चीनी मिल में रसायन विद् को बना दिया प्रधान प्रबंधक

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चीनी मिल में लगी आग ने खोली गन्ना विभाग के आला अफसरों की पोल। आउटसोर्सिंग पर अनुभवनहीन कर्मियों से लिया जा रहा था तकनीकी कार्य।रसायन विद् को बना दिया चीनी मिल का प्रधान प्रबंधक।

राकेश यादव

लखनऊ। मोहिउद्दीन चीनी मिल में लगी भीषण आग ने गन्ना विभाग के आला अफसरों की पोल खोल दी है। विभाग के अफसरों ने नियमों का ताक पर रखकर एक रसायन विद् को चीनी मिल का प्रधान प्रबंधक नियुक्त कर दिया। संविदा पर नियुक्ति किए गए प्रधान प्रबंधक को नियम विरुद्ध वित्तीय अधिकार भी सौंप दिए गए। मिल में हुए भीषण अग्निकांड पर लीपापोती करने के लिए विभाग के आला अफसरों ने मिल पर डेरा भी डाल दिया है। इस अग्निकांड ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

खामियों पर लीपापोती करने पहुंचे विभागीय अफसर- मोहिउद्दीन चीनी मिल में हुए अग्निकांड ने गन्ना विभाग के अफसरों का भनक तक नहीं लगी। मुृख्यमंत्री ने घटना को संज्ञान में लेकर गन्ना विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रबंधक निदेकश को तत्काल मौके पर पहुचने का निर्देश दिया। इसके बाद महकमा हरकत में आया। बताया जा रहा है कि विभाग के अ्ïाला अफसर खामियों को छिपाने के लिए मामले में लीपापोती करने में जुटे हुए हैं।


विभागीय सूत्रों के मुताबिक मोहिउद्दीन चीनी मिल को प्रधान प्रबंधक बनाया गया वह दो साल पहले उप मुख्य रसायन विद के पद से सेवानिवृत हुआ था। विभाग के आला अफसरों रिटायर अफसर को मिल का महा प्रबंधक बना दिया। आउटसोर्सिंग पर चल रही इस चीनी मिल में अधिकांश कर्मचारी संविदा पर नियुक्ति किए गए हैं। शनिवार को मिल में टरबाइन पाइप फटने की वजह से भीषण आग लग गई थी। जानकारी के अनुसार बीते दो साल के दौरान चीनी मिल की मशीनरी की मरम्मत कराई गई थी। इस पर भारी धनराशि खर्च की गई थी। मशीनरी मरम्मत सही नहीं कराने की शिकाय हुई थी। इसकी जांच भी कराई गई थी। प्रधान प्रबंधक की भ्रष्टाचार तथा वह जांच चीनी निगम के किस अधिकारी ने की तथा उसकी जांच रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही ही नहीं की गई।


सूत्रों का कहना है कि चीनी मिल में लगे पावर प्लांट में जो तकनीकी कर्मचारी लगाए गए है वह अनुभवहीन है। मिल में हुए अग्निकांड ने इस सच को उजागर कर दिया है। चीनी मिल से ऑउट सोर्सिंग की पार्टी के मध्य हुए अनुबंध के अनुसार लगाये गये सभी अधिकारियों / कर्मचारियों के योग्यता/अनुभव प्रमाणपत्र चीनी मिल/ चीनी निगम के किन अधिकारियों द्वारा सत्यापित तक नहीं किये गये। सवाल यह उठा है कि मिल की तकनीकी मरम्मत तथा इसके संचालन का समस्त काम किसके देखरेख में कराया गया। यह बड़ा सवाल है।यही नहीं पावर प्लांट की ऑफ सीजन में हुई मरम्मत से संबंधित समस्त रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गई। पावर प्लांट को संचालित करने वाली ऑउट सोर्सिंग की पार्टी के तीनों शिफ्ट के तकनीकी कर्मचारियों के नाम, उनकी योग्यता तथा इन उपकरणों को चलाने का कोई अनुभव ही नहीं था। चीनी मिल के पावर प्लांट में लगी भयंकर आग के तकनीकी कारणों की उच्च स्तरीय जांच स्ढ्ढञ्ज गठित कर करायी जाये।