36 नये आईटीआई का निर्माण कार्य नवम्बर तक पूर्ण किया जायेगा -कपिल देव अग्रवाल

82

राज्य सरकार द्वारा कोविड-संक्रमण के दौरान प्रदेश लौटे 38 लाख प्रवासी श्रमिकों हेतु आजीविका का प्रबंध।47 नए राजकीय आई.टी.आई. खोले गये,36 नये आईटीआई का निर्माण कार्य माह नवम्बर तक पूर्ण किया जायेगा।1.72 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षण/प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई।प्रदेश में 50,000 युवाओं को अप्रेन्टिसशिप योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया।

लखनऊ – उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा है कि कोविड- संक्रमण के कारण प्रदेश में लौटे लगभग 38 लाख प्रवासी श्रमिकों की आजीविका का प्रबंध करने तथा उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सहायता देने के लिए आरपीएल के अन्तर्गत कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विचार को बढ़ावा देने के लिए ’’आभा’’ मोबाइल एप को भी विकसित किया गया जिसमें वे स्किल टेªनिंग की आवश्यकता को बता सकते है और टेªनिंग प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त स्व-रोजगार से जुड़े हुए कुछ वीडियोज भी इस एप में रखे गये है।

कोरोना के कारण औपचारिक प्रशिक्षण संभव न होने पर भी विभाग द्वारा प्रदेश के 50,000 युवाओं को अमेरिका में स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर व मानकों के अनुरूप निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इन युवाओं को प्रशिक्षण के उपरान्त सर्टीफिकेट भी प्राप्त होगा, जिसे विश्व के अनेक देशों में मान्यता प्राप्त है, इससे युवा देश के बाहर भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगें।

श्री अग्रवाल आज यहां आईटीआई परिसर स्थित कौशल विकास मिशन के सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फरवरी से सितम्बर, 2020 तक आईटीआई में शिक्षण और कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्य स्थगित रहा, फिर भी विभाग द्वारा इस अवधि की कमी को पूरा करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार के लगभग 4 साल में 47 नए राजकीय आई.टी.आई. खोले गये है, जिनको सम्मिलित कर कुल 305 राजकीय आई.टी.आई. प्रदेश में संचालित है, जिनमें 1.72 लाख से अधिक छात्रों के शिक्षण, प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।

सरकार द्वारा नये आई.टी.आई. खोलने में प्राथमिकता उन तहसीलों और विकास खण्डों या अल्पसंख्यक बहुल्य क्षेत्रों को दी गयी है, जहाँ कोई प्रशिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा 36 नये आई.टी.आई. भी अनुमोदित कर दिये है, जिनका निर्माण नवम्बर, 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने इसे उदविभाग की एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि पिछले लगभग 4 वर्षों में 1 लाख 7 हजार 489 सीटों की मान्यता एनसीवीटी से प्राप्त की गयी है। इन सीटों की एनसीवीटी की मान्यता मिल जाने से अब इन सीटों पर पढ़ने वाले छात्रों को भी राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाण-पत्र मिल सकेंगें। प्रदेश में कुल 1,51,508 सीटों पर एनसीवीटी की मान्यता उपलब्ध है, जो कुल सीटों की लगभग 88ः संख्या है।

राज्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इण्डिया तथा ग्रीन एनर्जी जैसे विषयों पर भी सरकार ने तेजी से कार्य किया है। अब सभी राजकीय आई.टी.आई. में आई.टी. लैब व स्मार्ट क्लास रूम उपलब्ध है। लगभग इन 4 वर्षों में 66 आई.टी.आई. में हमने 40 किलोवाट की क्षमता के सोलर एनर्जी प्लाण्ट भी लगवाये है ताकि छात्र आधुनिक तकनीक के साथ और बगैर विद्युत आपूर्ति की कठिनाई के साथ अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

विभाग द्वारा छात्रों की सुविधा के लिए यूराइज पोर्टल भी प्राविधिक शिक्षा विभाग के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें सभी तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले और टेªनिंग लेने वाले छात्रों का विवरण उपलब्ध है। इसमें छात्रों के लिए ई-कन्टेण्ट तथा वीडियो लेक्चर्स भी अपलोड किये गये है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपे्रेन्टिसशिप प्रमोशन स्कीम भी प्रारंभ की है, जिसके जरिए उद्योगों में अप्रेन्टिस के रूप में कार्य करने वाले युवाओं के लिए उद्योगों को दी जाने वाली स्टाइपेन्ड की धनराशि की प्रतिपूर्ति के साथ ही रू0 1000 की प्रति अपे्रेन्टिस प्रतिमाह अतिरिक्त प्रतिपूर्ति की जा रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपे्रेन्टिसशिप योजना का लाभ मिल सकें।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में 50,000 युवाओं को अप्रेन्टिसशिप योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा चुका है। उद्योगों की व्यावसायिक प्रशिक्षण व तकनीकी शिक्षण में और अधिक प्रभावी भूमिका के लिए देश की प्रमुख औद्योगिक एवं उत्पादन इकाईयों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। यही प्रयोग उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन में भी फ्लैक्सी पार्टनरशिप माॅडल के अन्तर्गत किया गया है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन द्वारा लगभग 4 वर्षों में 7 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वर्तमान सरकार के लगभग 4 वर्षों में 88 प्रतिशत से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश के सभी मण्डलों में वृहद् रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि लगभग 04 वर्षों में 15 लाख 74 हजार युवाओं के प्रशिक्षण हेतु लक्ष्यों का आवंटन किया गया। चूँकि बड़ी संख्या युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, इसे देखते हुए प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं में भी वृद्धि की गयी है। लगभग चार वर्षों 435 प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित किया गया है। इसके अतिरिक्त नए प्रशिक्षण प्रदाताओं को तथा दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये जा चुके है, जिनकी संख्या लगभग 500 है। इन प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। इसके द्वारा अधिक प्रशिक्षण क्षमता विकसित की जा सकेगी। प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए इस क्षेत्र में कार्य करने वाली विशेषज्ञ प्लेसमेंट एजेन्सीज को अनुबंधित करने की पहल की गयी है तथा 8 प्लेसमेंट एजेन्सीज के साथ अनुबंध भी किया जा चुका है।


श्री अग्रवाल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस वर्ष से प्रदेश के कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अपना रोजगार लगाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन व बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सीएम युवा (मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान) का प्रारंभ किया गया है, जो एक सिंगल विण्डों एप्रोच पर आधारित योजना है, इसका क्रियान्वयन पूर्णतया आनलाइन पद्धति से किया जा रहा है, जिसके लिए डेडीकेटेड पोर्टल तैयार किया गया है।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक कौशल विकास कुणाल सिल्कू, अपर निदेशक नीरज कुमार, उप निदेशक मयंक गंगवार सहित विभागीय अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।