मैनपुरी में रिकॉर्ड मतों से जीती डिंपल यादव

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मैनपुरी- उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर डिंपल यादव ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की है.उन्होंने भाजपा के रघुराज शाक्य को 2 लाख 88 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. सबसे ज्यादा उलटफेर आजम खान का गढ़ माने जाने वाले रामपुर में हुआ है. यहां 71 साल बाद कमल खिला है. भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया है. उधर, खतौली विधानसभा सीट पर सपा-रालोद गठबंधन के मदन भैया की जीत हुई है.

मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों का ऐलान हो चुका है. नेताजी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर सपा उम्मीदवार डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य के बीच मुकाबला था, जहां जीत का सेहरा डिंपल यादव के सिर बंधा है. जानिए क्या वजह हैं कि सपा को मैनपुरी में जीत हासिल हुई है. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 2 लाख 88 हजार 461 वोटों से से हराया.

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में यह सबसे अहम सीट रही. यहां डिंपल यादव ने भाजपा कैंडिडेट को 2.88 लाख वोटों से हराया है. डिंपल को 6,17,625 तो भाजपा कैंडिडेट रघुराज सिंह को 3,29,489 मिले. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ था.

नेताजी के निधन के बाद सहानुभूति


मैनपुरी से सांसद रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट पर होने वाले चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं. सपा की ओर से पूर्व सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में थीं. वहीं, भाजपा ने यहां से रघुराज सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा था. गढ़ की सीट को बचाने के लिए सपा के सामने चुनौती थी. वहीं भाजपा ने भी सपा के किले सेंधमारी की कोई कसर नहीं छोड़ी, सूबे के बड़े नेताओं ने यहां डेरा डालकर खूब प्रचार किया. लेकिन ‘नेताजी’ की सीट पर वोटरों ने उनकी बहू को आर्शीर्वाद दिया.

चाचा शिवपाल यादव का साथ


डिंपल यादव की जीत में प्रसपा अध्यक्ष और जसवंतनर से विधायक शिवपाल यादव का खास योगदान माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां नजर आ रही थीं, लेकिन उपचुनाव में चाचा-भतीजे एक साथ आ गए. इसके बाद शिवपाल ने बहू को केवल आशीर्वाद दिया बल्कि जनसभाओं और डोर टू डोर कैंपेन के जरिए वोटरों से बहू को बड़े मार्जिन से जिताने की अपील भी की. जिसका असर परिणाम में नजर आया. बता दें, जसवंतनगर में शिवपाल की वोटरों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीट मैनपुरी पर परिवार की बहू डिंपल यादव ने विरासत का विजय पताका लहरा दिया है. उपचुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल ने भाजपा कैंडिडेट रघुराज शाक्य को 2.88 लाख के बड़े अंतर से हरा दिया।डिंपल को 618120 जबकि रघुराज शाक्य को 329659 वोट मिले 64 परसेंट वोट के साथ डिंपल ने अपने ससुर मुलायम सिंह की 2019 की चुनावी जीत के अंतर से तिगुनी बड़ी जीत हासिल की है। वैसे इसी सीट पर 2014 में मुलामय 3.66 लाख वोट के अंतर से जीते थे। इसी सीट पर उनके पोते और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह यादव भी 3 लाख से ज्यादा के मार्जिन से उप-चुनाव जीत चुके हैं.

जातीय समीकरण


मैनपुरी सीट पर जातीय समीकरण का दांव-पेच भी खूब असर डालता है. यहां पिछड़े वर्ग के वोटरों की बहुलता है, जिसमें सबसे ज्यादा करीब 3.5 लाख यादव मतदाता है. इसके बाद शाक्य, ब्राहम्ण, जाटव, लोधी और कुर्मी मतदाता भी एक-एक लाख से ज्यादा हैं. सपा का इन वोटरों पर प्रभाव माना जाता है.भाजपा ने इसी वजह से यहां से रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया था, लेकिन चुनाव में वह वोटरों को खास लुभाने में कामयाब नहीं हो सके.

सपा का गढ़ रहा है मैनपुरी


पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इस सीट पर 90 के दशक से सपा का प्रभाव दिखाई दिया है. मुलायम सिंह यादव के परिवार के 3 सदस्य इस सीट से 6 बार जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. इस सीट से मुलायम सिंह यादव चार बार, धर्मेंद्र यादव एक बार, तेजप्रताप यादव एक बार सांसद चुने गए हैं. मुलायम परिवार के तीन लोग अब तक 17 साल तक सांसद रह चुके हैं.

उपचुनाव काउंटिंग के अपडेट्स

मैनपुरी में डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज शाक्य को 2,88,136 वोटों से हरा दिया है.
रामपुर में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा के आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया है.
खतौली में रालोद प्रत्याशी मदन भैया ने भाजपा कैंडिडेट राजकुमारी सैनी को 21,754 से हराया.