मुम्बई पहुंचने से पहले अभिनेत्री कांगना का दफ्तर टूटा

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मुम्बई पहुंचने से पहले अभिनेत्री कांगना रनोत का दफ्तर तोड़ डाला। कांगना ने शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- यह बाबर जैसा कृत्य है।

फिल्म अभिनेत्री कांगना रनोत दोपहर ढाई बजे मुम्बई पहुंची, लेकिन इससे पहले बीएमसी ने कांगना का मुम्बई स्थित दफ्तर तोड़ डाला। बीएमसी ने आरोप लगाया कि कांगना ने अपने घर को दफ्तर बना लिया और स्टोर की जगह किचन, पूजा रूम की जगह वेटिंग रूम टॉयलेट की जगह ऑफिस की टेबिल का निर्माण कर लिया है। यह निर्माण स्वीकृत नक्शे के विपरीत है। बरसात के पानी को रोकने के लिए कांगना ने जो छतरी लगाई थी, उसे भी बीएमसी ने तोड़ डाला। यानि कांगना के मुम्बई पहुंचने से पहले ही दफ्तर और घर को तहस नहस कर दिया। महाराष्ट्र में इस समय शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार है और मुख्यमंत्री के पद पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे विराजमान है।

बीएमसी की कार्रवाई के बाद कंगना रनोट ने कहा कि उद्धव ठाकरे तुझे क्‍या लगता है कि तूने फ‍िल्‍म माफ‍िया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा… उद्धव ठाकरे यह वक्‍त का पहिया है हमेशा एकजैसा नहीं रहता है। आज मैंने महसूस किया है कि कश्‍मीरी पंडितों पर क्‍या बीती होगी। आज मैं देश को वचन देती हूं कि मैं कश्‍मीर पर भी एक फ‍िल्‍म बनाऊंगी और अपने देशवासियों को जगाऊंगी। मेरे साथ जो हुआ है इसका कोई मतलब है… कोई मायने है। 

अभिनेत्री कंगना रनोट के मुंबई पहुंचने से पहले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनोट के दफ्तर के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। बीएमसी की टीम जेसीबी और मजदूरों के साथ कंगना के दफ्तर पहुंची और अवैध निर्माण को तोड़ा गया।

बहुचर्चित सुशांत सिंह की मौत के प्रकरण में कांगना रनोत सुशांत के परिवार के साथ खड़ी थी। कांगना ने सुशांत के परिवार के समर्थन में जो बयानबाजी की उससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार बुरी तरह खफा थी। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने जब कांगना को मुम्बई नहीं आने की धमकी दी, तो केन्द्र सरकार ने कांगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध करवा दी। हालांकि सुरक्षा मिलने से पहले ही कांगना ने 9 सितम्बर को मुम्बई आने की घोषणा कर दी। माना जा रहा था कि 9 सितम्बर को जब कांगना मुम्बई पहुंचेगी तब टकराव होगा। लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने कांगना के मुम्बई पहुंचने से पहले ही दफ्तर को तोड़ डाला।

गठबंधन की सरकार ने यह दर्शा दिया कि यदि कांगना रनोत खिलाफत करेंगी तो अंजाम बुरे होंगे। हालांकि कांगना ने सरकारी जमीन अथवा निर्धारित जमीन के अधिकतर कोई निर्माण नहीं किया। 9 सितम्बर को सुबह जिस निर्माण को अवैध माना वह बरसों से बना हुआ था। अवैध निर्माण को लेकर कांगना को बीएमसी ने कभी भी नोटिस तक नहीं दिया। अब कांगना का कहना है कि उनके घर और दफ्तर में भगवान राम का मंदिर भी तोड़ डाला गया है। यह कृत्य बाबर जैसा है। लेकिन मैं मंदिर को दोबारा से बनवाऊंगी। बीएमसी की कार्यवाही को कांगना ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी है। 9 सितम्बर को जब कांगना मुम्बई पहुंची तो उनके समर्थन में करणी सेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। हालांकि मुकाबले में शिवसेना के कार्यकर्ता भी खड़े थे। लेकिन शिवसेना के कार्यकर्ताओं को इस बात का संतोष था कि कांगना को सबक सिखाया जा चुका है।