मौत पर उत्सव मनाती है भाजपा सरकार-कृष्णकांत पाण्डेय

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मौत पर उत्सव मनाती है भाजपा सरकार वाराणसी में प्रधानमंत्री की रैली को लेकर किसानों की हरी फसल बिना अनुमति काटा जाना,दर्शाता है किसान के प्रति व्यवहारपहली बार यह देखने को मिल रहा है कि मौत में भी प्रदेश व केन्द्र की सरकार उत्सव मना रही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने आगे कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जहां लाखों मौतें हुई, प्रदेश की अधिकाशं नदियों में लाशें देखी गईं, तमाम श्मशान घाट अलग से बनाने पड़े, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र जिसे लोग धार्मिक राजधानी के रूप में जानते है उस वाराणसी में दो दर्जन से अधिक श्मशान घाट बनाने पड़े। वहीं केन्द्र एवं राज्य सरकार इस दर्दनाक हादसों के बाद आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है साथ ही दीप महोत्सव का आयोजन प्रस्तावित है। मौत पर जश्न भाजपा सरकार के एजेंडें में शामिल लगता है।

श्री पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा किया जाना कि दीपावली पर्व पर अयोध्या में नौ लाख दीये और 42 लाख दीये प्रदेश के अन्य भागों में जलाने का लोगों से आह्वान करना निश्चित रूप से मौत का उत्सव मनाना है। इस तरह से भारतीय संस्कृति जो दुनिया में जानी जाती है का मजाक उड़ाया जा रहा है। निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को यह भी ज्ञान नहीं है कि हमारा धर्म, मर्यादा, सामाजिकता, संस्कार क्या है। किसी के घर मृत्यु होने पर एक वर्ष तक कोई सामाजिक, संस्कारिक कार्य नहीं होते है। अभी लाखों लोगों के मृत्यु को कुछ महीनें ही बीतें हैं इस तरह त्यौहार मनाना कहीं ना कहीं त्यौहार के महत्व को प्रभावित करता है।


प्रधानमंत्री की वाराणसी में प्रस्तावित रैली के चलते किसानों की हरी फसल बिना उनकी अनुमति के काटी जा रही है, यहां तक की किसानों को मुआवजा भी नहीं मिलने की खबर है। यह है भारतीय जनता पार्टी की सरकार का किसानों के प्रति व्यवहार।श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया, आजादी किसकी? आजादी जनता की रही है और होती है, कोरोनाकाल में जनता  ही प्रभावित हुई, जनता ने ही झेला, सरकार का जो कार्य होता है वह भी नहीं कर सकी। ऐसे में आजादी का अमृत महोत्सव रहा या लाखों लाशों का उत्सव मनाया गया। सरकार को जबाव देना होगा, सच तो यह है कि भाजपा के लोगों का आजादी का विरोध, लोगों के सवाल से घबराकर कुछ ऐसा करना चाहती है कि गद्दारी का दाग हल्का हो सके।