दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धियां

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  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग हेतु सरकार द्वारा रू. 660 करोड़ के बजट प्राविधान में वृद्धि करते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में रू. 1095 करोड़ कर दिया गया है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के सापेक्ष 60: की वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
  • सरकार गठन पूर्व विभाग का नाम ‘‘विकलांग जन विकास विभाग’’ था। वर्तमान सरकार द्वारा विकलांग शब्द को जो हीनता का द्योतक था को हटाते हुए विभाग का नाम दिनांक 26 अप्रैल, 2017 से ‘‘दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग’’ कर दिया गया है। तदन्तर उन सभी स्थानों पर जहाॅ विकलांग शब्द का प्रयोग किया जाता था, को शासनादेश के माध्यम से वर्जित करते हुए तद्स्थान दिव्यांग शब्द का प्रयोग किये जाने के निर्देश जारी किये गये है।
  • दिव्यांगजन को शासन द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों एवं कल्याणकारी गतिविधियों की जानकारी सहज रूप से उपलब्ध हो जाये और अन्य पृच्छाओं के सम्बन्ध में उन्हें परेशान न होना पड़े के दृष्टिगत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिनांक 12.05.2017 को विभागीय कल्याणकारी योजनाओं एवं अन्य सम्बन्धित पृच्छाओं के बारें में जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु हेल्पलाइन नम्बर 1800-180-1995 का उद्घाटन किया गया। जहाॅ प्रतिमाह औसतन 500 पृच्छाओं का निराकरण किया जा रहा है।
  • दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत पूर्व में रू. 300/- प्रति माह प्रति व्यक्ति की दर से अनुदान प्रदान किया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा दिनांक 06 जून, 2017 से बढ़ा कर रू. 500/- प्रति माह प्रति व्यक्ति कर दिया गया।
  • कुष्ठावस्था पेंशन योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भिक वित्तीय वर्ष 2016-17 की समाप्ति में योजनान्तर्गत पेंशनर्स की संख्या जो 4,765 थी वह वर्तमान में 11,170 हो गयी है। इस प्रकार वर्तमान सरकार द्वारा अद्यतन् 6,405 नवीन कुष्ठजनित दिव्यांगजन को चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है।
  • शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत दंपति में पति के दिव्यांग होने पर रू. 15000/- दंपति में पत्नी के दिव्यांग होने या दंपति में दोनों के दिव्यांग होने पर रू. 20000/- प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में देय होता था। वर्तमान सरकार ने दंपति में पति-पत्नी दोनों के दिव्यांग होने पर देय पुरस्कार की धनराशि जो पूर्व में रू. 20000 /- थी में वृद्धि करते हुए दिनांक 08 जून, 2017 से शासनादेश द्वारा रू. 35,000/- कर दिया गया। वित्तीय वर्ष 2018-19 से योजनान्तर्गत आवेदन से भुगतान तक की समस्त प्रक्रिया आॅनलाईन संचालित है। योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भ वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2020-21 तक अद्यतन् कुल 3,327 दिव्यांगजन दम्पति को शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार से लाभान्वित किया गया है।
  • पूर्व में दिव्यांगजन को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा राज्य की सीमा के अन्तर्गत ही अनुमन्य की गयी थी। जिससे दिव्यांगजन को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। बहुधा दिव्यांगजन को राज्य सीमा के अन्त में किराया न होने के कारण बसों से उतार दिया जाता था/धनराशि वसूल की जाती थी/अन्य प्रकार के विवाद होते थे। इस तथ्य को महसूस करते हुए वर्तमान सरकार ने दिव्यांगजन को निःशुल्क बस यात्रा सुविधा उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों में उनके अन्तिम गन्तव्य स्थल तक (चाहे व राज्य की सीमा से बाहर ही क्यों न हो) किये जाने का शासनादेश दिनांक 24 जुलाई, 2017 को जारी कर दिया गया।
  • पूर्व में दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओ/ सेवायोजकों आदि को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 03 श्रेणियों में मात्र रू. 5000/- की दर से पुरस्कार प्रदान किये जाते थें। वर्तमान सरकार ने यह महसूस किया कि मात्र 03 श्रेणियों में पुरस्कार देने से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विविध प्रकार के संगठन/सेवायोजक/व्यक्तियों के साथ न्याय नही हो पा रहा है। जिससे दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यो को प्रोत्साहन नही मिल पा रहा है। इसी प्रकार पुरस्कार की धनराशि मात्र रू. 5000/- भी नगण्य है। इसलिए वर्तमान सरकार द्वारा दिनांक 26 जून, 2017 को प्रति वर्ष प्रदान किये जाने वाले राज्य स्तरीय पुरस्कार की विविधता बढ़ातें हुए पूर्व से स्थापित 03 श्रेणियों के स्थान पर 12 श्रेणियों (30 उपश्रेणी) का सृजन किया गया है और पुरस्कार में देय धनराशि रू. 5000/- को बढ़ा कर रू. 25000/- कर दिया।
