OBC का आरक्षण खत्म करना चाहती है सरकार

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निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करना चाहती है भाजपा सरकार। ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर अनुप्रिया,केशव,स्वतंत्र व संजय निषाद को बधाई।

लौटन राम निषाद

लखनऊ। उच्च न्यायालय के आदेश की आड़ में भारतीय जनता पार्टी पिछड़े वर्गों का आरक्षण निकाय चुनाव में खत्म करने पर तुली हुई है। सरकार की मंशा पिछड़े वर्गों के खिलाफ है। सरकार को तुरंत कमेटी बनाकर पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व पूरा करने के लिए रिपोर्ट सौपना चाहिए।भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने न्यायालय के निर्णय को पिछड़ावर्ग विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार की मंशा अगर पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की होती तो पहले ही ट्रिपल टेस्ट कराकर आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई होती ताकि कोर्ट में कोई विपरीत परिस्थिति न उत्पन्न हो।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नहीं चाहती है कि निकाय चुनाव हो और ओबीसी को आरक्षण मिले।उन्होंने कहा कि न्यायालय का निर्णय भाजपा व आरएसएस की मंशानुकूल है।उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के विरोध में उच्च न्यायालय खंडपीठ में जो 93 याचिकाकर्ता थे,सभी के सभी भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं।

माननीय उच्च न्यायालय के फैसले से यह तो स्पष्ट हो गया है कि आरक्षण में कई विसंगतिया हैं और इसे दूर किया जाना अनिवार्य है। पिछड़े, अतिपिछड़े, वंचितों और शोषितों के हक हकूक के लिए हमने पार्टी का गठन किया था। सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है हमने आरक्षण को लेकर माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी व मुख्यमंत्री जी से भी बात की है| निकाय चुनाव पर OBC आरक्षण को लेकर आये फैसले पर हम अपनी पार्टी की विधि विंग से सलाह ले रहे हैं। जरुरत हुई तो इसके लिए हम भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल करेंगे, ताकि मछुआ समुदाय समेत सभी वर्गो को आरक्षण का लाभ मिल सके| साथ ही सही रूप से आरक्षण लागू होने पर सभी वर्गो का अधिकार उनके सापेक्ष हिस्सेदारी के रूप में कानूनी व राजनैतिक रूप से मिल सकेगी।


निषाद ने कहा कि भाजपा जो चाहती थी,उच्च न्यायालय ने उसी के अनुसार ही निर्णय दिया।यह पहले से मालूम था कि न्यायालय ओबीसी आरक्षण व प्रतिनिधित्व के विरुद्ध आएगा।क्योंकि भाजपा ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र पंचायत चुनाव एवं दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी न्यायालय की आड़ लेकर ओबीसी का कोटा खत्म करा दी थी।उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से पिछड़ा विरोधी रही है।मण्डल विरोधी भाजपा से कभी सामाजिक न्याय व पिछड़ा हित की कल्पना नहीं जा सकती है।उन्होंने कहा कि ओबीसी का बड़ा नेता बनने वाले केशव प्रसाद मौर्या की बोलती क्यों बन्द है,अब उनका बड़बोलापन कहाँ चला गया।उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी,एससी नेताओं को शिखण्डी के तौर पर प्रयोग करती है। निषाद ने नगर निगम,नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,मत्स्यमंत्री संजय निषाद व अपना दल(एस) अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल को बधाई दिया है।शिकारी भाजपा पिछडों को शिकार बनाने के लिए पिछड़े वर्ग के शिखण्डी सरीखे ज़मीर हीन बन्धुआ मजदूर सरीखे नेताओं को चारा के रूप में प्रयोग कर रही है।उन्होंने कहा कि नीलवर्ण श्रृंगाल सरीखे नकली ओबीसी पीएम को आगे कर आरएसएस बंच ऑफ़ थॉट्स व वी ऑर अवर नेशनलहुड डिफाइंड की नीतियों को लागू कर रही है।