भाजपा फर्जी रामभक्त,हमारे पूर्वजों ने तो श्री राम को शरण दिया-निषाद

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“ओबीसी आरक्षण के लिए मण्डल आयोग की रिपोर्ट की अधिसूचना जारी नहीं होती तो राममंदिर का मुद्दा नहीं आता “।लौटनराम निषाद का कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष प्रस्ताव: योगी व केशव जहाँ से लड़ें, वहाँ से बनाया जाय उम्मीदवार।भाजपा वाले तो फर्जी रामभक्त बन रहे,हमारे पूर्वज ने तो राम को शरण दिया।

लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व कांग्रेस नेता चौ.लौटनराम निषाद ने भाजपा पर झूठ-फरेब,छल-कपट व जुमलेबाजी की राजनीति का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि 7 अगस्त,1990 को मण्डल कमीशन की सिफारिश के तहत ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना के निर्णय नहीं होता,तो अयोध्या में राममंदिर का मुद्दा नहीं आता।उन्होंने कहा कि मण्डल विरोधी भाजपा पिछडों की हितैषी कैसे?जिन पिछडों के अधिकार व प्रतिनिधित्व के विरोध में देश को जातीय दंगे में झोंक दिया,वह पिछडों को हिन्दू किस मुंह से कहती है ऑफ जब पिछड़े हिन्दू तो उनके आरक्षण का विरोध क्यों किया?भाजपा का हिंदुत्व ढोंग है।उन्होंने कहा कि हम संवित पात्रा व स्मृति ईरानी के साथ डिबेट में बैठना चाहता हूँ।निषाद ने कहा कि हमारा टिकट ग़ाज़ीपुर सदर से ओके हो गया है।पर,हम योगी आदित्यनाथ व केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ लड़ना चाहता हूँ।उन्होंने कहा कि हम सिर्फ विधायक बनने के लिए ही नहीं,बल्कि पिछडों,दलितों,वंचितों का वकील बनने के लिए चुनाव लड़ना चाहता हूँ।उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी,प्रभारी महासचिव,चुनाव प्रभारी से आग्रह किया है कि लौटनराम निषाद को योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सामने कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाय।

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं।वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं,राम प्रेम हैं, वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते।राम करुणा हैं, वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते,राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।


निषाद ने कहा कि योगी झूठे राम मंदिर का राग अलाप रहे हैं।यदि वे मत्स्येंद्रनाथ व गोरखनाथ के नाथ पंथ में आस्था रखते हैं तो राम,कृष्ण.. की बात करें तो समाज के साथ गद्दारी व धोखा है।उन्होंने योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि स्पष्ट करें कि आप रामभक्त हो कि नाथपंथी?रामभक्त हो तो नाथपंथी कैसे और नाथपंथी तो रामभक्त कैसे?
निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिन्दू धर्म,सनातन धर्म व नाथ पंथ के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।योगी आदित्यनाथ का जो व्यवहार व चरित्र दिखाई दे रहा है, वह नाथ पंथ के बिल्कुल विरुद्ध दिख रहा है।नाथ पंथ के संस्थापक निषाद कुलपूर्वज मत्स्येन्द्रनाथ थे व पौराणिक राम के मददगार महाराजा गुहराज निषाद जी थे,जो निषाद कुलपूर्वज हैं।उन्होंने कहा कि योगीजी बताएं कि आप नाथपंथी हो या हिन्दू या ठाकुरवादी या हिंदूवादी, फिरकापरस्त या न्यायवादी,राष्ट्रवादी या अंग्रेजों के खुपिया आरएसएस के लोगों के वंशज,अम्बेडकरवादी हैं या विध्वंसक, अपने चाल चरित्र को स्पष्ट करिये।उन्होंने कहा कि हम विधायक ही नहीं,पिछडों,दलितों,वंचितों का वकील बनने के लिए लिए चुनावी समर में उतरूंगा।लौटनराम निषाद मंडलवाद,अम्बेडकरबाद, पेरियारवाद को आगे बढाने के लिए पिछडों,दलितों,वंचितों के मान-सम्मान,अधिकार, सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करता रहा है, मरते दम तक संविधान,लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा।