बिजली कटौती से जीना बेहाल

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बिजली कटौती से जीना बेहाल
बिजली कटौती से जीना बेहाल

जबरदस्त बिजली कटौती से आमजन एवं व्यापारियों का जीना हुआ बेहाल। बिजली कटौती से जीना बेहाल

लखनऊ। उ.प्र.अपना व्यापार मँडल के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति मे बताया कि पूरे प्रदेश मे जबरदस्त बिजली कटौती की जा रही है कही ट्रान्सफार्मर फुक रहे हैं तो कही बँच चल रहे है।बिजली की बजह से चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है ।जिससे व्यापारियो एवं आमजनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है।राजधानी लखनऊ की सप्लाई भी पटरी से उतर चुकी है। लगातार एक सप्ताह से सेक्टर -12 राजाजीपुरम, रूकुन्दीपुर, आसपास के क्षेत्रों मे रात्रि मे बिजली कटौती व लोवोल्टेज से लोग परेशान हैं।जेहटा मे भी लगातार कटौती जारी है ।हबीबपुर मे भी कटौती जारी है।शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों की हालत तो और भी खराब हैफिर जाहे माल उपकेंद्र के अन्तर्गत जगतापुर हो,मनभौना हो,बरूआ, बभूती खेडा हो उपकेंद्र के सम्बंधित अधिकारियों के फोन तक नही उठते हैं।प्रवक्ता अजय यादव ने प्रदेश सरकार से माँग की है कि जल्द से जल्द जनता को बिजली कटौती से राहत दिलाने हेतु सकारात्मक कदम उठाए जाए तथा जनता को तय शेड्यूल के मुताबिक बिजली हर क्षेत्र को मिले ऐसी व्यवस्था की जाए।

अघोषित बिजली कटौती के कारण समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर लोगों काे भीषण गर्मी से बेहाल होना पड़ रहा है वहीं बिजली से संचालित कारोबार ठप हो रहे हैं। इस अव्यवस्था से लोगों में आक्रोश पनप रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि क्षेत्र में समस्याओं पर कोई जन प्रतिनिधि बोलना ही नहीं चाहता। बिजली कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि अत्यधिक लोड की बजह से हालात बिगड़ रहे हैं। इस अव्यवस्था में जल्दी ही सुधार के प्रयास किए जाएंगे। लेकिन यह प्रयास कब तक किए जाएंगे कोई समय निश्चित नहीं है।

अस्पताल से ज्यादा खराब स्थिति स्कूलों में हैं। क्योंकि यहां कक्षाओं में बड़ी संख्या में बच्चे बैठते है। इसलिए अधिक समस्या उपज रही है। यह गर्मी से बेहाल होते हुए चिड़चिड़े हो रहे हैं। गर्मी इन दिनों बढती ही जा रही है कम होने के आसार नहीं आ रहे हैं। तापमापी का पारा कम नहीं हो रहा है। इस प्रकार से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भी बेहाल हैं। अस्पताल में सोलर प्लांट खराब पड़ा है। जनरेटर जरूरत के वक्त ही चालू होता है। इन्वर्टर से पंखे ही चल पा रहे हैं। छत पर लगे पंखे कितनी राहत दे सकते हैं। अधिकांश मरीजों के परिजन को पंखा झलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल में भर्ती महिलाएं बोली आपके हाथ जोड़ रहे हैं, हमारा फोटो खींचो ताे शायद हमें गर्मी से राहत मिल जाए। बिजली कटौती से जीना बेहाल