पीडीए के हकों पर सेंधमारी

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पीडीए के हकों पर हो रहीं सेंधमारी आखिर कौन ले रहा इनकी हिस्सेदारी।

विनोद यादव

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(एसएसएससी) के टेक्निकल असिस्टेंट की ग्रुप सी में रिक्त पदों के विज्ञापन प्रकाशित किए जा चुकें हैं लगातार सबका साथ सबका विकास करने की बात भी कहीं जा रहीं हैं लेकिन हाशिए की नोक पर रहने वाले समाज के हकों हुकुम पर जो डाका डाला जा रहा हैं आखिर उस पर मौन बढे़ शकुनी की चुप्पियों क्यूं टूट नहीं रहीं हैं यह सबसें बड़ा सवाल हैं। प्रकाशित विज्ञापन में जिस तरह से आरक्षण के अनुपातिक स्वरूप में शोषित, वंचित ,पीडित अर्थात एसी,एसटी ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कोटे को कम कर के पदो की लूटअनवरत चालू हैं शायद उस पर पीडीए ,पीडीए बोलने वाले नेताओं की भी नजर नहीं पड़ रहीं हैं। हम ये सब लिखकर न क्रांति ला पाएगें न तुम्हें और उनकों जगा ही पाएगें खैर जो बेरोजगारी का दंश हम झेल रहें हैं उस पर आवाज जरूर उठा पाएगें। खैर प्रकाशित विज्ञापन पर यदि बुर्जुआ नेताओं की नजरें पड़ जाए तो हक और अधिकारों की भी चर्चा डबल इंजन की सरकार में हो जाए।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जो टेक्निकल असिस्टेंट ग्रुप सी का विज्ञापन प्रकाशित किया गया हैं उसमें आरक्षण की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गयी हैं जरा एक बार आरक्षण के अनुसार आई सीटों पर भी नजर फरमाए तथा खुद से सवाल कर क्या यह उचित हैं।ओबीसी OBC-27% के हिसाब से मिलने थें 930 पद और मिलें हैं 629 पद कुल मिलाकर 18.25% में 301 पदो की चोरी हुई ओबीसी के नेता चुप।वहीं एसी को आरक्षण के हिसाब से SC-15% में मिलने थें 516 पर और मिले 509 पर इसमें भी 7 पदों की चोरी एसी समाज के भी नेता चुप आखिर हैं न कमाल वहीं एसटी ST-7.5% के अनुपातिक आरक्षण में मिलने थें 258 पद और मिले 151 इसमें भी 107 पदों की कटौती की गयी या कहें चोरी की गयी हैं।

अब सवाल यह हैं PDA के आरक्षण चोरी पर ये खामोशी क्यों हैं आखिर जब हिस्सेदारी की बात आती हैं तो ये थोड़ा थोड़ा चरणामृत ही क्यूं परोसा जाता हैं पूरा क्यूं नहीं दिया जाता।मंचों से जोर जोर चिल्ला लेने से आपनी जाति की संख्या गिना लेने से दलित, पिछडे समाज के नेताओं को भलें मंत्री पद मिल जाए और उनके बेटों को लोकसभा, विधानसभा का टिकट मिल जाए लेकिन सच्चाई तो यह हैं कि हाशिए पर रहने वाले समाज के शोषण पर उनकी जुबां पर ताले ही लगें रहेंगे।