पुलिस का व्यवहार और अधिक सौम्य एवं सहयोगी के रूप में रहे: मुख्यमंत्री

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पुलिस आरक्षियों का प्रशिक्षण कार्य रिकार्ड समय में सफलता पूर्वक पूर्ण। पुलिस कर्मियों को बेहतर एवं अद्यावधिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराये जाने हेतु विशेष प्रयास। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में डेढ़ लाख से अधिक चयनित। पुलिस नवीनतम जानकारी से प्रशिक्षित रहे तथा आमजन के प्रति। पुलिस का व्यवहार और अधिक सौम्य एवं सहयोगी के रूप में रहे। पुलिस के प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षुओं की प्रशिक्षण क्षमता को 5650 से बढ़ाकर 11150 किया गया। पुलिस के प्रशिक्षण संस्थानो में 1227 अतिरिक्त पदों का हुआ सृजन। मेरठ के ‘धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय’ को अत्याधुनिक संसाधन युक्त बनाने का प्रयास। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता को किया गया। दोगुना तथा और वृ़िद्ध किये जाने का शासन द्वारा मांगा गया प्रस्ताव।


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में पुलिस कर्मियों को बेहतर एवं अद्यावधिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराये जाने की दिशा में शासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में डेढ़ लाख से अधिक चयनित पुलिस आरक्षियों का प्रशिक्षण कार्य रिकार्ड समय में सफलतापूर्वक पूर्ण कराये जाने पर मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। पुलिस जहां एक ओर नवीनतम व गुणवत्तापरक जानकारी से प्रशिक्षित रहे वही आमजन के प्रति पुलिस का व्यवहार और अधिक सौम्य एवं सहयोगी के रूप में रहे। इसके लिए पुलिस की प्रशिक्षण क्षमता को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण में इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि उसे समय पर गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किया जाये तथा प्रशिक्षण प्राप्त आरक्षी जनता के साथ बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करते हुए मित्र छवि का आदर्श प्रस्तुत करे। पुलिस की बेहतर छवि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप आधुनिक जानकारियों सहित अधिक व्यावहारिक बनाये जाने पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता को दोगुना किया गया है तथा इसमें और वृ़िद्ध किये जाने का शासन द्वारा प्रस्ताव मांगा गया है।पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण से शासन की प्राथमिकताओं के क्रम में तथा पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता में वृद्धि किये जाने के संबंध में प्रस्ताव शीघ्र मांगा गया है।

संजय प्रसाद ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मुख्य आरक्षी से उपनिरीक्षक के पद पर प्रोन्नति प्राप्त 32 हजार से अधिक प्रशिक्षु भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है। इसके अलावा मुख्य आरक्षी से प्रोन्नति प्राप्त 09 हजार से अधिक प्रशिक्षु उपनिरीक्षक का प्रशिक्षण प्रक्रियाधीन है। प्रमुख सचिव, गृह ने यह भी बताया कि शासन द्वारा प्रदेश में पहले से स्थापित 09 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता को दोगुना किया गया है। पूर्व में इन प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित होने वाले प्रशिक्षुओं की कुल संख्या 5650 थी। इसे बढ़ाकर 11500 कर दिया गया है।

शासन द्वारा दो नये प्रशिक्षण केन्द्र क्रमशः जनपद सुलतानपुर एवं जालौन (कालपी) में स्थापित किये गये हैं। जिसके फलस्वरूप अब पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की कुल संख्या 11 हो गई है। शासन द्वारा पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ का नया नाम परिवर्तित कर ‘धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय’ किया गया है तथा इसे अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है ताकि नवीनतम टेक्नोलॉजी की जानकारी प्रशिक्षुओं को उपलब्ध हो सके।

उल्लेखनीय है कि 09 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों हेतु पहले से सृजित 924 पदों का विस्तार करते हुए 1227 अतिरिक्त पदों का सृजन किया गया है। इसके फलस्वरूप अब 924 के स्थान कुल 2151 पद प्रशिक्षण कार्य हेतु सृजित किये जा चुके हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहले से ही 09 पुलिस प्रशिक्षण संस्थान क्रमशः पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र उन्नाव, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, गोरखपुर, डा0 बी0आर0 अम्बेडकर, पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, मुरादाबाद, सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, सीतापुर, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, सीतापुर, सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, मिर्जापुर, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, मुरादाबाद, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, मुरादाबाद व पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ (नवीनतम नाम ‘धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय’) संचालित है।