहास की सच्चाई से रूबरू कराने का समय आ गया है ताकि जिन महापुरूषों ने हमारे देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है उन सभी महापुरूषों को नमन करके उनसे हमारी नई पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को संकल्प एवं प्रार्थना दिवस के रूप में घोषित किया जाना चाहिए ताकि उस दिन विखण्डित हुए भारत को पुनः जोड़ने का संकल्प लिया जाए एवं विभाजन के समय मारे गए लाखों देशवासियों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की जाए। उन्होंने आजाद हिंद फौज के द्वारा भारत को आजाद घोषित करने के समय की मुद्रा को दिखाया उस समय के डाक टिकट, न्यायालय, मंत्री परिषद, बैंक, सेना के अधिकारियों सहित महत्वपूर्ण जानकारी तत्कालीन वास्तविक चित्रों के माध्यम से उनके बारे में बताकर सभी का ज्ञान वर्धन किया।

डॉ0 अतुल कृष्ण बौद्ध ने भारत सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु की सच्चाई को उजागर करने हेतु प्रयास किये जाए। डीएनए टेस्ट से यह साबित हो सकता है कि जापान में स्थित रिंकोजी मंदिर में उनकी अस्थियाँ हैं अथवा नहीं। यदि वो अस्थियाँ उन्हीं की हैं तो उनको भारत लाकर नेताजी की याद में भव्य स्मारक का निर्माण कराया जाए। यदि वे अस्थ्यिँ उनकी नहीं है तो भारत की जनता को यह जानने क अधिकार है कि नेताजी का क्या हुआ? उन्होंने अंत में भारत को अखण्ड राष्ट्र बनाने हेतु संयुक्त राष्ट्र ऑफ साऊथ एशिया के निमार्ण का सूत्र दिया जिसमें प्रेम, करूणा एवं मैत्री के भाव से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका आदि सब एक होकर विश्व में ऊर्जावान शक्ति के रूप में उभरेंगे।

मुख्य अतिथि, कुलाधिपति स्तुति नारायण कक्कड ने स्वतन्त्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास की सच्चाई को जिस प्रकार सुभारती विश्वविद्यालय अपने निजी प्रयासों से देश के सामने ला रहा है वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को भव्य समारोह आयोजित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी जिस प्रकार इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है वह विश्वविद्यालय की राष्ट्रीयता की भावना प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देश भक्ति की पाठशाला है और यहां के कण कण में मॉ भारती के प्रति आदर व देश प्रेम समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि आज का दिन इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है और जिस तरह सुभारती विश्वविद्यालय ने नेताजी के सपनों को साकार करने का काम किया है वह पूरे देश के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने 21 अक्टूबर को उत्साह के साथ मनाने पर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि हमारी नई पीढ़ियों को इतिहास की जो मूल सच्चाई है उसको जानने के लिए प्रयास करने होंगे। असंख्य महापुरूषों ने अपने रक्त से देश को सींच कर हमें आजादी दिलाई है। हमारा कर्तव्य है कि शहीदों को नमन करते हुए राष्ट्र हित में अपना योगदान दें।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देश को स्वतन्त्र कराने में अपना बलिदान देने वाले महापुरूषों के आदर्शें पर चलकर देश को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन गौरवान्ति होने का दिन है और आज के दिन देश के युवाओं को इतिहास की सही सच्चाई से अवगत होकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अखण्ड भारत को पुनः बसाने का संकल्प लेना चाहिए।

कार्यक्रम में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पड़पौत्र श्रीचन्द्र बोस ने वीडियों संदेश के माध्यम से सभी को अखण्ड भारत के स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्हांने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि जिस प्रकार सुभारती विश्वविद्यालय नेताजी के सपनों के भारत को साकार करने हेतु प्रतिबद्ध है वह बड़े गौरव का विषय है और इसी भावना के साथ सम्पूर्ण देशवासियों को इतिहास की सच्चाई से अवगत होने हेतु सुभारती विश्वविद्यालय से प्रेरणा लेनी चाहिएा।

शाम ठीक 6 बजे ध्वज अवरोहण कार्यक्रम हुआ जिसमें बीटिंग दी रिट्रिट सेरेमनी द्वारा ध्वज को सुरक्षित किया गया एवं वंदेमातरम गायन के साथ समारोह का समापन हुआ। संचालन पत्रकारिता संकाय के प्राचार्य डा.नीरज कर्ण सिंह एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष डा. विवेक कुमार ने किया।