गुजरात में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदार अशोक गहलोत की

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8 दिसंबर को जब गुजरात और हिमाचल के परिणाम आएंगे तब राहुल गांधी राजस्थान में होंगे। सीनियर ऑब्जर्वर होने के नाते गुजरात में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदार अशोक गहलोत की है।

एस0 पी0 मित्तल

मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस को जीता पाएंगे या नहीं यह तो एक वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में पता चलेगा। लेकिन गुजरात में कांग्रेस की हार जीत का पता 8 दिसंबर को ही चल जाएगा। 8 दिसंबर को जब हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव परिणाम आएंगे तब राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ों यात्रा के साथ राजस्थान में होंगे। यानी राहुल गांधी इन दोनों राज्यों के परिणाम की जानकारी राजस्थान में ही मिलेगी। यात्रा में राहुल के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी होंगे। सीनियर ऑब्जर्वर के नाते गुजरात में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी गहलोत पर ही है। गहलोत ने ही गुजरात चुनाव की रणनीति बनाई और अभी हाल ही में जब राहुल गांधी ने गुजरात में दो जनसभाओं को संबोधित किया, तब भी गहलोत साथ रहे। गहलोत ने खुद भी कई जनसभाओं को संबोधित किया है। गहलोत ने अपने भरोसेमंद नेता रघु शर्मा को पहले ही गुजरात का प्रभारी नियुक्त कर दिया था। कांग्रेस के उम्मीदवार तय करने में भी गहलोत और रघु की भूमिका महत्वपूर्ण रही। यदि गुजरात में कांग्रेस को सरकार बनाने लायक बहुमत मिलता है तो इसका श्रेय गहलोत और रघु को ही मिलेगा, लेकिन बहुमत नहीं मिलता है तो कांग्रेस की हार का ठीकरा गहलोत और रघु पर ही टूटेगा।

राहुल गांधी की गुजरात चुनाव में कितनी, रुचि रही इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल ने अब तक सिर्फ एक बार एक दिन के लिए गुजरात का दौरा किया है। राहुल ने गहलोत को सीनियर ऑब्जर्वर बनाकर पूरी जिम्मेदारी गहलोत को सौंप रखी है। गहलोत का दावा है कि उनके नेतृत्व में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। इस दावे का पता तो अगले वर्ष चलेगा, लेकिन गहलोत की राजनीति में कितना दम है इसका पता गुजरात चुनाव के परिणाम से लग जाएगा। राजस्थान को लेकर गहलोत चाहे जितने भी दावे करें, लेकिन यह हकीकत है कि गहलोत जब जब भी मुख्यमंत्री रहे, तब तब राजस्थान में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा। 2013 में तो गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस को 200 में से मात्र 21 सीटें मिली। इससे पहले 2003 में 56 सीटें मिली थी। दो बार के बाद भी गहलोत को 2018 में तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया, इसके पीछे गहलोत को गांधी परिवार का संरक्षक रहा। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में अशोक गहलोत गांधी परिवार को भी चुनौती दे रहे हैं।