  • पूर्व में दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओ/ सेवायोजकों आदि को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 03 श्रेणियों में मात्र रू. 5000/- की दर से पुरस्कार प्रदान किये जाते थें। वर्तमान सरकार ने यह महसूस किया कि मात्र 03 श्रेणियों में पुरस्कार देने से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विविध प्रकार के संगठन/सेवायोजक/व्यक्तियों के साथ न्याय नही हो पा रहा है। जिससे दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यो को प्रोत्साहन नही मिल पा रहा है। इसी प्रकार पुरस्कार की धनराशि मात्र रू. 5000/- भी नगण्य है। इसलिए वर्तमान सरकार द्वारा दिनांक 26 जून, 2017 को प्रति वर्ष प्रदान किये जाने वाले राज्य स्तरीय पुरस्कार की विविधता बढ़ातें हुए पूर्व से स्थापित 03 श्रेणियों के स्थान पर 12 श्रेणियों (30 उपश्रेणी) का सृजन किया गया है और पुरस्कार में देय धनराशि रू. 5000/- को बढ़ा कर रू. 25000/- कर दिया। योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 84 व्यक्तियों/संस्थाओं को दिव्यांगजन के सशक्तीकरण में प्रभावी योगदान हेतु पुरस्कृत किया गया है।
  • दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा 18 मण्डल मुख्यालयों पर बचपन डे-केयर सेन्टर स्थापित किये गये हैं, जिनमें मानसिक मंुदित/ श्रवणबाधित/दृष्टिबाधित जैसे विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगता वाले 03-07 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जाती है। इन केन्द्रों पर फरवरी, 2018 से बच्चों को मिड डे मील दिया जाना प्रारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में महत्वाकांक्षी जनपद योजना से संबंधित सात जनपदों के लिए बचपन डे-केयर सेन्टर्स की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है।
  • वर्ष 2017-18 में श्रवण बाधित दिव्यांगता वाले बच्चों का काॅक्लियर इम्प्लाण्ट कराये जाने हेतु योजना का आरम्भ किया गया। काॅक्लियर इम्प्लाण्ट योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि प्रति लाभार्थी प्रति इम्प्लाण्ट रू. 6.00 लाख निर्धारित की गयी है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भ वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक कुल 88 श्रवण बाधित बच्चों की काॅक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी की गयी एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 84 श्रवण बाधित बच्चों का काॅक्लियर इम्प्लान्ट हेतु चयन किया गया है।
  • शल्य चिकित्सा नियमावली के अन्र्तगत विभाग द्वारा 21 प्रकार की शल्य क्रियाओं के लिए प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष रूपये 8000/-(आठ हजार मात्र) की दर से अनुदान देय होता था किन्तु दिनांक 06 जुलाई, 2017 के शासनादेश द्वारा सरकार ने इस दर में परिवर्तन करते हुए रूपये 10,000/-(दस हजार मात्र) प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष कर दिया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भ वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक कुल 1326 दिव्यांगजन की करेक्टिव सर्जरी की गयी एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 267 दिव्यांगजन का करेक्टिव सर्जरी हेतु चयन किया गया है।
  • कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना के अन्तर्गत पात्र दिव्यांगजन को अधिकतम अनुदान रू. 8,000/- तक के कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण विभाग द्वारा प्रदान किये जाते थे, वर्तमान में शासनादेश दिनांक 28 फरवरी, 2019 के द्वारा उक्त अधिकतम अनुदान सीमा को बढ़ाते हुए रू. 10,000/- कर दिया गया है। दिव्यांगजन को विभागीय योजना के तहत पूर्व में केवल सहायक उपकरण वितरित किये जाते थे किन्तु शासन द्वारा दिनांक 05 फरवरी, 2018 के शासनादेश द्वारा दिव्यांगजन को सहायक उपकरणों के साथ-साथ कृत्रिम अंग भी देने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भ वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2020-21 तक योजनान्तर्गत अद्यतन् प्रदेश के दिव्यांगजन को कुल 1,76,424 विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों से लाभान्वित किया गया है।
  • 03 दिसम्बर, 2018 को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन के शैक्षिक पुनर्वासन हेतु विभाग द्वारा संचालित राजकीय ब्रेल प्रेस को उत्कृष्ट ब्रेल प्रेस के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रदेश के दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को ब्रेल लिपि की पुस्तकें सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2020-21 में नार्वे से आयातित नवीन ठतंपससव ठ650 ैॅ2 मशीन राजकीय ब्रेल प्रेस में स्थापित की गयी है।
