जेलों के धर्म गुरु बने धर्मवीर….!

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राकेश यादव

गायत्री मंत्र जाप से कैदियों को सुधारने की सराहनीय पहल।

प्रदेश की जेलों में बंद खूंखार अपराधी को सुधारने का जिम्मा प्रदेश के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने उठाया है। इस सुधार के लिए जेलमंत्री ने प्रदेश की समस्त जेलों के जेल अधिकारियों को सुबह और शाम को गायत्री मंत्र जाप कराने के निर्देश दिए। जेलमंत्री के इस निर्देश का प्रदेश की कई जेलो में अनुपालन भी होने लगा है। जेलमंत्री की इस पहल की जगह जगह सराहना भी की जा रही है। खूंखार अपराधियों को गायत्री मंत्र जाप कराकर सही रास्ते पर लाने की जेलमंत्री की यह योजना कितनी कारगर होगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। प्रदेश के कारागार मंत्री ने बंदियों को अच्छे आचरण के साथ ही साथ स्वच्छ पानी और गुणवत्तायुक्त भोजन भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया है।

जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति का विभागीय तबादलों में हस्तशेप विभाग के अफसरों को रास नहीं आ रहा है। बीते दिनों जेलमंत्री के निर्देश पर मध्य सत्र के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी का तबादला कर दिया गया। विभागीय लोगो की मानें तो एक चहेते अधिकारी को मनमाफिक जेल पर तैनात किए जाने को लेकर यह कदम उठाया गया। मंत्री के निर्देश पर एक पुराने मामले निलंबन से बहाल होकर आए एक अधिकारी को ऐसी जेल पर तैनात करा दिया जिस जेल की जिम्मेदारी अधीक्षक के पास होनी चाहिए थी। इस जेल पर वरिष्ठ अधीक्षक तैनात कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों के जीवन स्तर को उठाने के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। योगी सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने महत्वपूर्ण पहल कि जिससे कैदियों के मन की शांति के लिए हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र के पाठ के साथ ही खुले जेल की व्यवस्था भी की है। कारागार मंत्री ने कहा कि जेल में कैदियों की सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। कैदियों के जीवन स्तर को उच्च करने के लिए तमाम रिसर्च किए जा रहे हैं। जैसे कि जेलों में गायत्री मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ इसके अलावा खुले जेल की भी व्यवस्था जल्द ही सरकार करने जा रही है। आज जेल बन्दियों के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो गई है जिससे बंदियों के बच्चों के जीवन पर किसी प्रकार का प्रभाव ना पड़े अर्थात पिता के अपराधों की वजह से उनके बच्चों का जीवन बर्बाद ना उसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हमारा प्रयास है कि जब कैदी जेलों से निकलकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें, उनके जीवन स्तर में सुधार हो। कैदियों के विकास के विषयों को लेकर हम कार्य कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कैदियों की सुविधा के लिए खुली जेलों की व्यवस्था की जा रही है। जेलों के स्तर को सुधारा गया है। व्यवस्थाएं पहले से अच्छी की गई हैं। मंत्री ने कहा कि जैसे ही प्रदेश में सरकार बनी वैसे ही हमने जेलों में गायत्री मंत्र की शुरुआत की ताकि जेल में निरूद्ध कैदियों का मन शांत हो और अच्छे कार्यों में लगें।

सिर्फ जेलों का भ्रमण करने के शौकीन जेलमंत्री….!

प्रदेश के जेलमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति प्रदेश की जेलों का दौरा करने में जुटे हुए है किंतु उन्हें विभाग की समस्याओं से कोई सरोकार ही नहीं है। प्रदेश की जेलों में अफसरों की संख्या काफी कम है। आलम यह है कि अधीक्षक की जेल पर वरिष्ठ अधीक्षक, वरिष्ठ अधीक्षक की जेलों की जिम्मेदारी जेलर निभा रहे हैं। विभाग में डीआईजी की संख्या कम होने की वजह से एक एक डीआईजी के पास दो दो परिक्षेत्र की जेलों की कमान है। कुछ ऐसा ही हाल जेल मुख्यालय का है। एआईजी (विभागीय) के पद पर तैनात अधिकारी के सेवानिवृत हो जाने के यह पद काफी दिनों से खाली पड़ा हुआ है। इसी प्रकार एआईजी (प्रशासन) के पद पर तैनात अधिकारी के चले जाने के बाद करीब दो साल तक यह पद खाली पड़ा रहा। पिछले दिनों शासन ने इस पद पर एक अधिकारी को तैनात जरूर किया किंतु उनका भी प्रमोशन हो गया। इस पद के फिर से खाली होने की पूरी संभावना है। मुख्यालय में अधीक्षक मुख्यालय का पद भी खाली पड़ा हुआ है। वर्तमान समय में प्रदेश की करीब एक दर्जन से अधिक जेलों की कमान जेलर के हाथों में है। यही नहीं जिन जेलों पर चार से पांच डिप्टी जेलर होने चाहिए वहां एक दो से ही काम चलाए जा रहा है। यह तो बानगी भर है इसके अलावा विभाग तमाम तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। जेलमंत्री जेलों के भ्रमण के दौरान जेलों में बंदियों के मुलाकातियो के हो रही अवैध वसूली दिखाई ही नहीं दे रही है। जेलमंत्री जघन्य अपराध करके जेल आए बंदियों को गायत्री मंत्र व महा मृत्युंजय जाप कराकर सुधारने के साथ आचरण में बदलाव लाने की कल्पना कर रहे है। जेलमंत्री के सामने विभाग की तमाम चुनौतियां है किंतु वह समस्याओं को निस्तारित करने के बजाय सिर्फ और सिर्फ जेलों का भ्रमण करने में जुटे हुए है।

जेल में सुबह-सुबह कैदी गायत्री मंत्र का जाप कर दिन की शुरुआत करते हैं। कैदियों में इससे जहां नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। वहीं उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव दिख रहा है। यह बदलाव 5 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के कारागार और होमगार्ड्स मंत्री धर्मवीर प्रजापति के निर्देश के बाद आया है। प्रदेश भर के जेल सुपरिटेंडेंट और डीजी जेल की बैठक में कारागार और होमगार्ड्स स्वतंत्र प्रभार मंत्री ने निर्देश दिए थे कि कैदियों को गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का सुबह-सुबह जाप कराया जाय। इससे उनके भीतर से अवसाद घटेगा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। जिला कारागार के अधीक्षक बताते हैं कि कुशीनगर और देवरिया जिले के 19 सौ कैदी है। नए प्रार्थना शेड्यूल से कैदियों में सकारात्मक बदलाव दिख रहा है। सभी प्रार्थना में स्वयं उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। जेल की जिंदगी सामान्य नहीं है। ऐसे में कई बार कैदी अवसाद के शिकार हो जाते हैं लेकिन प्रार्थना सभा के माध्यम से उनके भीतर ऊर्जा का संचार हो रहा है और सकारात्मक बदलाव साफ महसूस किया जा सकता है।