शिकायतों की अनसुनी से विभागों में धन का बंदरबांट

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सुजीत यादव

अमेठी/सुल्तानपुर। जिला पंचायतराज अधिकारी अमेठी श्रीकांत यादव ने पहले तकनीकी एवं प्रशासनिक मद की धनराशि बर्बाद करने वालों का मदद व सहयोग किया। शिकायत व हाई कोर्ट के दखल के बाद जांच हुई तो 1 करोड़ छः लाख की धनराशि का बंदरबांट मीडिया ने सामने लाया । जिसमें जिले के दर्जनों एडीओ पंचायत दोषी पाए गए हैं लेकिन जांच और कार्यवाही भ्रष्टाचार की आग में स्वाहा हो ग‌ई।जिले के 13 विकास खण्डों में मजदूरी व मैटेरियल भुगतान अनियमिता प्रथम स्थान पाने वाली अमेठी, दूसरे नंबर पर तिलोई विकास खण्ड की जांच जिला विकास अधिकारी व वित्त लेखाधिकारी डी‌आईओएस करना चाहते हैं लेकिन जिला पंचायतराज अधिकारी श्रीकांत यादव जांच में सहयोग नहीं कर रहें हैं ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं, जिले की 200 ग्राम पंचायतों में सचिवों द्वारा अनियमित भुगतान करने का मामला प्रकाश में आने बाद डीपीआरओ अमेठी पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है यह अनियमिता क‌ई करोड़ रुपए में हुआ।

अब मामला ओडीएफ प्लस घोषित गांव में 27.40 लाख रुपये आहरित कर मानक विहीन कार्य कराने पर सीडीओ ने पंचायत सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया था। सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ ने आरोपी सचिव को निलंबित कर उसे जगदीशपुर ब्लॉक से संबद्ध कर दिया है। मामले की अंतिम जांच एडीपीआरओ को सौंपते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। लेकिन सवाल यह है कि बिना कागजी कार्रवाई पूरा किए डीपीआरओ अमेठी ने भुगतान क्यों किया। कहीं न कहीं इस पूरे मामले में डीपीआरओ अमेठी श्रीकांत यादव जिम्मेदार हैं।

जिले में भ्रष्टाचार विरोधी अलख जगाने वाले जिला अधिकारी की मुहिम को डीपीआरओ अमेठी पलीता लगा रहें हैं इन्हें तत्काल प्रभाव से अमेठी जिला पंचायतराज अधिकारी श्रीकांत यादव को निलंबित कर देना चाहिए। क्योंकि अमेठी में पंचायतराज विभाग अब श्रीकांत यादव के नियंत्रण से बाहर है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो अमेठी के राजस्व को नुक्सान पहुंचाने में सपा कैडर के जिला पंचायतराज अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। योगी सरकार व अमेठी सांसद को बदनुमा दाग देकर ही जिला पंचायतराज अधिकारी मानेंगे।