  • 03 दिसम्बर, 2018 को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन के सशक्तीकरण हेतु पुनर्वास योजनाओं को प्रभावी ढंग से संचालन करने हेतु जनपद लखनऊ को उत्कृष्ट जनपद के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • 03 दिसम्बर, 2019 को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों हेतु सुगम्यता विशेषताओं से युक्त सरकारी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ वेबसाइट होने के लिये दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की वेबसाइट http://uphwd.gov.in/hi को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है |
  • 03 दिसम्बर, 2019 को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन के सशक्तीकरण हेतु पुनर्वास योजनाओं को प्रभावी ढंग से संचालन करने हेतु जनपद वाराणसी को उत्कृष्ट जनपद के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • 03 दिसम्बर, 2019 को भारत सरकार द्वारा सुगम भारत अभियान के कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये प्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिनांक 22 जनवरी, 2020 को जारी शासनादेश ‘‘निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राइसाईकिल उपलब्ध कराये जाने की नियमावली, 2020’’ के द्वारा प्रदेश के 80 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले ऐसे दिव्यांगजन जो मोटराइज्ड ट्राइसाईकिल संचालित करने में सक्षम होंगे तथा जिनके परिवार की समस्त श्रोतों से वार्षिक आय रू. 1,80,000/- से कम हो, के लिए प्रति दिव्यांगजन अधिकतम रू. 25000/- अनुदान का प्राविधान किया गया है।
  • विभाग द्वारा संचालित विशेष विद्यालयों, कौशल विकास केन्द्रों, बचपन डे-केयर सेन्टर्स आदि संस्थाओं में यदि कोई व्यक्ति/संस्थासहयोग प्रदालन करना चाहता हो तो उसकी कोई व्यवस्था नहीं थी। इस संबंध में एक नवीन पहल करते हुए निर्धारित नियमों/शर्तों के अधीनसी.एस.आ. के अन्तर्गत सहयोग प्रदान कराये जाने की व्यवस्था करायी गयी जिसके लिए जनपदीय/राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी किया गया है।
  • दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जागरूगता के उद्देश्य से सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश के माध्यम से रेडियो एफ.एम. चैनल पर जिंगल के माध्यम से तथा साथ ही दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक एवं जनपद मुख्यालयों पर होर्डिंग के माध्यम से जागरूकता सृजित किये जाने का कार्य किया जा रहा है।
  • उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जहाॅ पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अन्तर्गत अधिनियम को परिवर्तित करते हुए इसके अधिकांश प्राविधानों को लागू कर दिया गया है व अधिनियम में विहित व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य निधि का गठन करते हुए रू. 15.00 करोड़ की बजट व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है।
  • शारीरिक रूप से अक्षम बालकों के लिए संचालित राजकीय प्रयास विद्यालय, लखनऊ को अपने उच्च स्तरीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था सहित कैम्पस की उच्च स्तर की प्रबन्ध प्रणाली के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का मानक आई.एस.ओ. 9001/2015 प्रमाणीकरण प्रदान किया गया है।
  • दिव्यांगजन की सुविधा एवं उन्हें उच्च कोटि के गुणवत्तापरक कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने हेतु कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है।
  • दिव्यांगजन को खेलने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद लखनऊ में एक अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण कराया गया है।
  • विभागीय निर्माण कार्यों की बेहतर निगरानी एवं निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं गुणवत्तापरक समयबद्ध ढ़ग से पूर्ण कराये जाने के उद्देश्य से पोर्टल http://upcpmis.in विकसित किया गया है।
  • समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय कुल 12 जनपद – औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, गाजियाबाद, मिर्जापुर, महराजगंज, बुलन्दशहर, एटा, प्रतापगढ़, लखनऊ, आजमगढ़, बलिया में निर्मित किये जाने की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी थी। इन विद्यालयों में से जनपद – औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, लखनऊ तथा महराजगंज के विद्यालय विभाग को हस्तान्तरित हो चुके हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में जनपद बरेली में स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित विद्यालय, जनपद- बरेली, मेरठ, गोरखपुर, बांदा में ममता राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय तथा जनपद- बरेली, मेरठ, गोरखपुर, बांदा, लखनऊ, चित्रकूट में मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र के स्थापना की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है, यह विद्यालय/केन्द्र निर्माणाधीन हैं।