अखिलेश प्लान से भाजपा होगी पस्त….!

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पीडीए से घबराई भाजपा-अखिलेश यादव
पीडीए से घबराई भाजपा-अखिलेश यादव

अखिलेश प्लान से भाजपा होगी पस्त….!

अखिलेश यादव के तेवर अब बदले-बदले नज़र आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी OBC/SC/ST अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के ही समीकरण पर राजनीति करेगी। सपा में मुसलमान और यादवों के अलावा अब ओबीसी का भी बोलबाला होगा, साथ ही यह भी साफ हो गया है कि अब समाजवादी पार्टी की राजनीति में ब्राह्मण और ठाकुरों के लिए वह जगह नहीं बची है, जो पहले कभी करती थी। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव होता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी है। अखिलेश यादव ने संगठन के पदों पर नामों का ऐलान कर दिया है। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष, प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय सचिवों के नामों का ऐलान हुआ है। अखिलेश यादव ने जिन 14 राष्ट्रीय महासचिवों का ऐलान किया है, उसमें एक भी ब्राह्मण या ठाकुर चेहरा नहीं है। वहीं मुस्लिम चेहरों में भी सिवाय आजम खान के किसी अन्य चेहरे को राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर जगह नहीं मिली है, जबकि इस बार अखिलेश यादव ने ओबीसी को भरपूर जगह दी है। रवि प्रकाश वर्मा,स्वामी प्रसाद मौर्य,विश्वंभर प्रसाद निषाद, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर हरेंद्र मलिक नीरज चौधरी ऐसे नाम हैं, जिन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।

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अखिलेश प्लान से भाजपा होगी पस्त….!

अखिलेश यादव के निर्देश पर कार्यकारिणी सदस्यों के नाम घोषित किए गए हैं। इसमें से कई नाम चौंकाने वाले हैं, लेकिन सबसे अधिक चर्चा जिन नामों पर हो रही है, वे शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम हैं। शिवपाल यादव ने पिछले दिनों अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय कराया था। समाजवादी पार्टी में आने के बाद से उनको कोई पद न मिलने की बात लगातार उछाली जा रही थी। विवाद गरमाने के बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। अब उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान मिल गया है। अखिलेश यादव को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई है। यूपी के राजनीतिक गलियारों की गतिविधि पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक पंडितों की मानें तो शिवपाल यादव घाटे के सौदे में चले गए हैं। कभी समाजवादी पार्टी में नंबर दो की भूमिका में रहने वाले शिवपाल को अखिलेश की कार्यकारिणी में पांचवें नंबर पर रखा गया है। इसी को लेकर बहस शुरू हुई है

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल और अखिलेश अधिक करीब आए। दूरियां मिटी। मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में शिवपाल ने बहू डिंपल यादव के लिए जमकर प्रचार किया। पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई। इसके बाद उनकी समाजवादी पार्टी में दोबारा वापसी हुई। पार्टी में वापसी के बाद पहली बार उन्हें कोई पद मिला है। 6 साल बाद समाजवादी पार्टी मैं उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली, लेकिन उनका कद घटने की बात कही जा रही है। प्रो. रामगोपाल यादव की हैसियत पार्टी में पहले जैसी है। वहीं, शिवपाल यादव राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका में होंगे। उनके सामने राष्ट्रीय प्रधान महासचिव की भूमिका में प्रो. रामगोपाल यादव होंगे। राष्ट्रीय महासचिव के 14 नामों में 1 नाम शिवपाल यादव का होने को लेकर राजनीतिक विश्लेषक इसे घाटे का सौदा मान रहे हैं।

अखिलेश प्लान से भाजपा होगी पस्त….!

सपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी है। जिसमें कुल 62 लोगों को शामिल किया गया है। सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। पार्टी ने आजम खान और हाल ही में रामचरित मानस पर बयान देकर विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को भी कार्यकारिणी में शामिल किया है। शिवपाल को मैनपुरी में डिंपल यादव की बड़ी जीत हासिल कराने में साथ देने का तोहफा दिया गया है। पार्टी की तरफ से शिवपाल यादव, आजम खान और स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है अखिलेश यादव एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, जबकि किरनमय नन्दा राष्ट्रीय उपाध्य और रामगोपाल यादव राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाए गए हैं।