लड़कियां सहमति से बनाती संबंध, फिर रेप केस करती हैं

83

महिला आयोग की अध्यक्ष का विवादित बयान, बोलीं- लड़कियां अपनी मर्जी से बनाती हैं संबंध, फिर खुद ही दर्ज कराती हैं रेप केस। 

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने शुक्रवार को रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान विवादित बातें कह दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अधिकांश मामलों में लड़कियां लिव-इन में रहकर संबंध बनाती हैं। जब शादी नहीं होती या रिश्ता बिगड़ जाता है तो वे रेप का केस दर्ज करा देती हैं। ऐसे में लड़कियों को किसी के साथ रिश्ते बनाने से पहले सोच समझ लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे रिश्तों के परिणाम बुरे भी हो सकते हैं।इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि हर एक की स्थिति अलग होती है, दुनिया फिल्मी कहानी की तरह नहीं होती है।

बच्चियों और महिलाओं को उनके अधिकार पता होने चाहिए। अगर लड़कियां नाबालिग हैं तो वे प्यार मोहब्बत के फिल्मी तरीकों से बचें और इनके चक्कर में न आएं। यह आपका परिवार, घर व ज़िन्दगी बर्बाद कर सकता है। नायक ने बताया कि कई केस ऐसे आते हैं, जिनमें लड़कियां 18 साल की होती नहीं हैं और शादी कर लेती हैं। उसके बाद अपने बच्चों के साथ महिला आयोग के पास शिकायत लेकर आती हैं।  

“अधिकांश मामलों में लड़कियां पहले सहमति से संबंध बनाती हैं। लिव-इन में भी रहते हैं और उसके बाद फिर एफ़आईआर करते हैं, रेप के ऑफेंस की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं, तो मैं सभी से ये अनुरोध करुंगी कि अपने रिश्ते, अपने स्टेटस को पहले देखें-समझें और ऐसे रिश्तों में यदि आप पड़ते हैं तो उसका परिणाम हमेशा बुरा होता है।”

 किरणमयी नायक ने कहा कि हर किसी की ज़िन्दगी की कहानी अलग होती है। पहले आप पढ़-लिखकर ज़िम्मेदार बनें। अगर आप किसी से शादी करना चाह रहे हैं तो आप देखें कि वह ज़िम्मेदार है कि नहीं। आपकी परवरिश कर सकता है कि नहीं। अगर शादीशुदा व्यक्ति आपको प्यार के झांसे में फंसा रहा है तो आपको यह समझना होगा कि वह आपसे झूठ बोल रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि आयोग के पास दहेज प्रताड़ना, कार्यालय स्थल पर शोषण, घरेलू हिंसा के मामले ज्यादा आते हैं। इनमें कई प्रकरण खारिज करने पड़ते हैं। यदि इनमें से किसी मामले की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं होती है तब महिला आयोग सुनवाई करता है।