2022 में भाजपा सरकार आएगी तो देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश होगा प्रथम -योगी

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  • यह बजट प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास मेंअहम भूमिका निभाएगा ।
  • मुख्यमंत्री ने सभी को होली व रामनवमी की अग्रिम शुभकामनाएं दीं।

प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए जो बजट पेश किया गया है उसकी प्रशंसा प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी की गयी।वर्तमान प्रदेश सरकार ने बजट में विजन के साथ रोडमैप दिया,जिससे प्रदेश को नयी ऊँचाई प्राप्त होगी।वर्तमान सरकार ने बजट का दायरा बढ़ाने का कार्य किया। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में उ0प्र0 देश में दूसरे स्थान पर,पिछले 04 वर्षाें में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना।प्रदेश की जी0डी0पी0 10 लाख 90 हजार करोड़ रु0 थी,जो मात्र 04 वर्षाें में बढ़कर 21 लाख 73 हजार करोड़ रु0 की हो गयी।

जब वर्ष 2022 में सरकार आएगी तो उ0प्र0 देश की पहली अर्थव्यवस्था हो जाएगी।ईज ऑफ लिविंग केवल जीवन की सुगमता का आधार नहीं,बल्कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का भी आधार बना।इन्सेफेलाइटिस से 95 प्रतिशत मौतों को रोकने में सफलता मिली।बीसी सखी की नियुक्ति प्रक्रिया अन्तिम चरण में,प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जा रहा।दशकों से लम्बित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया जा रहा।1,25,261.48 करोड़ रु0 गन्ने का भुगतान किसानों को किया गया।

वर्ष 2019-20 में 98.5 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया,वर्तमान सरकार ने बन्द चीनी मिलों को चलाने का कार्य किया।सिंचाई हेतु मुफ्त पानी के लिए बजट में 700 करोड़ रु0 की व्यवस्था,खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के क्रियान्वयन के लिए बजट में प्राविधान किसानों को नाबार्ड से रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज अनुदान योजना के अन्तर्गत 400 करोड़ रु0 का प्राविधान।पिछले 04 वर्षाें में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी के अन्तर्गत 40 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराये गये।

वर्ष 2017-18 में वनटांगिया गांवों को राजस्व गांव का दर्जा देना प्रारम्भ किया गया।गांव हमारे मिनी सचिवालय व विकास के आधार स्तम्भ मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जा रहा, इसके लिए बजट में व्यवस्था की गयी।मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना से प्रदेश सरकार कुपोषित बालकों एवं बालिकाओं को चिन्हित करेगी।प्रदेश सरकार ने पिछले 04 वर्षाें में 04 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां पूरी पारदर्शिता के साथ दी।युवाओं की ऊर्जा और दक्षता को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की गयी।मेरठ में एक स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गयी।


लखनऊ –
आज यहां विधान सभा में वर्ष 2021-2022 के बजट की चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिभाग करते हुए कहा कि बजट सरकार का लेखा-जोखा मात्र नहीं होता है, बल्कि यह प्रदेश के विकास का रोडमैप होता है। प्रदेश के सर्वसमावेशी और समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए यह बजट प्रस्तुत किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा सत्र के दौरान बजट पर सार्थक चर्चा के माध्यम से प्रदेश के महत्वपूर्ण विचारों को सदन में रखकर प्रदेश के विकास की कार्ययोजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में विकास की कार्ययोजना कैसे आगे बढ़नी है, इसका भी खयाल रखा गया है। विधान मण्डल प्रदेश की लोकतांत्रिक प्रणाली का सृजन कर रहा है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है।

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता है। संकल्प लोक कल्याण व राष्ट्र कल्याण के लिए होता है। भारत की सोच है ‘स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः। गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।।’ भारत के प्रत्येक नागरिक का संकल्प व्यक्ति का नहीं, गांव का नहीं बल्कि ‘लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु’ का होता है। हमारा संकल्प व्यक्ति के लिए नहीं, लोक के लिए होता है। हमने लोक के लिए संकल्प लिया है। हमारा लोक कल्याण संकल्प पत्र उसका आधार बनता है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम लोग इस बात को मानते हैं कि ‘सागर की अपनी क्षमता है, पर मांझी भी कब थकता है। जब तक सांसों में स्पन्दन है, उसका हाथ नहीं थकता है। इसके बल पर कर डाले सातों सागर पार, यही उत्तर प्रदेश के विकास का है आधार।’ प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए जो बजट पेश किया गया है उसकी प्रशंसा प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी की गयी है। बजट ऐसे समय में आया है, जब वैश्विक महामारी कोरोना फैली है। लोग कोरोना से भयभीत थे लेकिन भारत में कोरोना का प्रबन्धन अच्छे तरीके से हुआ है। 01 मार्च, 2021 से 60 साल से अधिक आयु के सभी नागरिकों को तथा विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों का वैक्सीनेशन का कार्य प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेजी से व अनुशासन के साथ आगे बढ़ रही है।

