जानें बलिया लोकसभा का रण

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जानें बलिया लोकसभा का रण
जानें बलिया लोकसभा का रण

सरयू और गंगा नदी के बीच बागियों की धरती बलिया लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें बलिया नगर, फेफना, बैरिया, जहूराबाद और मोहम्मदाबाद आती हैं. इनमें तीन पर समाजवादी पार्टी, एक पर भाजपा और एक सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का कब्जा है. जानें बलिया लोकसभा का रण

2019 के चुनाव में दी थी कांटे की टक्कर

2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही सपा एक बार फिर उन पर भरोसा जताया. भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ कांटे की लड़ाई रही और वह मात्र 15,519 वोटों से हारे. मस्त को 4,69,114 मत मिले और सनातन पांडेय को 4,53,595 मत प्राप्त हुए. सपा की ओर से दोबारा उम्मीदवार घोषित होने के बाद एक बार फिर बलिया लोकसभा सीट का सियासी मैदान सजने लगा है. भाजपा ने यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और सांसद रहे नीरज शेखर को और बसपा ने पूर्व सैनिक लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है.

प्रदेश की बलिया लोकसभा सीट पर 7वें और अंतिम चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. बलिया लोकसभा सीट समाजवादी नेता और भारत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सियासी जमीन रही है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर इस सीट से 8 बार चुनाव जीते थे. लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट समाजवादी पार्टी के टिकट पर चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर के पास आ गई. लंबे समय से बलिया में जीत का बाट जोह रही भाजपा को आखिरकार 2014 में यहां से विजयश्री का आशीर्वाद मिला. मौजूदा समय में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त यहां से सांसद हैं. भाजपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने की भरपूर कोशिश कर रही है तो समाजवादी पार्टी अपनी खोई हुई सीट को पाने के लिए ऐड़ी-चोटी के जोर लगा रही है.

भाजपा ने इस बार बलिया से नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया है. समाजवादी पार्टी से सनातन पांडेय मैदान में हैं. बीएसपी से लल्लन सिंह यादव सहित यहां कुल 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. सनातन पांडेय साइकिल पर सवार होकर लगातार दूसरी बार अपने राजनीतिक भाग्य का फैसला करने के लिए चुनावी रण में आए हैं.

सपा छोड़करभाजपा में आए नीरज शेखर

बलिया पर लंबे समय तक समाजवादी नेता चंद्रशेखर का कब्जा था. उनके निधन के बाद 2007 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे नीरज शेखर यहां से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की. 2009 के चुनाव में भी नीरज शेखर सांसद चुने गए. लेकिन 2014 के चुनाव में मोदी लहर के आगे नीरज शेखर टिक नहीं पाए और भरत सिंह मस्त के आगे पस्त हो गए. लोकसभा चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी ने नीरज शेखर को राज्यसभा भेज दिया. वर्ष 2019 में नीरज समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. उसी दिन वो भाजपा से राज्य सभा के लिए चुने गए और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. बीजेपी ने उन्हें इस बार बलिया लोकसभा सीट से टिकट दिया है. जानें बलिया लोकसभा का रण