प्रदेश की मिलों ने किया 6 लाख टन चीनी निर्यात अनुबंध पर हस्ताक्षर

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लखनऊ, केंद्र सरकार द्वारा चीनी निर्यात सब्सिडी नीति की घोषणा के एक हफ्ते बाद, उत्तर प्रदेश के मिलरों ने छह लाख टन से अधिक कच्ची और सफेद चीनी के लिए निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर करके मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर प्रदेश की मिलों ने किया 6 लाख टन चीनी निर्यात अनुबंध पर हस्ताक्षर। इसके विपरीत, महाराष्ट्र से मिलों ने अभी तक एक भी अनुबंध पर हस्ताक्षर नही किया है।

वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी बी ठोम्ब्रे ने कहा, केंद्र को चीनी निर्यात अधिसूचना जारी करने और अधिकतम स्वीकार्य निर्यात मात्रा (MAEQ) मिल वाइज का जल्द से जल्द आवंटन करने के लिए लिखा है। जिसके चलते निर्यात में तेजी आए और बाजार में ब्राजील की चीनी आने से पहले भारत की चीनी अधिकतम मात्रा निर्यात हो जाए।

अब सरकार ने चीनी निर्यात के समयसीमा को लेकर चीनी मिलों को राहत दी है। केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया था। कैबिनेट ने चीनी सीजन 2019-20 के लिए चीनी मिलों को निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी थी।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, व्यापारियों के अनुसार, 2,400 से 2,420 रुपये प्रति क्विंटल पर निर्यात अनुबंध हस्ताक्षर किए गए हैं। व्यापारियों के मुताबिक, कई मिलों ने पिछले साल की तरह ही कोटा पाने के हिसाब से अनुबंध किया है। केंद्र सरकार द्वारा आवंटित 60 लाख टन चीनी में से, उत्तर प्रदेश का हिस्सा सामान्य रूप से 20 लाख टन तक आता है, जबकि महाराष्ट्र का हिस्सा 16 लाख टन तक आता है। पिछले सीजन में, महाराष्ट्र का निर्यात कोटा लगभग 16.80 लाख टन था।