चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से बौद्धिक संचार

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चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से बौद्धिक संचार
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से बौद्धिक संचार

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के कार्यक्रमों से विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नये विद्यार्थियों का हो रहा है बौद्धिक संचार। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से बौद्धिक संचार

लखनऊ। मुख्यमंत्री उ.प्र. के रोजगार सृजन करने के निर्देशों के क्रम में विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा एवं अनुभव देने के उद्देश्य से चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के विभिन्न कार्यालयों यथा गन्ना आयुक्त कार्यालय, गन्ना शोध परिषद, गन्ना किसान संस्थान, सहकारी गन्ना समिति संघ लि., राज्य चीनी निगम एवं सहकारी चीनी मिल संघ में इच्छुक प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि इंटर्नशिप की अवधि तीन चरणों की है जो 21 दिन, 30 दिन, 60 दिन एवं अप्रेन्टिसशिप 120 दिनों में पूर्ण कराई जा रही है।

प्रशिक्षणकाल में प्रशिक्षु की कम से कम 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षु के रूप में चयनित होने से पूर्व सरकारी कार्यालय की गोपनीयता बनाये रखने हेतु निर्धारित प्रारूप पर निजी घोषणा-पत्र देना भी अनिवार्य किया गया है। इंटर्नशिप कार्यक्रम के सम्पन्न होने के उपरान्त प्रत्येक प्रशिक्षु द्वारा अपने पूर्ण किये गये कार्य के संबंध में स्वमूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके पश्चात ही सफल प्रशिक्षुओं को संबन्धित संस्था द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। अब तक चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अन्तर्गत इंटर्नशिप कार्यक्रम में विभिन्न विषयों से संबंधित लगभग 1169 छात्रों को चयनित किया गया है।


उन्होंने यह भी बताया कि इंटर्नशिप प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु ऐसे प्रशिक्षु जो प्रोफेशनल कोर्स/स्नातक/परास्नातक/शोधरत विद्यार्थी हैं और सम्बन्धित पाठ्यक्रम के किसी भी सेमेस्टर में अध्ययनरत है एवं जिसके द्वारा पिछले सेमेस्टर में कम से कम 55 प्रतिशत अंक प्राप्त किए गये हैं, के लिये इंटर्नशिप करने का कार्यक्रम शासन के आदेश पर सुचारू रूप से चल रहा है। इस कार्यक्रम मंे कृषि, विपणन, लेखा, विधि, कम्प्यूटर, शर्करा तकनीकी, अभियन्त्रण, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, सांख्यिकी एवं औधोगिक प्रशिक्षण आदि के भिज्ञ एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु इच्छुक प्रशिक्षु द्वारा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग तथा इसके विभिन्न कार्यालयों हेतु गन्ना विकास विभाग की वेबसाइट www.upcane.gov.in पर जाकर इंटर्नशिप टैब पर क्लिक कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण उनको भविष्य में रोजगार प्राप्त किये जाने की दशा में व्यवहारिक रूप से कुशल, अनुभवी व कार्यदक्ष बनाने में सहायक होगा।


श्री भूसरेड्डी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कार्यालयों एवं औद्योगिक इकाईयों की मांग के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु प्राविधान किये गये हैं। जिसके अन्तर्गत भारत सरकार की नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) के माध्यम से ग्रेजुएट/डिप्लोमा इंजीनियर अप्रेंटिसशिप हेतु उपलब्ध कराये जाने की योजना पर विभाग द्वारा NATS पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आदि प्रक्रिया पूर्ण करते हुए नये विद्यार्थी सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों में अपने विषयों से संबंधित ग्रेजुएट/डिप्लोमा इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से कार्यक्रम को सफल बना रहे हैं।


विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) के अर्न्तगत अभ्यर्थी को मासिक स्टाइपेन्ड ग्रेजुएट इंजीनियर को रु. 9000 तथा डिप्लोमा इंजीनियर को रु. 8000 दिये जाने का प्राविधान है, जिसमें 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा चीनी मिलों को दी जा रही है। इच्छुक विद्यार्थी हेतु अप्रेंटिस भारत सरकार के चवतजंसण्उीतकदंजेण्हवअण्पद पर आवेदन कर सकते हैं। सहकारी चीनी मिलों में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NATS) के अर्न्तगत अब तक 884 आई.टी.आई. उत्तीर्ण छात्र लाभान्वित हुये हैं।


इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षु का चयन अभ्यर्थियों की उपयुक्तता एवं अर्हताओं के आधार पर किया जाएगा, इसलिए विद्यार्थियों को अपनी श्रेणी के अन्तर्गत ही आवेदन करना होगा अन्यथा स्कूटनी के दौरान आवेदन निरस्त हो जाता है। उक्त इंटर्नशिप प्रोग्राम प्रशिक्षुओं को शासन एवं उसके अधीनस्थ विभागों/कार्यालयों में हो रहे कार्यों से परिचित करायेगा एवं उन्हें अपने विषय से संबंधित विभिन्न कार्यों के संबंध में विशेष कौशल, अनुभव एवं सामूहिक रूप से टीम भावना के साथ कार्य करने का अवसर प्रदान करेगा जिससे विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नवयुवक शक्ति एवं नये विद्यार्थियों का बौद्धिक संचार होगा। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से बौद्धिक संचार