रोजगार के झूठे आंकड़े जारी कर धूल झोंकना चाहती योगी सरकार-साजन

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लखनऊ. प्रदेश की योगी सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में दिए गए रोजगार का आंकड़ा जारी किया तो इस पर सियासत भी शुरू हो गयी. सरकार के आंकड़ों पर सवाल खड़ा करते हुए समाजवादी पार्टी ने कहा कि झूठे आंकड़े जारी कर आँखों में धुल झोखने का काम किया जा रहा है. सपा ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार में हुई भर्तियों का भी क्रेडिट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लेना चाह रहे हैं.उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने 3.5 साल के कार्यकाल में दिए गए कुल गवर्नमेंट जॉब्स का आंकड़ा जारी किया. इन आंकड़ों के मुताबिक योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के 3.5 वर्षों में 30,0526 सरकारी नौकरियां दी हैं. वर्तमान में 85,629 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसे मिला दिया जाए तो यह संख्या 3,79,709 हो जाती है. यह आंकड़ा पिछली सपा-बसपा सरकारों में हुई भर्तियों से कहीं अधिक है. वर्ष 2007 से 2012 तक बसपा सरकार के दौरान 91,000 और 2012 से 2017 तक सपा सरकार के दौरान 2.05 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं. 

सुनील सिंह साजन ने लगाए ये आरोप

सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने योगी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि सरकार ने रोजगार पर साढ़े तीन सालों का ब्यौरा जारी किया है. रोजगार के झूठे आंकड़े जारी कर आखिर सरकार किसकी आंखों में धूल झोंकना चाहती है. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत भरे गए 90 फ़ीसदी पद संविदा या आउटसोर्सिंग के है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 100 फ़ीसदी भर्तियां संविदा की होती है. सरकार आउटसोर्सिंग और ठेके पर दी जाने वाली नौकरी को उपलब्धि क्यों मानती है. सजन ने कहा कि सरकार आउटसोर्सिंग, ठेके पर की गई भर्तियों, संविदा भर्ती और स्थायी नौकरियों का ब्यौरा क्यों नहीं देती है….? अधिनस्थ चयन सेवा आयोग और लोक सेवा आयोग में जो भर्तियां अखिलेश यादव के समय में निकली थी उसका रिजल्ट 2017 में आया. उसको भी सरकार ने अपनी उपलब्धियों में जोड़ लिया. भारतीय जनता पार्टी की सरकार अखिलेश के ज़माने में की गई भर्तियों को अपना क्यों बता रही है…? सपा सरकार के कामकाज का फीता काटने के बाद अब बीजेपी सरकार रोजगार को भी अपने हिस्से में गिना रही है.