जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न, जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण के दिये निर्देश

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अयोध्या – जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 घनश्याम सिंह सहित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी उपस्थित थे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के जिला लेखा प्रबन्धक के उपस्थित न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्टीकरण मांगने तथा एक माह का वेतन रोकने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिये है।

जिला महिला चिकित्सालय के एक पूर्व प्रकरण में सम्बंधित आशा से अभी तक पूछतांछ न होने पर भी इसे गम्भीरता से लेते हुये जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि सम्बंधित आशा को तुरन्त तलब करें और गार्ड से पूछे कि उक्त प्रकरण में कौन कौन से लोग शामिल थे। आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने बताया गया कि उक्त योजना के तहत भुगतान में तेजी आयी है।

उक्त योजना के तहत 970 क्लेम सबमिट किये गये है, जिसकी कुल धनराशि 57 लाख 85 हजार 540 रूपये बनती है। जिसके सापेक्ष 456 क्लेम के धनराशि 32 लाख 29 हजार 870 का भुगतान किया जा चुका है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मवई का क्लेम शून्य होने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये पूछा ऐसा क्यो? जिलाधिकारी ने यह भी पूछा कि 341 क्लेम रिजेक्ट क्यों हो गये है तथा क्लेम क्योरी, पेंडिंग स्टेटस 64 है, जिसमें मवई के ही 29 संख्या है ऐसा क्यों?

इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ से जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलता है। उक्त योजना के तहत अब तक 2 लाख 4 हजार 55 कार्ड बनकर वितरित किये जा चुके है। माह फरवरी में 4 हजार 211 गोल्डेन कार्ड बनाये गये है। जिलाधिकारी ने 10 मार्च से 24 मार्च तक 15 दिन का विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक गोल्डेन कार्ड बनाने के निर्देश दिये है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने गोल्डेन कार्ड वितरण के पिछले मानदेय का भुगतान तुरन्त करने के निर्देश दिये है।

गोल्डेन कार्ड बनाने व वितरण हेतु जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को मोबाइलेशन व माइक्रो प्लान बनाने के साथ कन्ट्रोल रूम से मानीटरिंग करने के निर्देश भी दिये है। प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के तहत गर्भावस्था काल के प्रथम तीन माह में पंजीकरण पर शासन द्वारा 1000 रूपये, टिटनेस के टीके लगवाने के अगले तीन माह तक 2 हजार रूपये तथा बच्चें के जन्म होने व बच्चों को सभी टीके लगने पर 2 हजार रूपये गर्भवती महिला को दिया जाता है। इस योजना के तहत 55 हजार 855 लक्ष्य के सापेक्ष 48 हजार 451 गर्भवती महिलाओं को उक्त योजना का लाभ दिया जा चुका है।

एनएचएम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के सापेक्ष व्यय की स्थिति की समीक्षा करते हुये यह स्थिति सामने आयी कि मेडिकल कालेज द्वारा 14.29 प्रतिशत श्रीराम चिकित्सालय द्वारा 48.56 जिला चिकित्सालय द्वारा 51.49 प्रतिशत ही व्यय किया गया है। इस स्थिति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सीएमओ को पेंडिंग बिलों का मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिये कि क्या कारण है कि पेंडिंग बिलों का क्यों नही भुगतान हो रहा है। उन्होंने उपस्थित चिकित्साधिकारियों से कहा कि जब आप शासन द्वारा उपलब्ध धन का व्यय ही नही करेगे तो जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा कैसे उपलब्ध करायेंगे।

उन्होंने कहा कि बेहतर चिकित्सा व स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि शासन द्वारा जो भी धनराशि उपलब्ध करायी जाय उसका समय से गुणवत्ता पूर्वक सद्पयोग किया जाय। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत आवंटित धनराशि की समीक्षा के दौरान एडिसनल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक मार्च को अबडेट फीगर के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिये है।

एनपीसीडीसीएस योजना के अन्तर्गत क्रय उपकरणों के सामान के परीक्षण हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि आज ही आदेश जारी करें और उसका मौके पर परीक्षण करें और भुगतान न होने पर सप्लाई आर्डर देने वाले, सप्लाई लेने वाले तथा भुगतान करने वाले के साथ बैठक कर भुगतान क्यों नही हो रहा है इसकी पूर्ण जानकारी लेकर मुझे अवगत कराया। साथ ही जारी क्रय आदेश को भी कल तक दिखाने के निर्देश दिये है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार के कार्यो में सूचना विभाग की पंजीकृत सांस्कृतिक दलों/टीमों से कार्यक्रम कराने के साथ जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने व व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारी को दिये है।

राष्ट्रीय अन्धता नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत भी कम व्यय की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया गया। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ब्लाकों को आवंटित धनराशि के सापेक्ष कम व्यय की स्थिति पर को गम्भीरता से लेते हुये बैठक में उपस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो के प्रभारी चिकित्साधिकारियों से बैठक में पूछतांछ की। बैठक में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनएचएम के अन्र्तगत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों, रोगी कल्याण समिति, उपकेन्द्र अनटाइड, वीएचएसएनसी के अन्तर्गत आवंटित धनराशि की भी समीक्षा की गयी। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत ब्लाकवार संस्थागत प्रसव एवं लाभार्थी भुगतान की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि उक्त योजना के तहत समय से शत प्रतिशत लाभार्थियों को भुगतान समय से किया जाय और इस कार्य में तेजी लायी जाय तथा यह प्रयास किया जाय कि शासन के निर्देशानुसार संस्थागत प्रसव चिकित्सालयों में कराये जाय। सिजेरियम प्रसव की स्थिति की भी समीक्षा की गयी।

नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण की स्थिति तथा बच्चों के टीकाकरण की स्थिति व फीडिंग की स्थिति की समीक्षा की गयी। उपरोक्त के अतिरिक्त एजेंडे में शामिल सभी 28 बिन्दुओं पर व्यापक चर्चा के उपरांत जिलाधिकारी ने सभी उपस्थित चिकित्साधिकारियों से यह आपेक्षा की है कि वे पूरे मनोयोग से चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ अधिक से अधिक लोगों चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि आपके पास गरीब एवं जिनके पास अपने स्रोत से चिकित्सा कराने के संसाधन उपलब्ध नही है वे ही चिकित्सा सहायता हेतु आपके पास आयेंगे।

जो हर तरह से सक्षम है वे अपना इलाज कही भी करा सकते है। ऐसे में हम सभी का धर्म एवं दायित्व है और ईश्वर ने हमें ऐसे लोगों की मदद करने की जिम्मेदारी भी दी है। अतः आप सभी शासन द्वारा जो भी धनराशि एवं संसाधन उपलब्ध कराये गये है उन सभी का आपसी समन्वय एवं बेहतर तालमेल के साथ चिकित्सालय में आने वाले सभी मरीजों का अच्छा से अच्छा इलाज करे ताकि वे स्वस्थ्य होकर अच्छे संदेश के साथ अपने घर तक जायें।