बहू अपर्णा विष्ट को भाजपा नहीं लड़ाएगी चुनाव…!

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क्या प्रतीक यादव वाकई मुलायम सिंह के बेटे हैं?भाजपा में शामिल होने वाली अपर्णा यादव 6 करोड़ रुपए की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार में सफर करती हैं।

पर्णा विष्ट यादव भाजपा में 19 जनवरी को शामिल हो गई। अपर्णा विष्ट को भाजपा ने कितना महत्व दिया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सदस्यता ग्रहण का समारोह भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर किया गया। अपर्णा के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह,उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रभारी महासचिव अनिल बलूनी आदि मौजूद रहे।भाजपा नेताओं ने इसे उपलब्धि बताया कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव के शामिल होने से भाजपा मजबूत होगी। मीडिया में भी लगातार गाया जा रहा है कि मुलायम सिंह की बहू भाजपा में शामिल हो गई। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि सपा ने भाजपा के तीन मंत्रियों को तोड़ा,उसी का जवाब भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के परिवार को तोड़कर दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव वाकई मुलायम सिंह के पुत्र हैं?

2022 विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा विष्ट यादव समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में आई हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश की तरफ से टिकट का उन्हें कोई वादा नहीं मिला। अब राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक मेसेज ये जा रहा है कि यादव परिवार में दरार पड़ चुकी है।उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले नेता जी की बहू अपर्णा विष्ट यादव भाजपा में शामिल हो गई हैं। अब यह जानकारी सामने आ रही है कि भाजपा अपर्णा को साल 2022 का चुनाव नहीं लड़ाएगी।2022 का विधानसभा चुनाव अपर्णा विष्ट को नहीं लड़ाएगी भाजपा बल्कि चुनाव के बाद अगर भाजपा सरकार बनी तो एमएलसी बनाएगी,इसके साथ ही सरकार बनने के बाद अपर्णा विष्ट को लेकर भाजपा का प्लान क्या है, यह सामने आ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो पार्टी अपर्णा यादव को विधान परिषद का सदस्य बना सकती है।

सब जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने अपनी पत्नी और अखिलेश यादव की माताजी श्रीमती मालती देवी के 2003 में निधन के बाद साधना गुप्ता को अपनी दूसरी पत्नी घोषित किया था। साधना का पहला विवाह एक छोटे कारोबारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुआ लेकिन साधना के मुलायम सिंह के संपर्क में आने के बाद चंद्रप्रकाश को तलाक देना पड़ा। लेकिन तब तक एक पुत्र का जन्म हो गया था। तलाक के बाद साधना गुप्ता अपने पुत्र के साथ ही मुलायम सिंह के साथ रहीं,लेकिन साधना गुप्ता ने कभी भी अपने पुत्र प्रतीक और अखिलेश यादव के बीच फर्क नहीं । सौतेली मां होने के बाद भी साधना ने ज्यादा ख्याल अखिलेश का रखा। साधना का मानना रहा कि जब मुलायम सिंह यादव उनका इतना ख्याल रख रहे हें, तब अखिलेश का ख्याल रखना उनकी जिम्मेदारी है। मुलायम सिंह ने प्रतीक को करोड़ों रुपए की जायदाद का मालिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मुलायम ने वर्ष 2011 में प्रतीक का विवाह भी धूमधाम से किया। तब अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टर ने भी उपस्थित होकर विवाह में चार चांद लगाए। प्रतीक यादव ने तो राजनीति में रुचि नहीं दिखाई, लेकिन अपर्णा यादव हमेशा से ही राजनीति में सक्रिय रहीं। 2017 में अपर्णा ने लखनऊ कैंट से सपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन तब वे भाजपा की रीता बहुगुणा से हार गई। नामांकन में तब अपर्णा ने स्वयं को 23 करोड़ रुपए की चल और अचल सम्पत्ति का मालिक बताया था। इस संपत्ति में 6 करोड़ रुपए की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार भी शामिल है। 19 जनवरी को भाजपा में शामिल होने पर अपर्णा ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों से प्रभावित होकर ही सदस्यता ग्रहण कर रही है और अब वे उत्तर प्रदेश में भाजपा में मजबूती के लिए काम करेंगी। मौजूदा समय में मुलायम सिंह यादव किस स्थिति में है, यह तो पता नहीं लेकिन अपर्णा के भाजपा में शामिल होने से अखिलेश यादव को मानसिक तनाव जरूर होगा, क्योंकि अब सपा और मुलायम सिंह के घर में भाजपा की सीधी एप्रोच हो गई है। अब मुलायम सिंह के घर में भाजपा की बैठकें भी हो सकेंगी। जानकार सूत्रों के अनुसार अपर्णा के भाजपा में शामिल होने पर मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता की सहमति भी रही है।