कोविड-19 के कारण प्रदेश का राजस्व भी प्रभावित हुआ, जिसे वित्तीय अनुशासन के साथ पूरा किया गया। पूर्ववर्ती सरकारों के बजट में दूरदृष्टि का अभाव था। वर्तमान प्रदेश सरकार ने बजट में विजन के साथ रोडमैप दिया है, जिससे प्रदेश को नयी ऊँचाई प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 का बजट किसानों को, वर्ष 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास, वर्ष 2019-20 का बजट मातृ शक्ति, वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं की शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य को समर्पित था। वर्ष 2021-22 का बजट प्रदेश के सर्वसमावेशी और समग्र विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने अच्छे बजट के लिए वित्त विभाग की पूरी टीम को बधाई दी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बजट का दायरा बढ़ाने का कार्य किया है। 04 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में था। पिछले 04 वर्षाें में गांवों, नगरों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं के लिए, अलग-अलग तबके के लिए योजनाएं बनायीं। वर्ष 2015-16 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में प्रदेश 14वें स्थान पर था, वहीं आज प्रदेश दूसरे स्थान पर है। प्रदेश की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग अच्छी होने से बाहरी निवेश यहां आ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल शासन के चेहरे बदले हैं, तंत्र वही, सोर्स ऑफ इनकम भी वही है। हमने केवल कार्यपद्धति बदली है। लोगों के मन में एक विश्वास पैदा किया है।

वर्ष 2015-16 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की पांचवीं-छठी अर्थव्यवस्था मानी जाती थी। पिछले 04 वर्षाें में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पहले प्रदेश की जी0डी0पी0 10 लाख 90 हजार करोड़ रुपये थी, जो मात्र 04 वर्षाें में बढ़कर 21 लाख 73 हजार करोड़ रुपये की हो गयी। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2022 में सरकार आएगी तो उत्तर प्रदेश देश की पहली अर्थव्यवस्था हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल खण्ड के दौरान लोग परेशान थे कि क्या होगा, तब हमने कहा कि आप निश्चिन्त रहिये उत्तर प्रदेश बदल चुका है। यह नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है।

ईज ऑफ लिविंग केवल जीवन की सुगमता का आधार नहीं है, बल्कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का भी आधार बना है। लोगों को आवास विद्युत कनेक्शन, राशन पोर्टेबिलिटी की सुविधा, आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2022 तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को छत मुहैया कराया जाएगा। 04 वर्ष में 40 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराया गया है। 01 करोड़ 38 लाख लोगों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है। इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया गया है।

कोरोना काल में जो हमारे प्रवासी कामगार व श्रमिक आये थे उनमें ज्यादातर प्रदेश में रोजगार से जुड़ चुके हैं और प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं। उनका योगदान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र और 30 हजार राजस्व ग्रामों में व्यापक कार्ययोजना को लेकर कार्य किया जा रहा है। इन सभी गांवों में पाइप पेयजल की स्कीम लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं जिन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत गांवों के साथ ही शहर को भी जोड़ने के लिए केन्द्रीय बजट में व्यवस्था की है।

इन्सेफेलाइटिस से गोरखपुर और बस्ती जनपद के साथ-साथ 38 जनपदों में बड़े पैमाने पर मौतें हो रही थीं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए बेहतर कार्यक्रम प्रारम्भ किया, जिससे 95 प्रतिशत मौतों को रोकने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को रोकने में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हर घर शौचालय उपलब्ध कराये गये। इन्हें इज्जत घर का नाम दिया गया, जो महिलाओं की गरिमा की रक्षा के साथ-साथ एक गरीब के स्वास्थ्य को भी आरोग्यता प्रदान करने का आधार बना। प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर बीसी सखी की नियुक्ति की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है। अब गांव के व्यक्ति को पैसा निकालने व जमा करने के लिए गांव से दूर बैंक में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 का बजट ईज ऑफ लिविंग का आधार है।

प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृत संकल्पित है। राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक तब तक नहीं की, जब तक लघु व सीमान्त किसानों के ऋणमाफी की कार्ययोजना तैयार नहीं कर ली। हमारी पहली कैबिनेट में लघु व सीमान्त किसानों का ऋण माफ किया गया था। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट खेती कोई नयी नहीं है। यह दशकों से चली आ रही है। आज तक किसी किसान की जमीन नहीं ली गयी है। यह तो किसानों की आय बढ़ाने का साधन है। आज कॉन्ट्रैक्ट खेती को कानूनी रूप देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इस पर गुमराह करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। यह विकल्प है बाध्यता नहीं है।

