3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना

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3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना
3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना

3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना

मुख्य सचिव के समक्ष 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना का किया गया प्रस्तुतीकरण।


लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हाॅट कुक्ड फूड योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।मुख्य सचिव ने बैठकों में प्लास्टिक फोल्डर के प्रयोग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। विभागीय बैठकों या कार्यक्रमों में प्लास्टिक फोल्डर का इस्तेमाल कतई न किया जाये। इसके अलावा प्रेजेन्टेशन को विभागीय अधिकारियों को हार्ड काॅपी के स्थान पर साॅफ्ट काॅपी में उपलब्ध कराया जाये।

3 वर्ष तक योजना बंद होने से ज्यादातर संयुक्त खाते निक्रिय हो गए थे। इसके अलावा पंचायत चुनाव के बाद ज्यादातर ग्राम प्रधान भी बदल गए हैं। हाट कुक्ड योजना शुरू होने से गांव में कुपोषण से निपटने के अभियान को मजबूती मिलेगी। पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का लाभ उन बच्चों को मिल सकेगा जिनके परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

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          उन्होंने कहा कि बच्चों के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराना जरूरी है। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केंद्र के शालापूर्व बच्चों (3 से 6 साल वर्ष) के लिए गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने हेतु अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इससे आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के नामांकन और उपस्थिति दोनों में सुधार आयेगा। खाना तैयार करने के लिये लकड़ी से जलने वाले चूल्हे का इस्तेमाल कतई न किया जाये, केवल रसोई गैस (एल0पी0जी0) का ही इस्तेमाल किया जाये।


          सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह ने बताया कि सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केंद्र के शालापूर्व बच्चों (3-6 वर्ष) के लिए गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एवं शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार के शासनादेश द्वारा प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पी0एम0 पोषण) योजना के अनुसार, समग्र शिक्षा में शामिल प्री-प्राइमरी या बाल वाटिका के बच्चों (कक्षा 1 से पूर्व) को पी0एम0 पोषण योजना से आच्छादित किये जाने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की 171 परियोजनाओं में 73 टीएचआर उत्पादन इकाईयों द्वारा टीएचआर के रुप में आटा बेसन बर्फी प्रीमिक्स तथा दलिया, मूंग दाल खिचड़ी वितरित किया जा रहा है। नैफेड द्वारा 720 परियोजनाओं में फोर्टिफाइड गेंहू दलिया, चना दाल तथा फोर्टिफाइड खाद्य तेल व फोर्टिफाइड चावल वितरित किया जा रहा है।


            उन्होंने बताया कि कोलोकेटेड आंगनवाड़ी केन्द्र (ग्रामीण) में एमडीएम (पीएम पोषण) के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय की किचन में रसोईये द्वारा हाट कुक्ड फूड तैयार कर लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाना है। नान कोलोकेटेड आंगनवाड़ी केन्द्र (ग्रामीण क्षेत्र) में आंगनवाड़ी केंद्र पर हाट कुक्ड फूड तैयार करने का कार्य आंगनवाड़ी सहायिका द्वारा किया जाना है। शहरी क्षेत्र के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में जनपद स्तर पर स्वयं सेवी संस्थाओं का चयन करते हुए हाट कुक्ड फूड तैयार करवा कर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।बैठक में सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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