सरकार की कमाई का एक और नया रास्ता

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सरकार ने अपनी कमाई का एक और नया रास्ता बना लिया ,
इस बार पुलिस के सहारे आपसे फिर उसुली के लिए नया तरीका निकाला है,आपने जाति धर्म का स्तेमाल किया तो होगा चालान ?
अब कोई बताएगा इससे क्या नुकसान है ,अगर नुकसान है तो पूरी जाति धर्म व्यवस्था ही खतम कर दीजिए काहे कू परेशान हैं ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी ! पर यहां उद्देश्य समस्या का समाधान नहीं सिर्फ उसूली है…

कभी मास्क के नाम पर उसूली,कभी काली फिल्म के नाम पर उसूली.
कभी नम्बर प्लेट के नाम पर उसूली,कभी हाई स्पीड के नाम पर उसूली.
कभी हेलमेट के नाम पर उसूली,कभी सीट बेल्ट के नाम पर उसूली
.

हद है सच तो ये है हम जस्टिस काटजू के हिसाब से 95% में आते हैं ,कोई सवाल नही पूछता है कि आखिर जुर्माना क्यों ?
भाई मास्क नहीं लगाया चलिए जुर्माना लिया और उस राशि के बराबर मास्क खरीदने को विवश करता तो जुर्माना वाजिब था ।
काली फिल्म अगर लगाई जाती है तो वाहन चालकों पर नहीं दुकान दारो पर कसिए सिकंजा , बनाने वालो की फैक्ट्री बंद करिए न आएगा माल बाजार में और ना लगेगी ।

उत्तर प्रदेश में अब गाड़ियों पर जाति सूचक शब्द जैसे राजपूत, ब्राह्मण, यादव, जाट, क्षत्रिय, आदि लिखवाना अब भारी पड़ सकता है. प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त का आदेश है कि जिन वाहनों पर ऐसे शब्द पाए गए उनके खिलाफ अभियान चलाते हुए उनकी बाइक और कार जब्त कर ली जाएगी.


भाई नम्बर प्लेट से क्या होगा जबरदस्ती एक नया झाम फैलाया ।
हाई स्पीड के नाम पर पब्लिक को क्यों परेशान करते हैं आपको आपत्ति है आप कंपनी को दिशा निर्देश स्पीड की सीमा बढ़ा कर बाजार में ना दें समस्या ख़तम हो जाएगी ।
आज तक सरकार ने ये नहीं बताया कि जिस हेलमेट के नाम पर आप करोड़ों रुपए हर साल जनता से ले लेते हो उसके जागरूकता के लिए आपने क्या किया… ?
जब की इसका सरल उपाय ये था बिना हेलमेट वाले को दो हेलमेट खरीदने के लिए विवश कर देते, वह ये गलती दुबारा नहीं करेगा ,अगर दुबारा कर भी देता तो उसे पुनः दो हेलमेट खरीदने को विवश कर देते ,इससे वह क्या उसकी संतान भी ये गलती तीसरी बार ना दोहराती ,पर अफसोस सरकार का उद्देश्य समस्या का समाधान करना हो तब ना समस्या का समाधान हो ,यहां तो सिर्फ पुलिस के सहारे देश की जनता को नए नए तरीके से लूटना मात्र है । लगे रहिए ये 95% जनता महान है ।