किसानों की लागत को कम करने और आय को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। किसानों को एम0एस0पी0 से अधिक मूल्य जहां मिले वहां बेचने के लिए स्वतंत्र है। मण्डियों को ई-नाम से जोड़ने की योजना प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में लागू की जा रही है। प्रदेश सरकार ने दशकों से लम्बित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 1,25,261.48 करोड़ रुपये का गन्ने का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। वर्ष 2019-20 में 98.5 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। वर्तमान सरकार ने बन्द चीनी मिलों को चलाने का कार्य किया। कोरोना काल खण्ड के दौरान 119 चीनी मिलें कार्य करती रहीं। वर्तमान सत्र में 10,757 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान लगभग 52.5 फीसदी धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। जो हमारी किसान के प्रति प्राथमिकता और प्रतिबद्धता का परिचायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उत्तर प्रदेश को बेस्ट परफॉर्मंस के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 02 करोड़ 42 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। कृषक दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाया गया। अब बटाईदार और उसका परिवार भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे। किसानों को तकनीकी ज्ञान से जोड़ने के लिए आज हर जिले में कम से कम एक कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित हैं। इससे खेती के विविधीकरण का प्रयास किया गया है। सिंचाई हेतु मुफ्त पानी के लिए बजट में 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के क्रियान्वयन के लिए बजट में प्रावधान किये गये हैं। किसानों को नाबार्ड से रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज अनुदान योजना के अन्तर्गत 400 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। पिछले 04 वर्षाें में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी के अन्तर्गत 40 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराये गये हैं। देश में वर्ष 1910 और 1920 के बीच में वनटांगिया गांव बसाये गये थे। महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत जैसे जनपदों में रहते थे। उनके नाम मतदाता सूची में भी नहीं थे और उन्हें कोई सुविधा भी नहीं दी जाती थी। वर्ष 2017-18 में वनटांगिया गांवों को राजस्व गांव का दर्जा देना प्रारम्भ किया गया, जिससे वहां पक्का मकान, बिजली, पानी की व्यवस्था करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने उस तबके को टच करने का कार्य किया जो वंचित था।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गांव हमारे मिनी सचिवालय व विकास के आधार स्तम्भ हैं। इसके बिना प्रदेश व देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमने बड़े कस्बों में तब्दील हो चुके गांवों को नगर निकाय के रूप में बदलने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत हम उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। 08 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर महिला सशक्तीकरण हेतु हर विधान सभा व जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रदेश सरकार कार्ययोजना बना रही है। वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 06 विभिन्न श्रेणियों में 15 हजार रुपये बालिकाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी थी। इस बार भी 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस योजना को और बेहतर बनाने हेतु की गयी है।

कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए केन्द्र सरकार की कई योजनाएं पहले से ही थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना से प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भी कुपोषित बालकों एवं बालिकाओं को चिन्हित करेगी। आज प्रदेश में वृद्धावस्था, दिव्यांगजन, निराश्रित महिला पेंशन की योजनाओं के 87 लाख लाभार्भी हैं। साथ ही प्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1535 स्थानों व 350 तहसीलों में महिला हेल्पडेस्क की स्थापना की कार्यवाही क्रियान्वित हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले 04 वर्षाें में 04 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां पूरी पारदर्शिता के साथ दी हैं। युवाओं की ऊर्जा और दक्षता को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की है। पहले चरण में कमिश्नरी स्तर पर निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गयी है। अब तक इस योजना से लाखों युवा जुड़ चुके हैं। दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग की जा रही है। मेरठ में एक स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गयी है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश में खेल की सम्भावनाओं को कई गुना बढ़ाने का कार्य करेगा।

प्रदेश में 5.50 लाख से अधिक गोवंश अब तक शासन द्वारा संचालित गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित हैं। 78 हजार गोवंश को सहभागिता योजना के अन्तर्गत गो-पालकों को उपलब्ध कराये गये हैं, जिन्हें हर महीने 900 रुपये प्रति गोवंश प्रदान किये जा रहे हैं। स्वदेशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोकुल मिशन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। बजट में इसका प्राविधान है। वाराणसी में पहले से ही भारत सरकार के सहयोग से यह कार्य आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में अधिवक्ताओं के लिए भी व्यवस्था की गयी है। जनपद स्तर पर अधिवक्ताओं के चैम्बर्स, कॉर्पस फण्ड, पत्रिकाओं व पुस्तकों के क्रय के लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। हमने निर्णय लिया है कि 02 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी के साथ 02 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था की है। यह विद्यालय बच्चों को एन0सी0ई0आर0टी0 की तर्ज पर आधुनिक शिक्षा देने के लिए 18 कमिश्नरी में निर्माणाधीन हैं। प्रदेश की आय बढ़ाने में व्यापारियों की अहम भूमिका है। 2016-17 में प्रदेश को वाणिज्य कर की कुल प्राप्ति 51,800 करोड़ रुपये हो पाती थी। आज पारदर्शिता के कारण बिना किसी अतिरिक्त टैक्स के 91,568 करोड़ रुपये स्टेट जी0एस0टी0 पहुंच गया है।

प्रदेश सरकार ने व्यवस्था की है कि जो भी व्यापारी जी0एस0टी0 के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएगा, उसे प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा गारण्टी उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में आरोग्यता के साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए सुविधाए उपलब्ध करवायी जा रही हैं। टेलीमेडिसिन व टेलीकन्सल्टेशन जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे। वहीं वर्ष 2017 से 2021 तक 30 मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया में हैं। 16 असेवित जनपदों में जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं थे, वहां वर्ष 2022 तक मेडिकल कॉलेज उपलब्ध होंगे।