जानें क्या है ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप..!

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जानें क्या है ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप..!
जानें क्या है ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप..!


ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए ट्वीटर पर अकाउंट को ब्लॉक करने का दिया था निर्देश.

विनोद यादव

सरकार को आलोचना करने वाले ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पसंद हैं न विपक्ष में नेता दोनों को सरकार अपनी गिरफ्त में लेने का हमेशा प्रयास करती हैं यदि ऐसा नहीं करती होती तो ट्वीटर के पूर्व सीईओ का बयान इस परिपेक्ष्य में कदापि न आता. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.जैक डोर्सी के मुताबिक, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार ने सरकार की आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे. डोर्सी ने यह भी दावा किया कि भारत सरकार की ओर से उन पर दबाव बनाया गया और ट्वीटर को भारत में बंद करने की धमकी दी गई. उनमें कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने और ट्विटर कार्यालयों को भी बंद करने की धमकियां शामिल थीं, यह सब निर्देश पालन करने से इनकार करने के कारण हुआ था. जानें क्या है ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप..!

सरकार के सच को कोई उजागर करने का प्रयास करेगा तो उसके पीछें ईडी , सीबीआई जैसी तमाम जांच एजेंसियों का सामना तो करना तय हैं ओ चाहे ट्वीटर के प्रमुख हो या देश में कोई विपक्ष का नेता हो या कोई पत्रकार उसको इस लडा़ई में भागीदार तो होना ही हैं ,सरकार को महिमामंडन करने वाले लोग पसंद हैं आलोचना करने वाले लोग नहीं इसी वजह से ट्वीटर प्रमुख को भी खरी खोटी भी सुननी पड़ी. ।डोरसी ने जोर देकर कहा कि ये कार्रवाइयां भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हो रही हैं. एक टीबी इंटरव्यू के दौरान भारत सरकार को लेकर जैक डोर्सी ने कहा ‘सरकार ने दी थी ट्वीटर बंद करने की धमकी’ दरअसल, एक यूट्यूब चैनल ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स’ ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी का इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू के दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए. इन्हीं सवालों में एक सवाल ये भी था कि क्या कभी किसी सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई, और कंपनी से चीजों की मांग की गई तो उन्हें कैसा लगा?

इसके जवाब में डोर्सी ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ और डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया. डोर्सी ने कहा कि ‘सरकार की तरफ से उनके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की बात कही गई. साथ ही नियमों का पालन नहीं करने पर ऑफिस बंद करने की भी धमकी दी गई.डोर्सी ने कहा कि यह सब भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हुआ’ यदि ट्वीटर के पूर्व सीईओ की यह बाते सही हैं तो सरकार को तो अपनी आलोचना सुनना नहीं चाहिए जिस तरह से राहुल गांधी के विदेश में दिए भाषण के बाद तमाम गोदी मीडिया चैनलों ने भारत को नीचा दिखाना और बेइज्जती जैसी बातो को लेकर कई दिनों तक डिबेट्स करते रहें और सरकार के प्रवक्ता के तौर पर विपक्ष पर सवालों का जखीरा छोडते रहें उसी तरह ट्वीटर के पूर्व सीईओ के खिलाफ भी आंदोलन टीबी पुरम के पत्रकारों को कर देना चाहिए खैर नहीं करेगें सच को दबाया जा सकता हैं झूठलाया नहीं जा सकता जिसका जमीर जिंदा रहता हैं ओ लिखता और बोलता दोनों हैं यदि हम जैक डोर्सी के बयानों को सुने तो उन्होंने इसी तरह तुर्की का भी उदाहरण दिया और बताया कि वहां भी सरकार की तरफ से ट्विटर को उनके देश में बंद करने की धमकी दी गई थी. डोर्सी ने कहा कि तुर्कि में उनकी कंपनी ने सरकार के खिलाफ कई मुकदमे लड़े और जीते भी.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. जैक डोर्सी के मुताबिक, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार ने सरकार की आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे. डोर्सी ने यह भी दावा किया कि भारत सरकार की ओर से उन पर दबाव बनाया गया और Twitter को भारत में बंद करने की धमकी दी गई. उनमें कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने और ट्विटर कार्यालयों को भी बंद करने की धमकियां शामिल थीं,  यह सब निर्देश पालन करने से इनकार करने के कारण हुआ था.

तीनों कृषि कानूनों को लेना पड़ा था वापस मालूम हो कि कई राज्यों के किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से लगभग 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था.वहीं पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों के बारे में किसानों को समझाने में विफलता को स्वीकार किया और उनसे अपने सालभर के विरोध को बंद करने की अपील की जिसके बाद सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया तो ऐसे में सवाल यह हैं कि आखिर सरकार को सोशलमीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर और फेसबुक पर पाबंदी लगाकर करना क्या चाहती हैं क्या भारतीय संविधान में वाक एंव अभिव्यक्त की आजादी की स्वतंत्रता छीनना चाहती हैं आखिर इन सवालों का जबाब कौन देगा.वहीं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डॉर्सी के दावे गलत हैं.मंत्री ने कहा कि डॉर्सी के कार्यकाल में ट्वीटर और उनकी टीम लगातार भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रही थी. चंद्रशेखर के मुताबिक, 2020 से लेकर 2022 तक कई बार नियम तोडे़ थें.

आखिर अब सच्चाई किसकी सही मानी जाए चोट लगने वाले की या मारने वाले की वाली कहावत हो गयी हैं लेकिन सच्चाई तो यह हैं कि आप जैसे सरकार की आलोचना अपने सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर करेगें वैसे ही कम्यूनिटी वाइलेंस दिखाकर प्रतिबंधित कर दिया जाता हैं फेसबुक की रीच को कम कर दिया जाता हैं 42 घंटे और 48 घंटे छोडिए कई – कई महीने आपके एंकाउंट ही नहीं खुलते हैं आखिर इसके पीछे कौन से लोग हैं इसकी जबाबदेही किसकी हैं इसकी कोई तो जिम्मेदारी लेगा . यदि सरकार की आलोचना करने मात्र से फेसबुक का एकांउट बंद हो जा रहा हैं तो अमूमन लोगों का इसारा सरकार की तरफ ही जायेगा. लोग कहते हैं. सोशलमीडिया में बडी़ ताकत होती हैं आपनी आवाज को और सरकार को सही दिशा और दशा दिखाने का बढिय़ा रास्ता हैं मगर जब रास्ते पर पहले से काटें बोए गयें हो तो लोग चुन चुन कर पैर रखेगें ही और कदम तो पीछें नहीं करेगें आगे ही बढ़ते जायेगें. जानें क्या है ट्वीटर के पूर्व सीईओ का आरोप..!