कुछ शहरों में दिखा भारतीय किसान यूनियन का असर

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हरियाणा और पंजाब को छोड़कर किसानों के भारत बंद का असर नहीं दिखा।कांग्रेस शासित राजस्थान में कुछ शहरों में सिर्फ प्रदर्शन हुआ।

एस पी मित्तल

दिल्ली की सीमा पर धरने को 120 दिन पूरे होने के उपलक्ष में भारतीय किसान यूनियन ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया था, लेकिन पंजाब-हरियाणा को छोड़कर भारत बंद का असर कहीं भी देखने को नहीं मिला। कृषि कानूनो के घोर विरोधी माने जाने वाले का न्यूज़ चैनल एनडीटीवी पर भी हरियाणा और पंजाब के ही दृश्य दिखाए गए। बंद के असर को देखते हुए रेल प्रशासन ने भी पंजाब और हरियाणा की ट्रेनों को ही रद्द किया हालांकि दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों ने 26 मार्च को अपने धरने को प्रभावी बनाया लेकिन दिल्ली महानगर में अधिकांश बाजार खुले रहे। हालांकि किसान यूनियन ने संपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया था लेकिन यह आह्वान सफल नहीं हो सकता।

उत्तर प्रदेश महाराज जैसे बड़े राज्यों में भी बंद नहीं देखा गया। केंद्र सरकार के किसी कानून के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत ने भले ही पंश्चिम बंगाल में किसान महापंचायत की थी, लेकिन बंद का असर बंगाल में भी नहीं देखा गया कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया था लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान में भी बाजार बंद नहीं हो सके। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने अनेक शहरों में सिर्फ प्रदर्शन किया कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद नहीं करवाए। यानि कांग्रेस शासित राजस्थान में भी बंद का असर देखने को नहीं मिला है माना जा रहा है कि अब किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ रहा है।

इसकी मुख्य वजह किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों खासकर कांग्रेस की भूमिका को माना जा रहा है राजस्थान में राज्य टिकट की महापंचायत कांग्रेस के विधायकों एवं नेताओं की उपस्थिति देखी गई। टिकैत ने जिस तरह पश्चिम बंगाल जाकर पंचायतें की उससे भी आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ा। दिल्ली की सीमाओं पर धरने में भी किसानों की संख्या लगातार घट रही है भारत बंद की विफलता से ही आंदोलन को धक्का लगेगा।