विधानसभा चुनाव प्रशासनिक मदद से जीती भाजपा-बी.एम. यादव

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सपा सुप्रीमो के बयान के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता पीसीसी एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बीएम यादव । विधानसभा चुनाव प्रशासनिक मदद से जीती भाजपा।

सुल्तानपुर- विगत दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिए थे कि हर विधानसभा में लगभग 20 हजार यादव और मुस्लिम नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए थे। इसलिए हम चुनाव हार गए। चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के इस बयान को संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस दी है कि 10 नवंबर तक अखिलेश यादव अपने बयान को साबित करें।चुनाव आयोग के नोटिस को लेकर मीडिया खबर चला रही है कि अखिलेश यादव अपने बयान को लेकर बुरे फंसे हैं।कांग्रेस नेता पीसीसी एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बीएम यादव “इसौली” ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि हर बूथ व गाँव से यादव,मुस्लिम सहित भाजपा विरोधी मतदाताओं का नाम प्रशासनिक मदद से कटवा दिया गया।उन्होंने कहा कि जो लोग लोकसभा चुनाव-2019 में मतदाता थे,उनका नाम विधानसभा चुनाव-2022 की मतदाता सूची से गायब कैसे हो गया।

कांग्रेस नेता बीएम यादव “इसौली” ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार निश्चित थी।इसका अंदाजा भाजपा रणनीतिकारों व संघ को हो गया था।मण्डल व बूथ कार्यकर्ताओं से भाजपा विरोधियों का नाम चिन्हित कर जिला व तहसील प्रशासन की मदद से विलोपित करा दिया गया।उन्होंने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि सपा सुप्रीमो को नोटिस भाजपा व संघ के इशारे पर जारी की गई है।उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी का कथन बिल्कुल सत्य है।कोई भी यादव मुस्लिम का गांव ऐसा नहीं था,जहाँ 50 से 500 मतदाताओं का नाम विलोपित न कराया गया हो।उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव-2019 व 2022 की विधानसभा नामावली लेकर गाँवों में चलकर मिलान करे,दूध का दूध,पानी का पानी हो जाएगा।उन्होंने कहा कि यही नहीं,कांग्रेस के पक्ष में पड़े मतों को भाजपा के पक्ष में डाइवर्ट किया गया।भाजपा ईवीएम को लेकर 2009 में सुप्रीम कोर्ट गयी थी,तो ईवीएम को हटाकर मतपत्र से चुनाव कराने को तैयार क्यों नहीं हो रही है।

कांग्रेस नेता पीसीसी एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बीएम यादव”इसौली” ने कहा कि ईवीएम भाजपा के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन है।जब ईवीएम निर्माण करने वाली जापानी इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी ने 2009 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका की जाँच में कहा था कि इसकीं पूरी विश्वसनीयता नहीं है।उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में ईवीएम से चुनाव कराया जा रहा,जब कि जापान,जर्मनी,चीन,कोरिया,रूस,फ्रांस,इटली,अमेरिका,ब्रिटेन आदि जैसे विकसित देशों का ईवीएम पर विश्वास नहीं,वहाँ मतपत्र से चुनाव होता है।बीएम यादव ने सभी भाइयों से कर बद्ध निवेदन है किया है कि अपने-अपने क्षेत्र में जिन-जिन लोगों ने 2019 में अपना मतदान किया था लेकिन 2022 के चुनाव में उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था वो तत्काल उन मतदाताओं के नाम सपा कार्यालय को उपलब्ध करवाएं।साथ ही उन मतदाताओं के नाम सोशल मीडिया पर भी उजागर करें ताकि सपा नेता व कार्यकर्त्ता स्वयं संपर्क करके जानकारी एकत्र कर सके।