रामनगरी अयोध्या के विकास कार्यों में सीएनडीएस अधिकारियों की लूट

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अयोध्या विकास कार्यों में सीएनडीएस के अधिकारियों की लूट, जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश। समीक्षा बैठक के दौरान विवादित विकास कार्यों को लेकर जिलाधिकारी नाराज। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश।

अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने जनपद में निर्माण से सम्बंधित विवादित प्रकरणों की समीक्षा की तथा इन प्रकरणों में जिलाधिकारी ने कहा कि शिकायतों में प्राथमिक दर्ज है इसकी विवेचना तेजी से किया जाय तथा विभागीय कार्यवाही भी किया जाय और जिन मामलों में प्राथमिकी दर्ज नही है उनमें प्राथमिकी दर्ज कराते हुये सम्बंधित के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज की जाय। ऐसे मामलों में कार्यवाही हेतु शासन/मण्डलायुक्त से निर्देश प्राप्त हुये है। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि इसकी नियमित समीक्षा की जाय।

वर्तमान में विवादित प्रकरणों में राजकीय इंटर कालेज अमानीगंज में वित्तीय वर्ष 2010-11 में स्वीकृत राजकीय इंटर कालेज हेतु स्वीकृत समस्त धनराशि रू0 171.96 लाख को कार्यदायी संस्था सी.एण्ड डी.एस. 44 को अंतरित कर दिया गया था। शत प्रतिशत धनराशि प्राप्त होने के पश्चात भी कार्यदायी संस्था द्वारा मात्र 25 प्रतिशत कार्य किया गया है। विगत कई वर्षो से कार्य बंद है।आर0सी0 जारी करने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर 2018 को अनुरोध किया जा चुका है। तत्कालीन परियोजना प्रबन्धक राम दास प्रसाद, वी0एन0 वर्मा एवं अरविन्द कुमार के विरूद्व थाना कोतवाली नगर अपराध संख्या 0567 दिनांक 22 जुलाई 2017 द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है।

अंतरराष्ट्रीय रामलीला केन्द्र अयोध्या की परियोजना की स्वीकृति माह फरवरी 2011 में प्राप्त हुई थी, परियोजना की लागत रू0 347.86 लाख की समस्त धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। उक्त परियोजना पर रू0 227.48 लाख व्यय की जा चुकी है, जो कार्य की भौतिक प्रगति 65 प्रतिशत है। कार्यदायी संस्था सी0एड डी.एस-44 के तत्कालीन लेखाकार द्वारा उनके आलमारी से चेक चोरी होने एवं चोरी किये गये चेक से मेसर्स सारा कान्सट्रक्शन चिनहट लखनऊ द्वारा बैंक आफ बड़ौदा चिनहट लखनऊ की शाखा से फर्जी खाता खोलकर रू0 119.85 लाख की धनराशि निकाले जाने के सम्बंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 19 मई 2012 को दर्ज करायी गयी है।

विभागीय अधिकारियों तत्कालीन महाप्रबन्धक परियोजना प्रबन्धक एवं लेखाकार के विरूद्व आरोप निर्धारित किये गये है। डा0 भीमराव अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय क्रीडा संकुल की परियोजना की स्वीकृति माह मई 2006 में प्राप्त हुई थी। परियोजना की लागत रू0 132.34 लाख की समस्त धनराशि अवमुक्त एवं व्यय की जा चुकी है। कार्य की भौतिक प्रगति 73 प्रतिशत है। क्रिकेट स्टेडियम एवं आडीटोरियम का कार्य अपूर्ण है।

कार्यदायी संस्था सी0एण्ड डी0एस-44 के स्थानिक अभियन्ता ए0के0 शुक्ला सेवानिवृत्त रू0 243.43 लाख, ए0पी0 पांडेय सेवानिवृत्त रू0 230.34 लाख, आर0के0 श्रीवास्तव सेवानिवृत्त रू0 47.82 लाख की सामग्री अभी तक असमायोजित किये जाने के कारण परियोजना प्रबन्धक द्वारा थाना पूराकलन्दर में अपराध संख्या 0538 दिनांक 02.09.2020 द्वारा एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

राजकीय हाईस्कूल घोड़वल में मुकदमा संख्या 37 धारा 229 बी, न्यायालय उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर में उद्घोषणा हेतु वाद राम अंजोर बनाम ग्रामसभा तथा वाद संख्या 5710 (एम0एस0/2012) मा0 न्यायालय लखनऊ खण्ड पीठ में दिनांक 08.10.2012 को राम अंजोर बनाम उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दायर किया गया है इस पर कार्यवाही आपेक्षित है।

अयोध्या को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेकों पहल की है । जल्द ही अयोध्या नगरी वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर अतुल्य होगी । देश दुनिया से वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों पर अमिट छाप छोड़ने के लिए भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर, श्री राम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, वैदिक और आधुनिक सिटी के समन्वित मॉडल के रूप में नव्य अयोध्या के अलावा और भी बहुत कुछ होगा।वहीं रामनगरी अयोध्या के विकास कार्यों में सीएनडीएस अधिकारियों ने राम नाम पर लूट मचा रखीं है।

राजकीय पाॅलीटेक्निक मिल्कीपुर में राजकीय पाॅलीटेक्निक मिल्कीपुर के भू-वाद संख्या 587/2001 महात्मा गांधी इंटर कालेज बनाम उ0प्र0 राज्य सरकार में मा0 उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ द्वारा पारित आदेश दिनांक 02.12.2019 द्वारा मा0 न्यायालय फैजाबाद को 03 माह के भीतर करने के निर्देश निर्गत किये गये है। वर्तमान में वाद सिविल जज सी0डी0 कोर्ट में लम्बित है, जिसके सुनवाई की तिथि दिनांक 14.06.2021 नियत थी। उक्त मामले में सक्षम अधिकारी/विभागीय अधिकारियों से कार्यवाही करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया। उक्त बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारी/प्रतिनिधि उपस्थित थे।