पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री
पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री

संसद और श्रीराम जन्मभूमि पर आतंकी हमले को पीएसी ने किया था निष्फल। पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री। बोले-कुछ लोगों ने कुत्सित सोच के चलते पीएसी की 46 कंपनियों को कर दिया था समाप्त, आज 273 संचालित। पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री

लखनऊ। किसी भी बल की छवि उसके जवानों के शौर्य और पराक्रम से निर्मित होती है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश पीएसी का इतिहास सदैव स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। वर्ष 2001 में देश की संसद पर हमला हुआ था, उस समय उत्तर प्रदेश पीएसी के जवानों ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए हमले को निष्फल करने में सफलता प्राप्त की थी। पीएसी के जवानों ने अपने शौर्य और पराक्रम से सभी हमलावरों को मार गिराकर उनके मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया था। इतना ही नहीं, देश की आस्था के प्रतीक श्री राम जन्मभूमि पर जब आतंकी हमला हुआ था तब भी पीएसी ने उसे हमले को निष्फल कर उनके मंसूबों को विध्वंस करने का काम किया था। पीएसी के गौरवशाली इतिहास के बाद भी कुछ लोगों ने अपनी कुत्सित सोच के चलते प्रदेश में पीएसी की 46 कंपनियों को समाप्त कर दिया था। वहीं आज पीएसी के गौरवशाली अतीत को देखते कुल 33 बटालियन में 273 कंपनियां पूर्णतया क्रियाशील हो चुकी हैं। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पीएसी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहीं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेस्ट बटालियन अवार्ड, बेस्ट प्लाटून ड्रील, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों व मेधावी छात्रों को स्मृति चिह्न व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया।

पीएसी में 41,893 आरक्षियों की भर्ती की गई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएसी के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए हमारी सरकार ने पीएसी में 41,893 आरक्षी और 698 प्लाटून कमांडो की भर्ती की है। पीएसी में पदोन्नति के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए सरकार ने सशस्त्र पुलिस बल में 184 निरीक्षकों और 3,772 उप निरीक्षकों के पदों में भी वृद्धि की है। इसके अलावा विभागीय प्रोन्नति के तहत 257 उप निरीक्षक, 3558 मुख्य आरक्षी और 12,774 आरक्षी को प्रोन्नति प्रदान की गई। आरक्षियों के पदों पर सीधी भर्ती की कार्रवाई भी चल रही है, जिसमें 10,584 से अधिक भर्ती की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। इसके अलावा पीएसी बल को अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों जैसे एसएलआर, इंसास राइफल, दंगा विरोधी उपकरणों के साथ एंटी राइट गन और टियर गैस गन से सुसज्जित किया गया है। इसके अलावा बाढ़ राहत कंपनियों के लिए भी आवश्यक उपकरण खरीदे गए हैं। पीएसी जवानों को दैनिक उपयोग की चीजों को गुणवत्ता युक्त और कम दाम पर उपलब्ध कराने के लिए 13 मास्टर कैंटीन और पीएसी वाहिनी यानी जनपदीय लाइन में कुल 102 सब्सिडी कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। पुलिस कल्याण योजना के तहत जवानों के बच्चों को न्यूनतम शिक्षण शुल्क पर उत्तम शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 31 पुलिस मॉडल स्कूल संचालित हैं, जहां हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम 90 फ़ीसदी से अधिक देखने को मिले हैं। पुलिस मॉडर्न स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर, नए पुलिस मॉडर्न स्कूल के निर्माण और फर्नीचर की खरीद के लिए प्रदेश सरकार ने आवश्यक धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा पीएसी की 33 में से 31 वाहिनियों में पहली बार हाई राइज बिल्डिंग के रूप में प्रत्येक वाहिनी में 200 जवानों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी रविवार को पीएसी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए और परेड की सलामी ली।

पहली बार कुशल खिलाड़ियों को बनाया पुलिस बल का हिस्सा


योगी ने कहा कि पीएसी में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने तीन महिला बटालियन लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारी बाई और वीरांगना अवंती बाई के नाम पर स्वीकृति दी है। इसका कार्य प्रारंभ हो चुका है। पहली बार कुशल खिलाड़ियों को पुलिस बल का हिस्सा बनाया गया है। ऐसे में अब तक 500 से अधिक कुशल खिलाड़ियों की भर्ती की जा चुकी है। इसके अलावा राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) की एक बटालियन का सृजन किया गया है, जिसमें 6 कंपनियां और 18 टीमें शामिल हैं। इनमें से तीन कंपनियों अर्थात 9 टीमों को क्रियाशील भी कर दिया गया है, जबकि शेष तीन कंपनियों को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही तीन अतिरिक्त कंपनियाें के उपयोग के लिए मोटर वोट समेत अन्य उपकरणों के लिए सरकार ने आवश्यक धनराशि स्वीकृत की है। सीएम योगी ने कहा कि इस वर्ष बाढ़ के दौरान पीएसी की टीम और एसडीआरएफ ने अपने अथक परिश्रम से 175 बच्चों समेत 1008 लोगों और पशुओं को बचाने का काम किया है। साथ ही 20,000 से अधिक बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में योगदान दिया। सीएम ने सभी जवानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार हमेशा उनके हितों को प्राथमिकता में रखती है। आपके कार्यों की गुणवत्ता, कल्याण और मनोबल को ऊंचा उठाने के लिए सरकार निरंतर प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। वहीं हमने पदोन्नति में विसंगति को एक निश्चित समय सीमा में दूर करने के निर्देश दिये हैं, जिससे जवानों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन और पदोन्नति मिल सके। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी डॉ. केएस प्रताप कुमार आदि उपस्थित रहे। पीएसी के स्थापना दिवस में शामिल हुए मुख्यमंत्री